29 मई तक मांगे मानो, नहीं तो 30 को बसें नहीं चलेगी

फर्स्ट वर्डिक्ट. शिमला
हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ड्राइवर यूनियन ने निगम प्रबंधन के खिलाफ फिर मोर्चा खोल दिया है। यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि 29 मई तक सरकार व निगम प्रबंधन ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो वे 30 मई को बसें नहीं चलाएंगे। यानी हिमाचल प्रदेश में एक दिन के लिए 4000 सरकारी बसों के पहिए थम जाएंगे। शिमला में प्रदर्शन करते हुए एचआरटीसी ड्राइवर यूनियन ने प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए 'काम छोड़ों' आंदोलन का ऐलान किया है। ड्राइवर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष मान सिंह ठाकुर ने बताया कि 29 मई की रात 12 बजे से 30 मई की रात 12 बजे तक एचआरटीसी का कोई भी चालक बस नहीं चलाएगा। उन्होंने बताया कि यूनियन ने 25 अप्रैल को ही एचआरटीसी प्रबंधन को मांगे पूरी करने के लिए 12 मई तक का अल्टीमेटम दे दिया था, लेकिन एचआरटीसी प्रबंधन ने मांगे मानना तो दूर अब तक वार्ता के लिए भी नहीं बुलाया है।
दरससल एचआरटीसी कर्मचारी राज्य सरकार के कर्मचारियों की तर्ज पर छठे वेतनमान के लाभ की मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार अपने लगभग सभी कर्मचारियों को छठे वेतनमान के लाभ दे चुकी है लेकिन एचआरटीसी कर्मचारियों को अब तक इसके लाभ नहीं दिए गए। इसी तरह एचआरटीसी कर्मचारी 36 महीनों के लंबित पड़े ओवर टाइम के भुगतान, डीए का 2006 से लंबित पड़े एरियर के भुगतान और वरिष्ठ चालकों के पद सृजित करने की मांग कर रहे हैं। वरिष्ठ चालकों के पद सृजन की मांग को एचआरटीसी की निदेशक मंडल बैठक में भी पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। जाहिर है कि एचआरटीसी चालकों की हड़ताल से प्रदेशभर में आम आदमी को आवाजाही में कठिनाईयां झेलनी पड़ेगी क्योंकि प्रदेश में आवाजाही का एकमात्र साधन सड़कें ही है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में इससे लोगों को कठिनाईया झेलनी पड़ेगी।