जेबीटी प्रशिक्षुओं ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा

हिमाचल प्रदेश के जेबीटी प्रशिक्षुओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।जेबीटी प्रशिक्षु प्रदेश के अलग-अलग कोनों में प्रदर्शन कर रहे है। दरससल प्रदेश के जिन जिलों में पहली बार काउंसिलिंग के दौरान जेबीटी के पद खाली रह गए हैं वहां पर दूसरे राउंड में काउंसिलिंग शुरू कर दी गई है, लेकिन एक बार फिर से इस भर्ती का विरोध शुरू हो गया है। कारण यह है कि हमीरपुर, शिमला सहित अन्य जिलों में भर्ती के लिए जो नोटिफिकेशन जारी हुई है उसके मुताबिक बीएड को भी इसमें पात्र माना गया है।यानी जेबीटी के साथ बीएड वाले अभ्यर्थी भी इस काउंसिलिंग में भाग ले सकते हैं। ऐसे में एक बार फिर पूरे प्रदेश में इसका विरोध शुरू हो गया है और जेबीटी प्रशिक्षु इस नोटिफिकेशन के विरोध में खड़े हो गए हैं।
जेबीटी प्रशिक्षुओं का कहना है कि अगर सरकार निर्णय को वापस नहीं लेती है तो पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा। जेबीटी प्रशिक्षुओं ने बताया कि वर्तमान में चल रही जेबीटी भर्ती में बीएड को शामिल करने का निर्णय सरकार ने गलत तरीके से लिया है। यह निर्णय जेबीटी के अधिकारों का हनन करने के लिए लिया गया है। पिछले पांच साल से जेबीटी प्रशिक्षु शोषण का शिकार हो रहे हैं। प्रदेश में करीब 40 हजार जेबीटी प्रशिक्षित हैं और वर्तमान में 5000 प्रशिक्षु जेबीटी का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। सरकार का नकारात्मक रवैया जेबीटी प्रशिक्षुओं के लिए हानिकारक है।
प्रशिक्षुओं का कहना है कि सरकार ने बीएड को जेबीटी के पदों पर नियुक्ति के लिए पात्र माना है, इस निर्णय को सरकार वापस ले। अगर सरकार इस निर्णय को वापस नहीं लेती है तो पूरे प्रदेश में व्यापक आंदोलन किया जाएगा और साथ ही पूरे प्रदेश में कक्षाओं का बहिष्कार कर प्रशिक्षण संस्थान बंद कर दिए जाएंगे।