पदोन्नति के नियमों में बदलाव का विरोध

फर्स्ट वर्डिक्ट. शिमला
प्रदेश के विज्ञान अध्यापक टीजीटी से मुख्याध्यापक पदोन्नति के नियमों में बदलाव के खिलाफ है। प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ ने सरकार से मांग की है कि टीजीटी से मुख्याध्यापक पदोन्नति के नियमों में कोई छेड़छाड़ न करते हुए माननीय न्यायालय के निर्णय को यथावत रखा जाए। प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ का मानना है कि इससे टीजीटी से मुख्याध्यापक बनने के लिए लगभग 22 वर्षों से पदोन्नति का इंतजार कर रहे अध्यापकों के साथ अन्याय नहीं होगा। संघ का मानना है कि यदि नियमों में कोई बदलाव किया जाता है तो मुख्याध्यापक के पद पर पदोन्नति का इंतजार कर रहे प्रदेश भर के टीजीटी शिक्षक, टीजीटी पद से ही सेवानिवृत्त होने को मजबूर हो जाएंगे।
प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र ठाकुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुधीर चंदेल, प्रदेश महामंत्री अवनीश कुमार, कोषाध्यक्ष लवलीन, मीडिया प्रभारी सुनील का कहना है कि इस मांग को पहले भी कई बार मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव प्रदेश के समक्ष उठाया जा चुका है। मुख्यमंत्री द्वारा अपने बजट भाषण में 26 अप्रैल 2010 के बाद टीजीटी से पदोन्नत लेक्चरर की ऑप्शन एकमुश्त बहाल कर मुख्याध्यापक बनाने की घोषणा की है, इसके लागू होने से टीजीटी काडर के एक बहुत बड़े वर्ग के साथ अन्याय न हो, इसलिए जो पदोन्नति की स्थिति लगभग 10 वर्षों से चली आ रही है, उसी को यथावत रखा जाए।