सरकार ने किसानों को दिया कृषि कानून टालने का प्रस्ताव, जानिए क्या है पूरा मामला

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान धरने पर हैं। किसानों ने 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर मार्च निकालने का भी ऐलान कर रखा है। सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी भी कोई नतीजा निकल कर नहीं आया है। किसान ये कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। सरकार ने गतिरोध खत्म करने के लिए इन कानूनों को डेढ़ साल तक लंबित रखने का प्रस्ताव भी दिया, लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं है।
इन कानूनों को डेढ़ साल तक लंबित रखने की प्रक्रिया उतनी ही जटिल और लंबी है जितनी बिल पारित कराकर कानून बनाने की। संविधान के जानकारों के मुताबिक कानूनों को लंबित रखने का ऐलान भले बाहर हुआ हो, लेकिन इसकी प्रक्रिया सदन में ही पूरी होगी। तीनों कृषि बिल को सदन ने बहुमत से पारित कर कानून बनाया है। राष्ट्रपति के दस्तखत और सरकारी अधिसूचना के साथ-साथ इसे राजपत्र में प्रकाशित भी किया जा चूका है, ऐसे में इसे टालने के लिए भी वही प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी, जो इसे कानूनी रूप देने के लिए अपनाई गई थी।