रोचक होगा अर्की का संग्राम, 2022 में पाल या गोविन्द राम

- 2017 में दो बार के विधायक का टिकट काटा, फिर अनदेखी भी हुई
- ठगा सा महसूस कर रहा है भाजपा का पुराना कार्यकर्ता
अर्की निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा का हाल फिलहाल ठीक नहीं दिख रहा है। दो नेताओं के बीच बढ़ती खींचतान और वर्चस्व की लड़ाई में पार्टी फंसी हुई है। क्षेत्र में नेतृत्व और चेहरे को लेकर लगातार सवाल उठ रहे है। दरअसल, 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने दो बार विधायक रहे गोविन्द राम शर्मा का टिकट काट कर रतन सिंह पाल को टिकट दिया था। इसके बाद से ही अर्की भाजपा में विभाजन स्पष्ट देखा जा सकता है। खेर 2017 में सरकार बनी तो उम्मीद थी कि गोविन्द राम को पार्टी कोई महत्वपूर्ण पद या ज़िम्मेदारी देगी, पर ऐसा भी हुआ नहीं। इसका असर अर्की भाजपा के बड़े खेमे में दिखता है। गोविन्द राम से जुड़ा पुराना कार्यकर्ता खुद को ठगा सा महसूस करता है।
उधर, गोविन्द राम अब तेवर बदल चुके है। वे 2022 के लिए अभी से खुलकर अपना दावा ठोक रहे है। उनके साथ भाजपा का एक बड़ा गुट दिख रहा है और जैसे - जैसे 2022 नजदीक आ रहा है उनके समर्थकों का कुनबा भी बढ़ता दिख रहा है। वैसे भी 2017 से ही भाजपा के लिए अर्की में कुछ ख़ास अच्छा नहीं हुआ है। हालहीं में हुए नगर पंचायत चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। बीडीसी पर भी कांग्रेस का कब्ज़ा रहा। वहीं जिला परिषद् में भी टिकट वितरण को लेकर सवाल उठे। जिला परिषद् के डुमैहर कुनिहार वार्ड से पार्टी के बागियों ने जीत दर्ज की। बहरहाल, रतन सिंह पाल बेशक फ्रंट फेस बने हुए है पर गोविन्द राम की पकड़ पर कोई संशय नहीं है।
अर्की में दो बार कमल खिला चुके है गोविंद राम
कांग्रेस के गढ़ रहे अर्की में लम्बे समय बाद 2007 में गोविन्द राम शर्मा ने कमल खिलाया था। 2012 में शर्मा लगातार दूसरी बार जीते। बावजूद इसके 2017 में उनका टिकट काट दिया गया। हालांकि जानकार मानते है कि 2017 में शर्मा भाग्यशाली रहे क्योंकि अर्की से कांग्रेस टिकट पर खुद वीरभद्र सिंह ने चुनाव लड़ा था।
अब तक खरे नहीं उतरे पाल
अर्की नगर पंचायत में भाजपा को करारी शिकस्त मिली थी। जिला परिषद् चुनाव में पार्टी ने अमर सिंह ठाकुर और आशा परिहार का टिकट काटा था जो भारी भूल साबित हुआ। आखिरकार ये दो चेहरे ही अध्यक्ष पद पर पार्टी का कब्ज़ा करवाने में निर्णायक सिद्ध हुए। माना जाता है कि अर्की भाजपा में फिलवक्त रतन सिंह पाल की खूब चल रही है, पर चुनावी समर में पाल अब तक कुछ कमाल नहीं कर सके है। सोलन नगर निगम चुनाव में भी रतन सिंह पाल को वार्ड 17 का प्रभारी बनाया गया था। प्रत्याशी चयन में भी उनकी राय को तवज्जो दी गई पर वार्ड 17 में भाजपा तीसरे स्थान पर रही।
मैं आश्वस्त, 2022 में मुझे मिलेगा टिकट: गोविन्द राम
गोविन्द राम शर्मा 2022 के लिए अभी से हुंकार भर चुके है। शर्मा आश्वस्त है कि पार्टी उन्हें टिकट देगी और वे चुनाव जीतेंगे भी। निसंदेह उन्हें दरकिनार करना भाजपा के लिए आसान नहीं होने वाला। शर्मा कहते है 2017 में उन्होंने टिकट भी छोड़ा और पूरी शिद्दत से पार्टी के लिए काम करते आ रहे है। अब पार्टी के आशीर्वाद से 2022 में वे ही कमल खिलाएंगे।