पठानिया परिवार के खिलाफ मुखर चेतन चंबियाल

एक नेता या कार्यकर्ता जो पार्टी के लिए सब कुछ करता है, कार्यक्रमों में कारपेट भी उठाता है, झंडे भी लगाता है, लोगों को मनाता है वो ही पार्टी की टिकट का असली हक़दार हो सकता है, न की कोई पैराशूट से उतरा हुआ नवाबजादा पूर्व विधायक की भी मैं अगर बात करूँ तो वो भी पिछले 4 साल से काफी बीमार रहे। वो बीमार थे इसीलिए वो किसी से न मिलते थे न किसी का कोई काम करते थे। जो भी व्यक्ति उनके पास जाता था वो ज़लील होकर वापस आता था। वो साफ़ तौर पर किसी का भी काम करने से इंकार कर देते थे।
फतेहपुर उपचुनाव से पहले कांग्रेस में घमासान मचा है। पार्टी के कुछ नेता पूर्व विधायक सुजान सिंह पठानिया के पुत्र भवानी सिंह पठानिया के खिलाफ मोर्चा खोल चुके है। वंशवाद और परिवारवाद के खिलाफ बीत दिनों विराट प्रदर्शन किया गया और ये गुट हुंकार भर चुका है कि यदि पार्टी भवानी को टिकट देती है तो इनमें से ही कोई एक बतौर बागी मैदान में होगा। विरोध करने वाले इन नेताओं में से एक नाम है चेतन चंबियाल का। फर्स्ट वर्डिक्ट ने चेतन चम्ब्याल से विशेष बातचीत की। परिवारवाद पर चेतन का पक्ष बड़ा अजीब है, उनका कहना है कि राहुल गांधी के परिवार ने देश के लिए बलिदान दिए है इसलिए उनका हक़ बनता है, जबकि पूर्व विधायक सुजान सिंह पठानिया के परिवार का नहीं। चेतन ने कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी। पेश है उस बातचीत के कुछ मुख्य अंश....
सवाल : फतेहपुर कांग्रेस में साफतौर पर गुटबाज़ी नज़र आ रही है और आप लोग परिवारवाद को मुद्दा बना रहे है। टिकट को लेकर हाईकमान से आपकी क्या मांगें है?
जवाब : मेरा मानना है कि परिवारवाद किसी भी पार्टी को अंदर से खत्म करने का काम करता है। आज पूरे देश में जो कांग्रेस पार्टी की स्थिति है उसका कारण परिवारवाद है। एक नेता या कार्यकर्ता जो पार्टी के लिए सब कुछ करता है, कार्यक्रमों में कारपेट भी उठाता है, झंडे भी लगाता है, लोगों को मनाता है वो ही पार्टी की टिकट का असली हक़दार हो सकता है, न की कोई पैराशूट से उतरा हुआ नवाबजादा। मैं चाहता हूँ कि हमारी आवाज़ हाईकमान तक पहुंचे, राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी तक पहुंचे और उनको भी ये मालूम हो कि वो लोग हाईलेवल पर इतनी मेहनत तो कर रहे है लेकिन ज़मीनी स्तर पर उनके कार्यकर्ता के साथ क्या क्या हो रहा है। काम कार्यकर्ता करते है और डेसिग्नेशन किसी अन्य को दी जाती है। हम जैसे कार्यकर्ताओं को पीछे करने की हर कोशिश की जाती है और एक नेता के बेटे को हाथ पकड़ कर आगे ले जाया जाता है, ये सरासर गलत है। मैं आपको बता दूँ कि हमारे इलाके में जब भी किसी नेता के बेटे को टिकट दी गई है वो सब हारे है, कोई भी सहानुभूति की लहर किसी को बचा नहीं पाई। दूसरी बात वो व्यक्ति जो फतेहपुर से टिकट मांग रहा है वो सारी उम्र लंदन अमेरिका घूमता रहा है। उसने फतेहपुर की जनता के लिए कुछ भी नहीं किया लेकिन अब अचानक उसको फतेहपुर की जनता प्यारी लगने लगी है। हम लोगों के बीच गए है, हमने उनकी सहायता की है न की इन पैराशूट नेताओं ने। पूर्व विधायक की भी मैं अगर बात करूँ तो वो भी पिछले 4 साल से काफी बीमार रहे। वो बीमार थे इसीलिए वो किसी से न मिलते थे न किसी का कोई काम करते थे। जो भी व्यक्ति उनके पास जाता था वो ज़लील होकर वापस आता था। वो साफ़ तौर पर किसी का भी काम करने से इंकार कर देते थे। जब लोगों के काम ही नहीं किये तो फिर किस बात की सहानुभूति।
सवाल : कांग्रेस पार्टी में परिवारवाद कोई नई बात नहीं है, खुद राहुल गांधी भी राजनीति में आते ही सांसद बन गए थे। परिवारवाद कांग्रेसियों के लिए एक मसला कैसे हो सकता है?
जवाब : देखिये राहुल गाँधी के परिवार ने हमारे देश के लिए काफी बलिदान दिए है इसीलिए ये उनका हक़ बनता है। जिस विधायक ने अपनी विधायक निधि भी अपनी विधानसभा क्षेत्र के लिए खर्च न की हो उसके साथ कैसी साहनुभूति। अगर पूर्व विधायक ने बलिदान दिए होते तो हम उनके परिवार के साथ खड़े रहते।
सवाल : आपके अनुसार अगर बलिदान किया हो तो परिवारवाद ठीक है ?
जवाब : जी नहीं, लेकिन जिसके परिवार ने देश के लिए इतना सब कुछ किया हो उसका हक़ तो बनता ही है। बाकि ये लोग जो खुद को टिकट के दावेदार समझते है वे पहले 5 -10 साल पार्टी के लिए काम करें। पार्टी के झंडे लगाए, कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए कार्य करें, पार्टी को मजबूती दें, अगर ये काम करते है तो मैं इनके साथ चलूँगा। मैंने सुना है कि इनका करोड़ो का पैकेज था जिसको छोड़ कर ये यहां आए है। इतनी बड़ी पोस्ट पर रहने के बाद इन्होंने फतेहपुर के युवाओं के लिए आखिर क्या किया किसको गाइड किया किसकी सहायता की। जब हमारे पूर्व विधायक के पास कोई भी व्यक्ति अपने बच्चों की नौकरी के लिए जाता था तो वो कहते थे की इनसे जैविक खेती कराओ, खीरे लगाओ, इसमें बहुत पैसा है। उनका बेटा विदेशों में घूम रहा है और हमारे युवा बेरोजगार रहे, ये कहां तक सही है।
सवाल : अगर पूर्व विधायक से आपको इतनी आपत्ति थी तो उनके रहते हुए अपने क्यों सवाल नहीं किये?
जवाब : मुझसे बेहतर हाईकमान जानता है कि वो कैसे थे। हाईकमान जानता है कि उनका रवैया जनता के साथ कैसा था, मंत्रियों के साथ कैसा था। ये कोई बताने वाली बात नहीं है।
सवाल : क्या आपको नहीं लगता की ये हावी अंतर्कलह पार्टी को उपचुनाव से पहले कमज़ोर कर रही है ?
जवाब : देखिये ऐसा है कि हम कांग्रेस के सिपाही है और हम किसी भी हालत में कांग्रेस को कमज़ोर नहीं होने देंगे। अपने दिल की बात सामने रखना हमारा अधिकार है और हम चाहते है कि हाईकमान हमें सुने। जो कल यहां आया है उसे कोई नहीं जानता, लेकिन हमें सब जानते है। हाईकमान हमारी बात सुन नहीं रहा था इसीलिए हमें विशाल रैली निकाल कर अपनी ताकत का प्रदर्शन करना पड़ा। उस रैली में हमारे साथ कम से कम 4 हज़ार लोग और 150 गाड़ियों का काफिला था। हम ये नहीं चाहते कि उस पैराशूट को टिकट दी जाए।
सवाल : आपके अनुसार टिकट का असली हक़दार कौन है ?
जवाब : देखिये हमें किसी चीज़ का लालच नहीं है ,फतेहपुर के किसी भी कार्यकर्ता को ये टिकट दे दिया जाए। फतेहपुर में कांग्रेस के वर्कर बहुत है, लेकिन वोट उसे मिले जो जनता का काम करे। पिछले इलेक्शन में भी सुजान सिंह जी एक बार भी घर से बाहर नहीं निकले लेकिन कार्यकर्ताओं की मेहनत ने उन्हें जीता दिया।
सवाल : अगर हाईकमान ने आपकी नहीं सुनी तो फिर क्या करेंगे ?
जवाब : मैं चाहता हूँ को हाईकमान को सब कुछ मालूम हो। फतेहपुर में हमने लोगों को एकजुट कर के रखा है क्यूंकि हमारे विधायक बीमार थे, वो लोगो से नहीं मिलते थे। उस वक्त उनका बेटा नहीं आया लेकिन हम यहां थे। लोगों का दुखदर्द हमने सुना है। अगर हाईकमान हमारी आवाज़ नहीं सुनता तो ये ठीक नहीं होगा। मैं आपको बता दूँ इन टिकट के दावेदारों ने कुछ सालों पहले ये ब्यान दिया था कि कांग्रेस में किसी नेता के बेटे को टिकट न दी जाए, इससे पार्टी कमज़ोर हो रही है। तो अब ये क्यों टिकट मांग रहे है। इस आदमी की बातों पर विश्वास नहीं किया जा सकता।
सवाल : अगर हाईकमान आपको आशीर्वाद देती है तो क्या आप फतेहपुर का ये उपचुनाव लड़ेंगे ?
जवाब : जी बिलकुल, मैं लडूंगा भी और जीत कर भी दिखाऊंगा।
सवाल : फतेहपुर में विकास कार्यों की क्या स्थिति है और चुनाव में आपके मुख्य मुद्दे क्या होंगे?
जवाब : विकास तो फतेहपुर की दुखती रग है। यहां के लोग परेशान है क्यों कि विकास के नाम पर यहां कुछ भी नहीं हुआ। न यहां सड़कें बनी है, न घरों में नल है, न लोगों के पास नौकरियां। मैं फतेहपुर की ये स्थिति बेहतर करने की कोशिश करूँगा। लोग कांग्रेस को वोट देने से इंकार कर चुके थे क्यों कि विकास नहीं हुआ था, लेकिन हमने उनकी सहायता की और उन्हें समझाया है। हमने लोगों के काम किये है और आगे भी करते रहेंगे। युवाओं को नौकरियां देने की कोशिश करेंगे, स्पोर्ट्स को बढ़ावा देंगे और हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ ज़रूर करेंगे। हम फतेहपुर की सेवा करते रहे है आगे भी करते रहेंगे।
सवाल : फतेहपुर में भाजपा और कांग्रेस दोनों में ही भारी अंतर्कलह है, ऐसे में आपको नहीं लगता अगर ये दोनों आपसे में ही लड़ते रहे तो तीसरा मोर्चा मज़बूत हो जाएगा ?
जवाब : जी हम इतने कमज़ोर नहीं है की किसी तीसरे को जीतने दें। मुझे विश्वास है कि हाईकमान जल्द निर्णय लेगी और कांग्रेस में सब ठीक होगा।