यूथ कांग्रेस अध्यक्ष से दिल्ली पुलिस की पूछताछ पर कांग्रेस की राजनीति शर्मनाक :भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा यूथ कांग्रेस अध्यक्ष से दिल्ली पुलिस की पूछताछ पर कांग्रेस की राजनीति शर्मनाक है। उन्होंने कहा दिल्ली पुलिस ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर चल रही जाँच में कोविड -19 दवाओं की अवैध खरीद और वितरण के आरोपों को लेकर 14 मई 2021 को युवा कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बी से पूछताछ की। पुलिस पहले ही इस मामले में कुछ AAP और भाजपा नेताओं से पूछताछ कर चुकी है ।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सांसद गौतम गंभीर , भाजपा नेता हरीश खुराना , आप विधायक दिलीप पांडेय सहित कई लोगों से दिल्ली पुलिस अब तक पूछताछ कर चुकी है । कांग्रेस पार्टी ने यूथ कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बी से पूछताछ पर नाराजगी जताई एवं कोविड-19 सहायता वितरित करने के लिए किसी की जाँच करने की उपयुक्तता पर सवाल उठाया । कांग्रेस का आरोप राजनीति से प्रेरित हैं क्योंकि ये पूछताछ दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर हो रहा है, कांग्रेस द्वारा पूछताछ पर लगाए गए आरोप एक तरह से अदालत के आदेश की अवमानना है।
उन्होंने कहा दिल्ली पुलिस द्वारा पूछताछ दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार की जा रही है , जिसने उन्हें COVID - 19 दवाओं के कथित अवैध वितरण में राजनेताओं की संलिप्तता की जाँच करने के लिए कहा है ।
हृदुआ फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ . दीपक सिंह ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी , जिसमें कथित ' मेडिकल माफिया - राजनेता गठजोड़ ' और राजनेताओं द्वारा कोविड दवाओं के अवैध वितरण की सीबीआई जाँच की माँग की गई थी । याचिकाकर्ता ने गंभीर , श्रीनिवास , साथ ही भाजपा नेताओं सुजय विखे , गौतम गंभीर और शिरीष चौधरी , कांग्रेस नेता प्रियंका गाँधी वाड्रा और कांग्रेस विधायक मुकेश शर्मा , एनसीपी नेता शरद पवार और रोहित पवार का उल्लेख किया था । इसमें उनके द्वारा वितरित किए गए रेमडेसिविर का उदाहरण दिया गया था ।
उन्होंने कहा याचिका में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून , 1980 के अनुसार कोविड -19 दवाओं की कालाबाजारी में लिप्त होने और विधायकों और सांसदों को अयोग्य ठहराने के लिए ऐसे व्यक्तियों को हिरासत में लेने के लिए भी अपील की गई थी । अदालत ने 4 मई को एफआईआर और सीबीआई जाँच की याचिका को खारिज कर दिया था , लेकिन दिल्ली पुलिस से इस मुद्दे की जाँच करने के लिए कहा था । अदालत ने पुलिस से कहा था कि राजनेताओं द्वारा कथित तौर पर सीधे रेमडेसिविर की खरीद और उन्हें कोविड -19 मरीजों को वितरित करने के मामलों पर ध्यान दें और यदि कोई अनियमितता मिलती है तो प्राथमिकी केस दर्ज करे । अदालत ने राज्य को एक सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा और मामले को सुनवाई के लिए 17 मई को सूचीबद्ध किया ।