ठाकुर के साथ कालिया, शारदा अब भी साइलेंट
जिला ऊना की गगरेट सीट इस बार हॉट सीट है और इस सीट पर दिलचस्प मुकाबला होता दिख रहा है। कांग्रेस ने यहाँ से हालहीं में पार्टी में शामिल हुए जिला परिषद् सदस्य चैतन्य शर्मा को टिकट दिया है। इससे नाराज होकर पूर्व विधायक रहे राकेश कालिया ने भाजपा का दामन थाम लिया है। उधर भाजपा ने फिर सीटिंग विधायक राजेश ठाकुर पर दाव खेला है। पर कालिया और ठाकुर के साथ आने के बावजूद भी ये मुकाबला फिलवक्त बराबरी का दिख रहा है। आम आदमी पार्टी भी यहाँ से मैदान में है और उसके प्रदर्शन पर भी निगाहें रहेंगी। इन सबके बीच लम्बे समय से क्षेत्र में सक्रीय रहे मनीष शारदा न तो चुनाव लड़ रहे है और न ही किसी प्रत्याशी के समर्थन में है। शारदा करीब एक दशक से इस क्षेत्र में निरंतर सक्रीय है और उनके समर्थकों की खासी तादाद है। माहिर मानते है कि शारदा यदि किसी प्रत्याशी के समर्थन में उतरते है तो इसका ख़ासा प्रभाव पड़ेगा। पर अब तक शारदा साइलेंट है और चुनाव से दुरी बनाये हुए है।
विदित रहे कि गगरेट सीट पर लम्बे वक्त तक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुलदीप कुमार का कब्ज़ा रहा है। पर 2008 के परिसीमन के बाद ये सीट ओपन हुई और 2012 में यहाँ से राकेश कालिया ने चुनाव लड़ा। दरअसल कालिया चिंतपूर्णी से चुनाव लड़ते थे जो सीट 2008 में आरक्षित हो गई और ऐसे में कुलदीप कुमार और कालिया ने अपने चुनाव क्षेत्र की अदला बदली कर ली। 2012 में इसका लाभ दोनों को मिला और दोनों चुनाव जीत गए, पर 2017 में दोनों को शिकस्त मिली। 2017 में कालिया की हार का अंतर दस हजार के करीब था और कांग्रेस के तमाम सर्वे में भी कालिया पिछड़ते दिख रहे थे और ये ही उनके टिकट कटने का कारण बना। बहरहाल कालिया भाजपाई हो गए है और गगरेट का चुनावी संग्राम बेहद रोचक। फिलवक्त निगाहें मनीष शारदा पर भी टिकी है कि क्या वो अपने समर्थकों सहित किसी प्रत्याशी के लिए वोट मांगेंगे या चुप्पी बनाये रखेंगे।