नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता : आश्वासन तो ठीक है, पर अब एक्शन चाहिए

विधानसभा चुनाव में एक साल से भी कम का वक्त बचा है, और कर्मचारियों की अनसुनी फरियादों की लम्बी फेहरिस्त सरकार के सामने है। उम्मीदें बेतहाशा है और अपनी -अपनी मांगों को लेकर कर्मचारी संगठन नेताओं से मिलने की कवायद में जुटे है। जयराम राज में एक ऐसी ही अनसुनी फ़रियाद है नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता की मांग। इसे लेकर वर्षों से चला आ रहा संघर्ष अब भी जारी है। जेसीसी की बैठक में नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता मांगने वाले कर्मचारियों को वरिष्ठता तो नहीं मिल पाई थी, पर इसके लिए कमेटी के गठन का आश्वासन ज़रूर मिला था। अब कर्मचारियों को कमेटी के गठन का इंतज़ार है। दरअसल, आश्वासन तो लम्बे वक्त से मिलते ही आ रहे है सो अब कर्मचारी चाहते है कि तुरंत एक्शन हो। चुनाव अब नजदीक है और हाल फिलहाल सरकार के ग्रह भी रूठे -रूठे से दिखे है, सो कोशिश ये ही है कि सरकार पर दबाव बनाया जाएँ, और आशा ये है कि सरकार अब आश्वासन से आगे निकल एक्शन ले। बहरहाल विधानसभा के शीतकालीन सत्र में हिमाचल अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता की मांग को पूरा करवाने हेतु एक बार फिर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से सर्किट हाउस धर्मशाला में मिला। संगठन ने कमेटी के गठन की घोषणा के लिए सीएम का आभार जताया, साथ ही ये भी याद दिलाया कि अभी सिर्फ घोषणा ही हुई है। संगठन ने कमेटी में हिमाचल अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन के सदस्यों को शामिल करने की मांग भी की।
दरअसल ये मसला शुरू हुआ 2008 में, जब बैचवाइज और कमीशन आधार पर लोकसभा आयोग और अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग द्वारा कर्मचारियों की नियुक्तियां अनुबंध के तौर पर की जाने लगी l पहले अनुबन्ध काल 8 साल का हुआ करता था जो बाद में कम होकर 6 फिर 5 और फिर 3 साल हो गया। ये अनुबन्ध काल पूरा करने के बाद यह कर्मचारी नियमित होते है। अनुबंध से नियमित होने के बाद इन कर्मचारियों की अनुबंध काल की सेवा को उनके कुल सेवा काल में नही जोड़ा जाता, जो संगठन के अनुसार सरासर गलत है। इनका कहना है कि अनुबंध काल अधिक होने से पुराने कर्मचारियों को वित्तीय नुकसान के साथ प्रमोशन भी समय पर नहीं मिल पाती अब मांग है कि उनको नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता प्रदान की जाए ताकि उन्हें समय रहते प्रमोशन का लाभ मिल सके। अनुबंध काल की सेवा का वरिष्ठता लाभ ना मिलने के कारण उनके जूनियर साथी सीनियर होते जा रहे हैं। अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन का कहना है कि कुछ अनुबंध कर्मचारी 8 वर्ष के बाद नियमित हुए, कुछ 6 वर्ष के बाद, कुछ 5 वर्ष के बाद और वर्तमान में 3 वर्ष के बाद नियमित हो रहे हैं और अब आने वाले समय में 2 वर्ष में कर्मचारी नियमित होंगे। ऐसे में ये नीति कर्मचारियों के मौलिक और समानता के अधिकार का हनन है।
मान सम्मान का विषय, सीएम से हुई सकरात्मक बातचीत : गर्ग
हिमाचल अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन के प्रदेशाध्यक्ष मुनीष गर्ग और जिलाध्यक्ष सुनील पराशर का कहना है कि नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता ना मिलने से जूनियर कर्मचारी सीनियर होते जा रहे हैं। कर्मचारियों ने कहा कि उनका चयन भर्ती एवम पदोन्नति नियमों के अनुसार हुआ है इसलिए उनके अनुबंध की सेवा को उनके कुल सेवाकाल में जोड़ा जाना तर्कसंगत है। यह प्रदेश के 70 हजार कर्मचारियों के मान सम्मान से जुड़ा विषय है। सरकार जल्द इस मांग को पूरा करे। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि उनकी मुख्यमंत्री से सकारात्मक माहौल में बातचीत हुई। प्रतिनिधिमंडल में जिलाध्यक्ष सुनील पाराशर,प्रदेश सचिव संदीप सकलानी, मनदीप,सुरेंद्र, कप, अश्विनी, शम्मी कुमार, शशि, विमल सागर दीपक भगसेन ,अनूप ,पवन, कुशल सहित अन्य शामिल रहे।
आस : धूमल का वादा जयराम पूरा करेंगे !
जाती हुई सरकार की बात मत सुनो आती हुई सरकार की मानो, ये शब्द थे पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल के l 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने सुजानपुर में ये वादा किया था l वादा था कि भाजपा के सत्ता में आते ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जाएगा और अनुबंध कर्मचारियों को नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता प्रदान करने हेतु कार्य किया जाएगा l जयराम सरकार के चार साल में इस विषय में कुछ नहीं हुआ, पर हाल ही में हुई जेसीसी बैठक में सरकार ने कमेटी गठित करने की बात कही है l इसके बाद कर्मचारियों में कुछ आशा जरूर जगी है। अब कर्मचारी चाहते है कि जल्द कमेटी गठित हो और मांग को पूरा किया जाए l