अहम चुनाव, राष्ट्रपति चुनाव पर भी दिखेगा असर

पांच राज्यों में भाजपा का बड़ा इम्तिहान, 10 मार्च को नतीजे
10 मार्च 2022, वो तारीख़ जो देश की मौजूदा सियासी तस्वीर बदलने में या बरकरार रखने में अहम भूमिका निभा सकती है। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के नतीजे 10 मार्च को सामने आने वाले है। विपक्ष के साथ-साथ सत्तारुढ़ भाजपा के लिए भी यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे है। दरअसल, साल 2022 देश के राजनीतिक परिदृश्य को बदल सकता है। ऐसा इसलिए है कि इस वर्ष की शुरुआत में हो रहे 5 राज्यों व साल के अंत में होने वाले 2 राज्यों के चुनाव केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इनमें से 6 राज्यों में भाजपा की सरकार है। साथ ही इन 7 राज्यों के चुनाव लोकसभा की 132 सीटों को प्रभावित करेंगे। एक हजार से अधिक नए विधायक चुने जाएंगे जो 2022 में होने वाले राष्ट्रपति के चुनाव और राज्यसभा का शक्ति संतुलन तय करेंगे। इसीलिए हर राजनैतिक दल कोई कसर नहीं छोड़ रहा। बहरहाल पांच राज्यों के नतीजे 10 मार्च को आने है और कयासों का दौर जारी है।
फिलवक्त देश के जिन जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, उनमें से चार में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। पंजाब को छोड़कर, भाजपा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में एक बार फिर से सरकार बनाने की कोशिश में है। 10 मार्च को जब चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे, तो यहां भाजपा की सफलता या असफलता की व्याख्या केवल इन राज्यों तक ही सीमित नहीं रहेगी। लोकसभा के समीकरण को ध्यान में रखते हुए भी इसके विश्लेषण किए जाएंगे। भाजपा के लिए 2014 के बाद कुछ सालों तक गवर्नेंस के स्तर पर भले ही चुनौतियां आती रही हैं, लेकिन राजनीतिक जमीन पर पार्टी धुआंधार बैटिंग करती रही। हालाँकि पिछले कुछ समय से राज्यों में पार्टी का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा है। 2019 आम चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी को चुनावी अभियान में तमाम राज्यों में उनकी सरकार होने का लाभ मिला था। मगर 2019 के बाद से बीजेपी महाराष्ट्र, झारखंड जैसे राज्यों में सत्ता गंवा चुकी है। हरियाणा में भले पार्टी ने सरकार बनाई, लेकिन बहुमत से दूर रही। 2020 में पार्टी ने बिहार में गठबंधन की सरकार बनाई पर दिल्ली में पार्टी कुछ खास नहीं कर पाई । इसके बाद 2021 में हुए 5 राज्यों के चुनावों में से भाजपा असम और पुडुचेरी में सफल रही पर पश्चिम बंगाल चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन अपेक्षा अनुसार नहीं रहा। ऐसे में ये 5 राज्यों के चुनाव पार्टी के मिशन 2024 के लिहाज से भी जरूरी है। पार्टी इन चुनावों में अच्छा नहीं कर पाई तो परिस्थितियां बदल सकती है।
उत्तर प्रदेश से जाता है दिल्ली का रास्ता :
चुनाव प्रचार के दौरान केंद्र की सत्ता में आसीन देश के इस सबसे बड़े राजनीतिक दल का ध्यान देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश पर कुछ अधिक नज़र आया है। यहां भाजपा के सामने बीते 34 वर्षों की परंपरा को तोड़ने की चुनौती है। उत्तर प्रदेश में तीन दशकों से कोई भी राजनीतिक दल लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी नहीं कर सका है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश से अपार समर्थन मिला था। इस लिहाज से केंद्र में बीजेपी की सत्ता वापसी के लिए भी उत्तर प्रदेश खासे मायने रखता है।