भाजपा का बड़ा धड़ा नीलम सरैक के साथ
जुब्बल कोटखाई में भाजपा का एक धड़ा अब भी नीलम सरैक के साथ है। ये वो लोग है जो या तो पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्त्ता है जिनके लिए पार्टी हाईकमान का निर्णय सर्वोपरि है या वो लोग जो शुरुआत से लेकर ही नीलम सरैक को टिकट मिलने की पैरवी कर रहे थे। भाजपा में अंतर्कलह की स्थिति कितनी प्रखर है ये इस बात से समझा जा सकता है की नीलम के समर्थक भाजपाई चेतन समर्थकों पर मारपीट के आरोप लगा रहे है। जान को खतरे की बात भी कही गई है। इस मुद्दे को भुनाया भी जा रहा है। हालांकि नीलम स्वयं अब भी चेतन को अपना छोटा भाई ही करार दे रही है। नीलम का चुनावी उद्धघोष भी स्वर्गीय नरेंद्र ब्रागटा द्वारा किये गए कार्यों को पूरा करने के आसपास ही घूम रहा है। नीलम इस क्षेत्र से तीन बार जिला परिषद की सदस्य रह चुकी है और 1997 से पार्टी के साथ जुड़ी हुई है। उन्हें चुनावी राजनीति का अनुभव भी है और हाईकमान का आशीर्वाद भी, बस दो धड़ों में बट चुकी भाजपा उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती है। नीलम की योगयता पर भी कोई संदेह नहीं है, बस चूक यहां भाजपा आलाकमान से हुई लगती है क्यों कि अगर शुरू से चेतन को टिकट के लिए आश्वस्त नहीं किया जाता तो शायद कि इस तरह का विद्रोह होता। बहरहाल स्थिति जो भी हो पर भाजपा के चुनाव मैनेजमेंट पर कोई संशय नहीं है। जमीनी स्तर पर पार्टी बेहद बारीकी से डैमेज कण्ट्रोल में जुटी है और निसंदेह चेतन को मनाने के प्रयास हो रहे है। नीलम को चुनाव लड़ने का ख़ासा अनुभव भी है जो इस चुनाव में उनके काम आ सकता है।