दो कैबिनेट रैंक मिलने से बढ़ा पालमपुर का सियासी रुतबा

सूबे की सुक्खू सरकार में पालमपुर को दो कैबिनेट रैंक मिले है। यूँ तो पालमपुर वालों को आस मंत्री पद की थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बहरहाल पालमपुर को 2 कैबिनेट रैंक दिए गए है जिसमें पहले है विधायक आशीष बुटेल जिन्हें मुख्य संसदीय सचिव यानी सीपीएस का दर्जा दिया गया है और दूसरे है गोकुल बुटेल जिन्हें मुख्यमंत्री का आईटी सलाहकार बनने के साथ-साथ इनोवेशन का जिम्मा दिया गया है। यानी सुक्खू राज में पालमपुर का सियासी रुतबा बरकरार है।
कांग्रेस के लिए बुटेल परिवार ने हमेशा पालमपुर में पार्टी का झंडा बुलंद किया है। कभी पीसीसी के पहले अध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कुञ्ज बिहारी लाल यहाँ से चुनाव लड़ते थे, तो आगे चलकर उनके भाई बृज बिहारी लाल बुटेल इसी पालमपुर से पांच बार विधायक बने। बृज बिहारी लाल बुटेल कई दफा मंत्री भी रहे और विधानसभा स्पीकर भी रहे। अब नई पीढ़ी के हाथ में कमान है। बृज बिहारी लाल बुटेल के बेटे आशीष बुटेल यहाँ से चुनाव लड़ते है और वर्तमान में दूसरी बार विधायक बनकर सीपीएस बने है। तो कुञ्ज बिहारी लाल बुटेल के पोते गोकुल बुटेल बेशक चुनावी राजनीति में न हो लेकिन पार्टी में उनका रसूख लगातार बढ़ा है।
आशीष ने दोनों बार भाजपा के बड़े चेहरों को हराया :
आशीष बुटेल ने इस बार दूसरी दफा पालमपुर से जीत दर्ज की है। इससे पहले आशीष बुटेल के पिता बृज बिहारी लाल बुटेल पालमपुर से 5 बार विधायक रहे है। बृज बिहारी लाल बुटेल वीरभद्र सरकार में मंत्री भी रहे और विधानसभा अध्यक्ष भी रहे है। अब 2017 से उनकी राजनैतिक विरासत को उनके पुत्र आशीष बुटेल आगे बढ़ा रहे है। आशीष ने अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत इंडियन युथ कांग्रेस से की थी। 2017 में अपना पहला चुनाव उन्होंने भाजपा की वरिष्ठ नेता इंदु गोस्वामी को हराकर जीता था। हालांकि उस मर्तबा प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी थी। वहीं इस बार उन्होंने भाजपा के प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर को हराया है। अब आशीष सुक्खू सरकार में सीपीएस बने है और माना जा रहा है कि उन्हें कई महत्वपूर्ण महकमों के साथ अटैच किया जा सकता है।
लगातार बढ़ा का गोकुल का सियासी कद:
गोकुल बुटेल पूर्ण राज्य बनने के बाद हिमाचल के सबसे पहले कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुंज बिहारी लाल बुटेल के पौत्र है। गोकुल बुटेल एआईसीसी के संयुक्त सचिव है। उन्हें 2012 से 2017 तक वीरभद्र सरकार में चीफ आईटी सलाहकार के साथ कैबिनेट रैंक से नवाज़ा गया था। इस बार भी सुक्खू सरकार ने उन्हीं पर भरोसा जताया है। दिलचस्प बात ये है कि उन्हें इनोवेशन विंग का जिम्मा भी मिला है। जानकार मान रहे है कि इस दिशा में सुक्खू सरकार जल्द कोई बड़ा ऐलान कर सकती है। बता दें कि गोकुल बुटेल राहुल गाँधी के भी करीबी माने जाते है और देश के कई राज्यों में कांग्रेस के लिए काम कर चुके है। हिमाचल विधानसभा चुनाव में भी पार्टी के वॉर रूम का जिम्मा उन्हीं के पास था जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। कांग्रेस हो या भाजपा, दोनों ही राजनैतिक दलों की सियासत में हमेशा पालमपुर का ख़ास स्थान रहा है। इसी पालमपुर से पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार चुनाव लड़ते थे और ये उनका गृह क्षेत्र भी है। भाजपा के राम मंदिर आंदोलन का आगाज़ भी पालमपुर से ही हुआ था। वहीं वर्तमान में ये भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी और प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर का कर्म क्षेत्र है। पर 2007 के बाद यहाँ भाजपा को जीत नसीब नहीं हुई। अब इसी पालमपुर को कांग्रेस की सुक्खू सरकार ने दो कैबिनेट रैंक देकर बड़ा तोहफा दिया है। आशीष बुटेल और गोकुल बुटेल दोनों दमदार नेता है और इनका सियासी रसूख बढ़ने से निसंदेह कांग्रेस और मजबूत होगी।