मुख्यमंत्री को खुद नहीं मालूम कांग्रेस मैनिफेस्टो में क्या है : चेतन बरागटा

शिमला नगर निगम चुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए ही साख का सवाल है l इस चुनाव के लिए दोनों ही पार्टियों के बड़े नेता खुद मैदान में उतरे और दोनों ही दलों की तरफ से एक तय रणनीति के तहत जमकर प्रचार प्रसार किया । चुनाव प्रचार के लिए भाजपा द्वारा शिमला नगर निगम को जोन में विभाजित किया गया था और 6 नेताओं को जोन प्रभारी बनाया गया था। इन 6 जोन प्रभारियों में से एक चेतन बरागटा भी थे जिन्हें पार्टी द्वारा 6 वार्डों की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी l इन वार्डों में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए चेतन की क्या रणनीति रही ये जानने के लिए फर्स्ट वर्डिक्ट मीडिया द्वारा चेतन बरागटा से खास चर्चा की गई, पेश है चर्चा के मुख्य अंश
सवाल : लगातार आप भाजपा के पक्ष में प्रचार प्रसार करते रहे, लोगों से मिलते रहे, आपसे जानना चाहेंगे की फिलवक्त शिमला नगर निगम की जनता का क्या कहना है?
जवाब : मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूँ कि भाजपा नगर निगम पर काबिज होने वाली है। हमारे मुद्दे बिलकुल स्पष्ट है और हम विचारों की लड़ाई लड़ रहे है। कांग्रेस 25 वर्षों तक नगर निगम पर काबिज रही है और भाजपा केवल 5 वर्षों तक नगर निगम पर काबिज रही है। भाजपा ने शिमला के विकास के लिए कार्य किया है और आगे भी करती रहेगी। वह भी एक समय था जब भाजपा की नगर निगम में केवल 1 या 2 सीटें होती थी लेकिन पिछले कार्यकाल में जनता ने भाजपा को आशीर्वाद दिया और भाजपा नगर निगम पर काबिज हुई थी। इस बार भी हमे पूरी उम्मीद है कि शिमला की जनता भाजपा को एक बार फिर आशीर्वाद देगी।
सवाल : कांग्रेस का कहना है कि भाजपा ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान शिमला की जनता को 40 हज़ार लीटर पानी फ्री नहीं दिया, मगर अब भाजपा ऐसा दावा कर रही है l अब ये फ्री पानी पार्टी कहाँ से लाएगी?
जवाब : इसका जवाब देने से पहले मैं कांग्रेस से पूछना चाहूंगा कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में जिन गारंटियों की बात कही थी वो कहां है। नगर निगम चुनाव में कांग्रेस गारंटियों को दरकिनार कर वचन पर क्यों आ गयी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा जब घोषणापत्र जारी किया गया तो मुख्यमंत्री को स्वयं ही यह ज्ञात नहीं था कि उनके मैनिफेस्टो में क्या है। मुख्यमंत्री द्वारा पत्रकार वार्ता के दौरान पत्रकारों से यह कहा गया कि आप इसे स्वयं पढ़ लीजिये। कांग्रेस को इस बात कि क्लैरिटी नहीं है कि वह नगर निगम में क्या कार्य करवाना चाहती है। कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से कंफ्यूज है और वह पूरी तरह से बौखला गए है। सरकारी तंत्र का पूरी तरह से दुरूपयोग हो रहा है, इसके साथ ही ट्रांसफर्स की धमकियाँ दी जा रही है। वोटर लिस्ट के साथ भी बहुत बड़ा फ्रॉड हुआ है l आनन् फानन में बहुत सारे लोगों के फ़र्ज़ी वोट बना दिए गए है क्योंकि कांग्रेस जानती है कि शिमला का वोटर कांग्रेस के साथ नहीं जा रहा है। इसके साथ ही एक और विषय है जो मैं जनता के बीच में भी बार बार उठा रहा हूँ और आपके माध्यम से भी मैं कांग्रेस से पूछना चाहूंगा कि जब स्मार्ट सिटी के लिए प्रदेश में शहरों को चुना गया तो शिमला को पहले इससे वंचित क्यों रखा गया। शिमला से पहले धर्मशाला को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया गया, जबकि शिमला स्मार्ट सिटी के लिए सबसे ज्यादा योग्य था। धर्मशाला को भी स्मार्ट सिटी मिलना चाहिए था लेकिन उससे पहले शिमला को मिलना चाहिए था। शिमला को स्मार्ट सिटी भाजपा द्वारा बाद में दिया गया और इसके लिए हम केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की जयराम सरकार का धन्यवाद करते है।
सवाल : कांग्रेस आरोप लगा रही है कि भाजपा द्वारा स्मार्ट सिटी के पैसे का दुरूपयोग किया गया है, अपने चाहने वालों को कॉन्ट्रैक्ट दिए गए l कांग्रेस यह भी कह रही है कि डंगे लगाने और सड़कें चौड़ी करने से स्मार्ट सिटी नहीं बनती है, इस पर आप कांग्रेस को क्या जवाब देंगे ?
जवाब : स्मार्ट सिटी की कुछ गाइडलाइंस है और आप उससे बाहर नहीं जा सकते। यदि कांग्रेस को लगता है कि कुछ गलत हुआ है तो नगर निगम में उनके भी पार्षद थे उस समय इस विषय को क्यों नहीं उठाया गया। कांग्रेस का सीधा सा कार्य यह हो गया है कि लांछन लगाओ और निकल जाओ। मुझे लगता है कि कांग्रेस को पहले अपनी विधानसभा में दी हुई गारंटियों पर विचार करना चाहिए कि उसे कैसे पूरा करना है। कांग्रेस ने बहुत से वादे किये थे जैसे महिलाओं को 1500 रूपए देना, 300 यूनिट फ्री बिजली देना, बागवान सेब के दाम खुद तय करेंगे आदि, कांग्रेस पहले इन विषयों पर सोचे फिर नगर निगम पर बात करे l इसके अलावा रही बात भाजपा के मेनिफेस्टो की तो भाजपा जानती है कि उन वादों को कैसे पूरा करना है। मुख्यमंत्री एक बार भाजपा का मेनिफेस्टो पढ़ ले उसके बाद ही कुछ कहें।
सवाल : कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में गारंटियां दी और अब नगर निगम में कांग्रेस वचनबद्धताओं पर आई है, आप इसे कैसे देखते है?
जवाब : कांग्रेस से मैं सवाल करना चाहता हूँ कि विधानसभा चुनाव में जिस गारंटी शब्द का उन्होंने प्रयोग किया वह शब्द नगर निगम चुनाव में क्यों इस्तेमाल नहीं किया गया, उन्होंने यहाँ वचनबद्धता शब्द का प्रयोग क्यों किया। मुझे लगता था कि गारंटियों के पीछे कांग्रेस का जो थिंकटैंक बैठा होगा उसने बहुत सोच समझ कर यह सब किया होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अब कांग्रेस खुद ही इस शब्द से भाग रही है। इससे साफ़ जाहिर होता है कि कांग्रेस कंफ्यूज है और उन्हें स्वयं ही यह पता नहीं चल पा रहा है कि आखिर वह करना क्या चाहते है।
सवाल : उप मुख्यमंत्री का कहना है कि नगर निगम चुनाव जीत कर कांग्रेस हैट्रिक लगाएगी और भाजपा का सूपड़ा इस चुनाव में साफ़ होने वाला है, आप इसपर क्या कहेंगे ?
जवाब : कांग्रेस को इतना ओवर कॉंफिडेंट नहीं होना चाहिए, हमे लोगों पर पूरा विश्वास है और भाजपा को जनता का पूरा समर्थन मिल रहा है। मैं पुरे विश्वास के साथ यह बात कह सकता हूँ कि नगर निगम चुनाव में चौकाने वाले परिणाम सामने आने वाले है। हम नगर निगम शिमला में अपना मेयर और डिप्टी मेयर बनाने जा रहे है।
सवाल : प्रचार प्रसार के लिए जब आप जनता के बीच गए तो उनसे क्या वादे किए ?
जवाब : जनता को जानकारी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिमला को बहुत कुछ दिया है। प्रधानमंत्री ने शिमला को स्मार्ट सिटी दिया और शिमला के विकास के लिए निरंतर उन्होंने शिमला कि हर प्रकार से मदद की है। मैंने जनता से सर झुका कर सिर्फ आग्रह किया कि वह भाजपा के पार्षदों को जितवाए और शिमला को एक नए विज़न और विकास की राह पर आगे ले जाने का कार्य करे। भाजपा ने पहले भी शिमला का विकास किया है और आगे भी भाजपा ही शिमला का विकास करवाएगी।