2024 में क्या विशाल नेहरिया होंगे भाजपा का फेस ?

लोकसभा चुनाव में बेशक अभी एक साल से अधिक का वक्त हो लेकिन सांसद बनने के चाहवान नेता प्रो. एक्टिव हो चुके है। प्रदेश के चारों संसदीय क्षेत्रों में कमोबेश ये ही स्थिति है जिनमें जाहिर है कांगड़ा संसदीय क्षेत्र भी शामिल है। इस सीट पर पिछले तीन चुनाव भाजपा जीती है, वहीं कांग्रेस को आखिरी बार 2004 में यहाँ विजय श्री मिली थी। तब चौधरी चंद्र कुमार सांसद बने थे। इसके बाद 2009 में भाजपा के राजन सुशांत ने जीत दर्ज की और 2014 में शांता कुमार सांसद बने। वहीं 2019 में शांता कुमार के चुनावी राजनीति को अलविदा कहने के बाद भाजपा के किशन कपूर यहाँ से सांसद है।
बहरहाल बात करते है कांगड़ा में भाजपा की। मौजूदा सांसद किशन कपूर पार्टी की स्थापना के वक्त से ही भाजपाई है और उससे पहले भी जनसंघ में सक्रिय रहे है। पांच दशक लम्बे अपने राजनैतिक करियर में किशन कपूर कई बार विधायक और मंत्री रहे है। कपूर गद्दी समुदाय का बड़ा चेहरा है और एक बार फिर भाजपा टिकट के दावेदार भी। पर इस बार किशन कपूर की राह आसान नहीं दिखती। दरअसल बतौर सांसद किशन कपूर के नाम कोई बड़ी उपलब्धि नहीं दिखती। इसके अलावा हालहीं में हुए विधानसभा चुनाव में उनके संसदीय क्षेत्र में भाजपा को 17 में से महज 5 सीटें मिली है। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में भाजपा के इस कमजोर प्रदर्शन का खामियाजा भी किशन कपूर को उठाना पड़ सकता है। ऐसे में माहिर मान रहे है कि बार भाजपा कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से किसी नए चेहरे को मैदान में उतार सकती है।
बहरहाल कयासबाजी जोरों पर है कि अगर किशन कपूर नहीं तो फिर भाजपा का उम्मीदवार कौन हो सकता है। इस फेहरिस्त में करीब आधा दर्जन नाम शामिल है। इनमें एक नाम धर्मशाला के पूर्व विधायक विशाल नेहरिया का भी है। किशन कपूर के सांसद बनने के बाद नेहरिया 2019 के उपचुनाव में पहली बार विधायक बने थे, पर 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। हालांकि नेहरिया को लेकर जमीनी स्तर पर कोई ख़ास नाराजगी नहीं थी, बावजूद इसके पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। इसके बाद उनके समर्थकों में खासा रोष था, लेकिन नेहरिया ने बगावत का रास्ता न अपनानाते हुए पार्टी के बैनर तले काम किया। इसका लाभ नेहरिया को मिल सकता है। 34 साल के विशाल नेहरिया भी गद्दी समुदाय से आते है जो इस संसदीय क्षेत्र में निर्णायक भूमिका निभाता है। ये फैक्टर भी नेहरिया के पक्ष में जा सकता है। बहरहाल नेहरिया के अलावा भी कई दावेदार है लेकिन निसंदेह विशाल नेहरिया का दावा खारिज नहीं किया जा सकता।