बद्रीनाथ धाम जहां माता लक्ष्मी ने लिया ‘बदरी वृक्ष का रूप'
बद्रीनाथ धाम, हिन्दुओं के चार धामों में से एक, भगवान विष्णु का निवास स्थल है। यह उत्तराखंड राज्य में अलकनंदा नदी के बाएं तट पर नर और नारायण पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान विष्णु ध्यान योग के लिए स्थान खोजते-खोजते नीलकंठ पर्वत और अलकनंदा नदी के तट पर पहुंचे, तो यह स्थान उन्हें पसंद आया। पहले से शिवभूमि होने के कारण उन्होंने बाल रूप धारण किया और रोने लगे। माता पार्वती और शिवजी उनके समक्ष प्रकट हुए और बालक ने ध्यान योग के लिए यह स्थान मांग लिया। विष्णु ने शिव-पार्वती से रूप बदलकर यह पवित्र स्थल प्राप्त किया, जो बद्रीविशाल के नाम से प्रसिद्ध हुआ। एक बार विष्णु तपस्या में लीन थे और हिमपात होने लगा। लक्ष्मी ने बेर के वृक्ष का रूप धारण कर उन्हें बचाया। विष्णु ने लक्ष्मी के तप को देखकर उन्हें साथ पूजनीय बनाया और 'बदरी के नाथ' कहलाए। इस प्रकार भगवान विष्णु का नाम और इस मंदिर का नाम बद्रीनाथ पड़ा। मान्यता है कि इस मंदिर में मांगी गई हर मुराद पूरी होती है । आज यह मंदिर धार्मिक और अंतरराष्ट्रीय महत्व का केंद्र बना हुआ है, जिसे हर साल लाखों श्रद्धालु देखने आते हैं।