अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला बन सिरीशा बांदला ने रचा इतिहास !
कल्पना चावला अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला थी और अब सिरीशा बांदला अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला बनने जा रही है। कल्पना चावला के बाद सिरीशा ने भी इतिहास दर्ज कर लिया है। सिरीशा भारत के आंध्र प्रदेश से संबंध रखती है। सिरीशा बांदला का जन्म तेनाली, गुंटूर, आंध्र प्रदेश में हुआ था। मिली जानकारी के अनुसार सिरीशा ह्यूस्टन, टेक्सस में पली-बढ़ी है। अंतरिक्ष के बारे में और ज़्यादा जानने के लिए सिरीशा ने Purdue University से Aeronautical-Astronautical Engineering में बैचलर्स की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने George Washington University से MBA किया।
सिरीशा बांदला अंतरिक्ष यात्रा करने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला बनने वालीं है। 11 जुलाई को भारतीय मूल की ये बेटी अंतरिक्ष में जाएगी। अंतरिक्ष में जाने वाली पहली महिला कल्पना चावला के बाद सिरीशा बांदला ये उपलब्धि हासिल करने वाली दूसरी महिला हैं। सिरीशा VSS Unity के 6 अंतरिक्षयात्रियों में से एक है जो बतौर रिसर्चर इस मिशन से जुड़ी हैं. सिरीशा ने अपने ट्विटर हैंडल पर ये ख़ुशख़बरी सभी के साथ साँझा की। ये मिशन Branson's Company द्वारा किया जा रहा है जिसकी सुचना बीते गुरुवार को कंपनी ने साँझा की। इस मिशन में कंपनी के फ़ाउंडर, रिचर्ड ब्रैन्सन भी हिस्सा लेंगे। इस मिशन का रॉकेट न्यू मेक्सिको से लॉन्च किया जाएगा और ये इस कंपनी की पहली फ़्लाइट होग।
सिरीशा के दादा, Bandla Ragaiah कृषि वैज्ञानिक हैं। The New Indian Express से बातचीत में उन्होंने बताया कि सिरीशा को बचपन से ही कुछ बड़ा करने की इच्छा थी। कड़ी मेहनत के बाद उसका सपना सच होने वाला है। पोती पर गर्व महसूस करने वाले दादा ने बताया कि सिरीशा बचपन से ही निडर थी और हमेशा एक्टिव रहती थी। 5 साल की उम्र में वो अपने माता-पिता के साथ अमेरिका चली गयी थी. सिरीशा के पिता Dr. Bandla Muralidhar भी एक वैज्ञानकि हैं.
सिरीशा बांदला, कमरशियल स्पेसफ़्लाइट फ़ेडरेशन और एल-3 कम्युनिकेशन्स में बतौर एरोस्पेस इंजीनियर काम कर चुकी हैं। अमेरिकन एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी और सिरीशा फ़्यूचर स्पेस लीडर्स फ़ाउंडेशन के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स की सदस्य भी हैं।