युग हत्याकांड में दो दोषियों की फांसी उम्रकैद में बदली, पिता बोले नहीं मिला इंसाफ, जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

हिमाचल हाईकोर्ट ने शिमला के युग हत्याकांड के दो दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। अदालत ने फांसी की सजा की पुष्टिकरण और दोषियों की अपील पर मंगलवार को अपना फैसला सुना दिया है। अब दो दोषी पूरी उम्र जेल में रहेंगे, जबकि तीसरे आरोपी को बरी कर दिया गया है। यह मामला सत्र न्यायाधीश शिमला ने सजा के आदेशों की कन्फर्मेशन के लिए रेफरेंस के तौर पर हाईकोर्ट को भेज रखा था। सत्र न्यायाधीश शिमला की अदालत ने 6 सितंबर 2018 को इन तीनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने इस अपराध को दुर्लभ से दुर्लभतम श्रेणी के दायरे में बताया था। इसके बाद, तीनों आरोपियों ने दोष सिद्धि के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर कर रखी थी। अपील व रेफरेंस पर आज विशेष खंडपीठ ने फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट के फैसले से युग के पिता संतुष्ट नहीं है। उन्होंने मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही हैं।
बता दें कि, 14 जून, 2014 को शिमला के राम बाजार से तीन लोगों ने फिरौती के लिए 4 साल के युग का अपहरण किया। अपहरण के 2 साल बाद अगस्त 2016 में भराड़ी के पेयजल टैंक से युग का कंकाल बरामद हुआ। तीनों ने मासूम के शरीर में पत्थर बांध कर उसे जिंदा पानी से भरे टैंक में फेंक दिया था। मासूम युग को उसके ही पड़ोस में रहने वाले एक व्यक्ति ने किडनैप किया। इसमें तीन लोग शामिल थे। तीनों ने युग के पिता से साढ़े तीन करोड़ रुपए की फिरौती मांगी। युग के अपहरण व हत्या मामले की जांच करने वाली सीआईडी ने 25 अक्टूबर, 2016 को चार्जशीट अदालत में दायर की। 20 फरवरी 2017 से अदालत में ट्रायल शुरू हुआ। इसमें कुल 135 में से 105 गवाहों के बयान हुए और कोर्ट ने साढ़े 10 माह में ही सजा सुना दी थी।