जयराम ने मंडी काे पहले दिन से दिखाएं मुंगेरीलाल के हसीन सपने: आश्रय शर्मा

हिमाचल प्रदेश की सियासत के चाणक्य पंडित सुखराम की राजनैतिक विरासत को उनके पुत्र अनिल शर्मा के साथ अब उनके पोते आश्रय शर्मा भी आगे बढ़ा रहे है। मंडी संसदीय क्षेत्र का उप चुनाव होना है और इसके मद्देनज़र आश्रय शर्मा ने बड़ी सियासी जंग छेड़ दी है। आश्रय लगातार मुद्दों की राजनीति कर रहे है और प्रदेश की जयराम सरकार और केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावार है। 2019 के लाेकसभा चुनाव में भले ही उन्हें हार मिली हाे, मगर आने वाले राजनीतिक परिदृश्य में उनकी अहम भूमिका हो सकती है। बता दें की मंडी संसदीय सीट पर उपचुनाव के लिए कांग्रेस में टिकट काे लेकर अंदरखाते जंग छिड़ चुकी है। मंडी जिले में विकास और उपचुनाव को लेकर फस्ट वर्डिक्ट मीडिया ने आश्रय शर्मा से टू द पॉइंट बात की, पेश है उसके कुछ अंश...
सवाल: आप एक राजनीतिक परिवार से निकल कर आए है, इस राजनैतिक विरासत को आप आगे कैसे बढ़ाएंगे ?
जवाब: पंडित सुखराम हमेशा यही कहते हैं कि समय का सदुपयोग कराे। उनका मानना है कि हिमाचल के युवाओं काे इसका महत्व समझना हाेगा। प्रदेश में राेजगार के संपूर्ण साधन उपलब्ध हैं, युवा शिक्षित हैं, बावजूद इसके राेगजार के लिए बाहरी राज्याें और विदेशों में दाैड़ रहे हैं। मेरा एक ही टारगेट है और वो है हिमाचल का विकास और यहां के युवाओं के लिए रोज़गार। हिमाचल में वीरभद्र सिंह और पंडित सुखराम के बाद थर्ड लाइन की लीडरशिप नहीं रही, जिसे बरकरार रखने के लिए युवाओं को आगे आना हाेगा। इसी लक्ष्य काे प्राप्त करने के लिए मैं मेहनत कर रहा हूं।
सवाल: मंडी संसदीय क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव में क्या आप कांग्रेस के प्रत्याशी होंगे ?
जवाब: पार्टी हाईकमान कहे ताे मैं उपचुनाव के लिए भी तैयार हूं। मगर पार्टी के अंदर कई वरिष्ठ नेता भी हैं, जिन्हें हाईकमान बेहतर समझे ताे हम उनके लिए दिन-रात मेहनत कर पार्टी काे जीत दिलाएंगे। मैंने हमेशा से ही राहुल गांधी के आदेशों का पालन किया है। हाईकमान का जो भी आगामी आदेश होगा उसे मैं बखूबी निखाउंगा। संगठन में कोई भी काम सौंपा गया, उसे मैंने निष्ठा से करके दिखाया। मैं पार्टी के लिए दिन-रात मेहनत करने से कभी भी पीछे नहीं हटा। मंडी संसदीय क्षेत्र की बात की जाए ताे सभी 17 विधानसभा क्षेत्र की जनता की समस्या भी मैं लगातार सुन रहा हूं।
सवाल: पॉलिटिकल फील्ड में आपको आपके दादा और पिता से कैसी राजनीति सीखने काे मिली ?
जवाब: मेरे दादा पंडित सुखराम और मेरे पिता अनिल शर्मा से मैंने एक बात सीखी है, कि जाे भी समय मिले उसे जनता की सेवा करने में लगा दो। पंडित सुखराम जब केंद्रीय मंत्री थे ताे दिल्ली में हिमाचल के लाेगाें से मिलने के लिए हमेशा तैयार रहते थे। जनता की समस्याओं का समाधान करने में उन्होंने कोई कमी नहीं छाेड़ी। यही वजह है कि उन्होंने ही हिमाचल में संचार क्रांति लाई, जिसे आज पूरा हिमाचल जानता है। मेरा भी यही लक्ष्य है कि अधिक से अधिक समय जनता की सेवा के लिए निकाल सकूं। सेवाभाव काे बरकरार रखने के लिए मैं हर मोर्चे पर खड़ा हूं।
सवाल: भाजपा के कार्यकाल में मंडी जिले में हुए विकास कार्यों पर आपका क्या कहना है ?
जवाब: क्या मंडी, क्या कांगड़ा। जब से प्रदेश में जयराम ठाकुर सीएम बने, उसी दिन से वे मंडी जिले के लाेगाें काे मुंगेरीलाल के हसीन सपने दिखा रहे हैं। कभी एयरपाेर्ट, ताे कभी रेलवे ट्रैक की बात करते हैं, जो कागजों में ही सिमट कर रह गया। मंडी शहर का जो विकास पंडित सुखराम ने किया आज वो ही विकास कार्य मंडी में दिखते हैं। जयराम सरकार ने ताे सिर्फ सराज और धर्मपुर का विकास करने की ठानी है। क्षेत्र में विकास के नाम पर एक पत्थर भी नहीं दिखाई देता। अनिल शर्मा के समय मंडी शहर काे 24 घंटे पेयजल उपलब्ध करवाने की योजना तैयार की थी, लेकिन हैरानी के साथ कहना पड़ रहा है कि सरकार ने पेयजल योजना काे बल्ह में डायवर्ट कर दिया । यही नहीं, बल्कि जिला मंडी के अन्य क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्यों का बजट भी धर्मपुर और सराज विधानसभा क्षेत्र में डायवर्ट किया गया।
सवाल: 2019 के लोकसभा चुनाव में आपको हार का सामना करना पड़ा, कहां चूक हुई?
जवाब: 2019 का लाेकसभा चुनाव भाजपा में राष्ट्रवाद के नाम पर जीत दर्ज की है। आज देश और प्रदेश की जनता यह महसूस कर रही है कि उस समय हमसे बहुत बड़ी गलती हुई। हालांकि उस समय चुनाव में सभी 17 विधानसभा क्षेत्राें में जमकर प्रचार-प्रसार भी किया, पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं ने दिन-रात मेहनत की, लेकिन हमें जीत नहीं मिल सकी। आज देश में महंगाई और बेरोज़गारी सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। डबल इंजन की सरकाराें ने कभी यह साेचा भी नहीं कि हिमाचल के बेराेजगार युवाओं के लिए ठाेस नीति बनाई जाए। देश में राम मंदिर के नाम पर चंदा लूटने वाले भाजपा नेताओं से यह पूछना चाहता हूं कि आपने अपनी जेब से कितना चंदा दिया ?
सवाल: आपके भाई फिल्म जगत के एक बड़े सितारे बन गए है, क्या आपने कभी इस क्षेत्र में जाने बारे नहीं साेचा?
जवाब: मेरा शुरु से ही राजनीति में आकर जनसेवा करने का लक्ष्य रहा है। फ़िल्मी जगत में कदम रखने के बारे में मेने कभी साेचा भी नहीं। मेरे दादा जी पंडित सुखराम और पिता जी अनिल शर्मा द्वारा किये गए विकास कार्यों काे आगे बढ़ाने के लिए मैं राजनीति में आया। प्रदेश की जनता का आशीर्वाद और कांग्रेस पार्टी में रहकर समाज की सेवा करना मेरा मकसद है। पंडित सुखराम और अनिल शर्मा आज भी विकास वाले नेता के नाम से जाने जाते हैं, जिसे मैं बरकरार रखूंगा।