धूमल हारे ताे जयराम की खुल गई लाॅटरी, अब मोदी का भी गिर गया ग्राफ: रामलाल ठाकुर

प्रदेश की राजनीति में अपनी विशेष पहचान रखने वाले पूर्व मंत्री एवं नैना देवी से कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर ने भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, सीएम जयराम ठाकुर समेत कई अन्य एजेंडों पर मोर्चा खोल दिया है। रामलाल ठाकुर कहते हैं कि 2017 के चुनाव में प्रेम कुमार धूमल हारे ताे जयराम ठाकुर की लॉटरी लग गई। पुरानी यादों काे ताजा करते हुए रामलाल ठाकुर बताते हैं कि एक बार जगत प्रकाश नड्डा काे बिलासपुर सदर में कर्मचारी नेता ने ही 5 हजार मतों से पराजित कर दिया था। ऐसे में उपचुनाव हाे या फिर आम चुनाव, जेपी नड्डा का काेई प्रभाव हिमाचल में नहीं पड़ेगा। फर्स्ट वर्डिक्ट मीडिया से विशेष बातचीत में रामलाल ठाकुर ने सियासी गोलियां भी चलाई, पेश है कुछ अंश...
सवाल: क्या आपको लगता है कि आने वाले आम चुनाव में जेपी नड्डा का प्रभाव हिमाचल में देखने को मिलेगा ?
जवाब: ये सब भाजपा की गलतफहमी है। अगले साल विधानसभा चुनाव हो या फिर चार उपचुनाव, इन पर जगत प्रकाश नड्डा का काेई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। मैं जेपी नड्डा काे यूनिवर्सिटी के वक्त से जानता हूं। जब मैं 1985 में चुनाव जीत कर आया था तो नड्डा एचपीयू में हुआ करते थे। धीरे-धीरे वे भी राजनीति में आए। पूर्व की बात करें तो एक बार जब भाजपा मात्र 7 सीटों के साथ विपक्ष में आई तो जगत प्रकाश नड्डा उस वक्त 7 एमएलए के नेता प्रतिपक्ष थे। उसके बाद मैं कांग्रेस की सरकार में उस समय स्वास्थ्य मंत्री था। फिर भाजपा जब सत्ता में आई तो नड्डा स्वास्थ्य मंत्री बने। फिर पांच साल बाद कांग्रेस की सरकार बनी मैं वन मंत्री बना तो हमारा कार्यकाल पूरा होने के बाद भाजपा सत्ता में आई तो नड्डा वन मंत्री बने थे। सियासत चलती रही और एक बार ऐसा हुआ जिसे नड्डा कभी नहीं भूल पाएंगे। उन्हें कर्मचारी नेता तिलकराज ने पांच हजार मतों से पराजित किया था। भले ही आज नड्डा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, लेकिन उनकी हिमाचल में नहीं चलेगी।
सवाल: वीरभद्र सिंह के बाद अब कांग्रेस में सीएम का चेहरा काैन हाे सकता है?
जवाब: कांग्रेस चुनाव लड़ती है और जो वरिष्ठ नेता जीत कर आते हैं उसके बाद उनमें से ही पार्टी हाईकमान मुख्यमंत्री का फैसला करती है। कांग्रेस एक लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव लड़ती आ रही है। पूर्व की बात करें तो स्व. वीरभद्र सिंह का कद था और अलग से पहचान थी। प्रदेश में 2022 का चुनाव तय करेगा कि हिमाचल में भाजपा की सरकार बनेगी या नहीं। देश और प्रदेश की जनता डबल इंजन की सरकार से आहत हैं। काेराेना संकट में लाेगाें की नौकरियां गई, बेरोजगारी बढ़ी, महंगाई आसमान पर है, ऐसी स्थिति में प्रदेश की जनता कांग्रेस के साथ खड़ी है और अगले साल निसंदेह हम सत्ता में आएँगे।
सवाल: भाजपा में धूमल परिवार का कद बढ़ चुका है, अनुराग ठाकुर से क्या उम्मीद रखते हैं?
जवाब: पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और उनके बेटे अनुराग सिंह ठाकुर में दिन-रात का अंतर है। अनुराग ठाकुर पहले केंद्रीय राज्य मंत्री थे, अब उन्हें मोदी सरकार ने कैबिनेट मंत्री बनाया है। यह काेई बड़ी बात नहीं हैं। अभी तक अनुराग की ओर से हिमाचल के लिए काेई योगदान नहीं मिला है। जहां तक प्रेम कुमार धूमल की बात है 2017 के चुनाव में वे हारे और जयराम ठाकुर की लॉटरी लग गई। भाजपा में ऐसी स्थिति पैदा हो चुकी है कि अगले साल होने वाले चुनाव से पहले गुटबाजी हावी हो चुकी है। सरकार और संगठन में तालमेल की कमी है।
सवाल: बिलासपुर जिले काे जो इस बार मंत्री मिले है, विकास के नाम पर उनका क्या योगदान है?
जवाब: जयराम सरकार ने अंतिम चरण में बिलासपुर जिले काे कैबिनेट मंत्री दिया। राजेंद्र गर्ग काे भले ही मंत्री की कुर्सी दी गई हो, मगर वे घुमारवीं से बाहर नहीं निकलते। विकास की बात करें तो उनका काेई योगदान नहीं हैं। मैं साफ कहना चाहता हूं कि देश में अब मोदी का ग्राफ गिर चुका है, लोग तंग हो चुके हैं, जो घाेषणाएं की थी उसे पूरा करने में केंद्र और प्रदेश सरकार विफल रही। ऐसे में हम यही कहना चाहते हैं कि भाजपा वाले जो मिशन रिपीट का सपना देख रहे हैं वह कभी भी साकार नहीं हो सकता।