कांग्रेस में किसी के आने जाने से नहीं पड़ता फर्क : विक्रमादित्य सिंह
प्रदेश में चुनाव से पहले परिस्थितियां दिन प्रति दिन बदलती जा रही है। एक के बाद एक नेता कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो रहे है तो वहीं कांग्रेस इसके बावजूद भी सत्ता वापसी का दावा कर रही है। प्रदेश कांग्रेस के युवा नेता और शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य का भी कुछ ऐसा ही कहना है। विक्रमादित्य सिर्फ अपने ही नहीं बल्कि अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी सक्रिय दिखाई देते है। पार्टी छोड़ कर जा रहे नेताओं द्वारा शीर्ष नेतृत्व और वीरभद्र परिवार पर लगाए गए आरोपों पर हमने विक्रमादित्य सिंह से ख़ास बातचीत की। पेश है बातचीत के कुछ मुख्य अंश.......
सवाल : नेता लगातार कांग्रेस छोड़ कर जा रहे, ऐसे में सत्ता वापसी कैसे होगी ?
जवाब : कांग्रेस में किसी के आने जाने से फर्क नहीं पड़ता। ये संघर्ष का समय है, लड़ाई लड़ने का समय है, अगर कोई जाना चाहता है तो हम ज़बरन किसी को रोक कर नहीं रख सकते। पार्टी में सबका मान सम्मान होता है, सबके बारे में पार्टी सोच कर आगे बढ़ती है परन्तु फिर भी किसी को पार्टी छोड़ कर जाना है तो वो जा सकता है। इन लोगों ने सत्ता में रह कर खूब मजे लिए, अब जब संघर्ष की बारी आई तो, साथ छोड़ कर चले गए। प्रदेश की जनता ही तय करेगी कि उनका यह फैसला सही था या गलत। कांग्रेस को किसी के जाने से फर्क नहीं पड़ता, पार्टी किसी व्यक्ति विशेष से नहीं संगठन से बनती है। हम जनता की आवाज़ लगातार उठाते रहेंगे और कांग्रेस पार्टी दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाएगी।
सवाल : कांग्रेस के अपने लोग ही लगातार ये आरोप लगा रहे है कि नेताओं का पार्टी छोड़ कर जाना प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व की नाकामी है, क्या आप भी ऐसा मानते है ?
जवाब : जब भी कोई पार्टी छोड़ कर जाता है तो उन्हें किसी बहाने की ज़रूरत होती है। अगर ऐसा कुछ था तो वो लोग चार साल पहले पार्टी छोड़ कर क्यों नहीं गए। अब जब संघर्ष का वक्त है तो वो लोग पार्टी का साथ छोड़ कर जा रहे है जो की गलत है। उन्हें लगता है कि दूसरी तरफ उन्हें बेहतर सुविधाएं और न जाने क्या-क्या मिल जाएगा। जिसको जाना है वो जाएगा, जाने वाले को कौन रोक सकता है। इसमें किसी की कोई नाकामी नहीं है। वैसे भी सत्ता वापसी बड़े नेताओं पर नहीं पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओं पर होगी और वो हो कर रहेगी।
सवाल : जाते जाते लोग ये भी कह कर गए है कि कांग्रेस माँ बेटे की पार्टी है, तो ये वीरभद्र परिवार के लिए कैसे संकेत है ?
जवाब : मैं जनता का चुना हुआ विधायक हूँ। मैं पहले यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष था, फिर मैंने चुनाव लड़ा और मैं विधायक बना। जनता ने मुझे आशीर्वाद दिया तो मैं विधायक बना। खुद से मैं यहां नहीं पहुंचा मुझे जनता ने यहां पहुँचाया। प्रतिभा सिंह जी भी तीन बार मंडी संसदीय क्षेत्र से इलेक्ट होकर सांसद बनी है। इस बार तो बहुत ही विकट परिस्थितियां थी, कई नारे दिए जा रहे थे की "मंडी तो मुख्यमंत्री का गढ़ है", "मंडी मेरी है" परन्तु फिर भी जनता ने प्रतिभा जी को जीता कर लोकसभा भेजा है। वो जब प्रदेश अध्यक्ष बनी उस समय भी उन्होंने एक बार भी दिल्ली जाकर अपना नाम आगे प्रोजेक्ट नहीं किया। जब चुनाव परिणामों के बाद प्रतिभा जी आनी विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर रही थी, , लगातार मंडी संसदीय क्षेत्र के लोगों का धन्यवाद कर रही थी, तब राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने ये निर्णय लिया की प्रतिभा सिंह जी को आने वाले चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए। अब ये उनका निर्णय है, इस पर जिसको जो टिप्पणी करनी है वो कर सकते है। जो लोग कहते है कि पार्टी में सिर्फ छुटभैये नेता बचे है उनसे में ये कहना चाहता हूँ कि कांग्रेस के पास अनुभव और नेतृत्व की कमी नहीं है। पार्टी के पास आठ बार के विधायक ठाकुर कौल सिंह ठाकुर, छह बार की विधायक आशा कुमारी जैसे नेता हैं, चार बार के विधायक है मुकेश अग्निहोत्री जी। टैलेंट की कमी नहीं है कांग्रेस में। हम सब मिल कर लड़ेंगे और भाजपा को सत्ता से बाहर करेंगे।
सवाल : जिस तरह भाजपा कांग्रेस के नेताओं को लेकर जा रही है, भाजपा कांग्रेस युक्त होती जा रही है, अगर सब कांग्रेसी वहां होंगे तो भाजपा और कांग्रेस में क्या अंतर् रह जाएगा ?
जवाब : देखिये भाजपा ने प्रदेश में मिशन लोट्स के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च करने का मिशन रखा हैं। इससे स्पष्ट होता है कि भाजपा के पास नेताओं की कमी है, तभी कांग्रेस के नेताओं को शामिल किया जा रहा है। भाजपा अगर मजबूत होती तो उन्हें इस तरह डकैती करने की जरूरत नहीं पड़ती। उपचुनावों में मिली हार से भाजपा को जमीनी हकीकत पता लग गई है। सीबीआई, ईडी का दबाव बनाने के अलावा कैसे-कैसे फोन आते हैं, यह सबको पता है। प्रदेश की जनता राजनीतिक घटनाक्रम को देख रही है। कांग्रेस सत्ता में आने पर पुरानी पेंशन देगी। अपनी सभी गारंटी निर्धारित समय में लागू करेगी। कांग्रेस हाईकमान इस बार युवा और अनुभवी नेताओं में तालमेल बनाकर टिकट आवंटन करेगी और ये भाजपा इस बात से डर रही है। भाजपा इस वक्त प्रदेश में मज़बूत नहीं है इसीलिए वो ये सब ऐसा कर रहे है। अनिरुद्ध जी ने भी सार्वजनिक रूप से कहा है कि उनको फ़ोन आ रहे है, उन्हें धमकाया जा रहा है। उपचुनाव में इन्होंने अपनी परिस्थितियां देखी है इसीलिए ये डर रहे है।
सवाल : प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व के अलावा आप एकमात्र ऐसे विधायक है जो लगभग हर विधानसभा क्षेत्र में जा रहे है, इसके पीछे क्या कोई बड़ा एजेंडा छिपा है ?
जवाब : मुझे ये ज़िम्मेदारी दी गई है। एआईसीसी ने रोज़गार संघर्ष यात्रा मंडी और शिमला संसदीय क्षेत्र में निकालने कि मुझे ज़िम्मेदारी दी और मैं ये ज़िम्मेदारी निभा रहा हूँ। इस यात्रा को पूरे प्रदेश में लोगों ने सराहा है। पार्टी को मज़बूत करना हमारा दायित्व है और हम वो कर रहे है। मैं यूथ कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष भी रहा हूँ तो जहां भी हमारी सेवाओं की ज़रुरत होती है हम वहां जाते है।
सवाल : इस बार अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता से आप क्या वादे कर रहे है ?
जवाब : शिमला ग्रामीण में बहुत विकास हुआ है। 90 करोड़ रूपए के कार्य विधानसभा में हुए है और आगे भी हम काम करते रहेंगे। मैं ये वादा कर चुका हूँ कि कम से कम 5000 नौकरियां हम यहां की जनता को देंगे और हमेशा अपनी जनता के साथ खड़े रहेंगे।