सेब की मार्केट में दाम गिराने की साज़िश का हो पर्दाफाश : लक्ष्मन नेगी
Rohru : लगातार सेब के गिरते दाम बागवानों की चिन्ता का कारण बन रहे है। इस वर्ष सेब की फसल पिछले साल की अपेक्षा आधी बताई जा रही है और आजकल जो सेब के दाम बागवानों को मिल रहे है वह करीब 8 से 10 साल पहले के मुकाबले है। हालांकि अब मार्केट मे सेब की क्वालिटी पहले की अपेक्षा काफी ज्यादा अच्छी है, बाबजूद इसके भी बागवानों को लगातार गिरते दाम के कारण चिन्ता सताए जा रही है। इसे आढतियों व खरीददारों की मिलिभगत कहे या बिचोलियों की लुकाछिपी कहे। आखिर पता लगाना आवश्यक है नहीं तो बागवान हर वर्ष इसी तरह पिसता जाएगा।
आम आदमी पार्टी महासू के जिलाध्यक्ष लक्ष्मन नेगी बताया कि किसान बागवानों के हित के लिए आम आदमी पार्टी हर समय हर परिस्थिति मे खड़ी है। उनके हितों के लिए संघर्ष जारी रखेगी।
उन्होंने बताया कि इस साल बाहर से 1पेटी का भी आयात नहीं हुआ है जबकि हर साल 10 से 15 करोड़ सेब कि पेटिया मंगाई जाती थी। आयात के द्वारा देश में इतनी मांग के बावजूद भी बिचोलियों ने सेब के दाम गिरा दिए है। अब सस्ते में खुद खरीद कर स्टोर कर आगे मुनाफा कमाएंगे।
क्योंकि इस साल सेब का आयात नहीं हो पाया तो बिचोलियों और सटोरियों पर नकेल कसने का सही मौका है। अभी तक बाजार में केवल सवा करोड़ के करीब सेब पेटी बाजार में गया है, फिर भी मार्केट डाउन कर दी गई है।
आम आदमी पार्टी सरकार से मांग की है कि जल्द इस स्थिति को सुधारने के लिए हस्तक्षेप करें। बागवानों के साथ खिलवाड़ बंद न हुआ तो मजबूरन जनता को सड़क पर उतरने के लिए विवश होना पड़ेगा।