बिलासपुर में ऐतिहासिक राम नाटक के शुभारंभ के बाद मंचन का पहला दिन
जब किसी व्यक्ति में अहंकार आ जाता है तो तप और तेज किसी काम के नहीं रहते, यह संवाद जब भगवान शंकर के अनुचर नंदी ने लंकाधिपति रावण से कहे तो समूचा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। मौका था बिलासपुर की ऐतिहासिक राम नाटक के शुभारंभ के बाद मंचन के पहले दिन का। पहले नवरात्रे को बारिश होने के कारण मंचन नहीं हो पाया था, इसलिए दूसरे नवरात्रे को ही संपूर्ण दो दिनों के दृष्य प्रस्तुत किए गए। श्री राम नाटक मंचन का शुभारंभ अध्यक्ष नरेंद्र पंडित ने विधिवत रूप से पूजा अर्चना के साथ किया। पहले दिन में विष्णु का किरदार सुखदेव ने, ब्रम्हा का सुशील पुंडीर, नारद सुमित मैहता, इंद्र शेर बहादुर, धरती अमित, यम संदीप गुप्ता, वायु का अभिनय पारस गौतम, वरूण गिरीश, अग्नि बृजलाल गांधी, नंदी अभिषेक टेस्सू, शंकर कपिल शर्मा, विश्वामित्र राजेंद्र चंदेल, ताड़का नितिन, निशांत, पिंटू व नरेंद्र जबकि ज्ञानवती और लक्ष्मी का किरदार आसिफ ने निभाया।