इंसानियत की एक अनोखी मिसाल कायम की राजेंद्र वर्मा ने, बिछड़े भाईओं को मिलाया
भगवान कभी - कभी इंसान की मदद करने के लिए इंसान के रूप में धरती पर उतर जाते है। बड़े भाई दिमागी संतुलन खोने के कारण पिछले एक वर्ष से अपने परिवार से बिछड़कर रायबरेली से सैकड़ों मील दूर देवभूमि में पहुंच गए। हालांकि अपना दिमागी संतुलन खो चुके राजेश द्धिवेदी पिछले एक वर्ष से कहाँ रहे और कैसे रहे शायद ये एक पहली ही बनी रहेगी। लेकिन कुछ दिन पहले इस इंसान की मदद के लिए एक ऐसा फरिश्ता सामने आया। इसने फिर से राजेश के परिजनों का घर खुशियों से भर दिया। प्लानिया पँचायत के कोठी कुणाल गांव के निवासी राजेन्द्र कुमार वर्मा जो कि धुन्दन में सरकारी विद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रवक्ता है और दाड़लाघाट में किराए के मकान में रहते है। यही वह इंसान है जिसने साबित कर दिया है की देवभूमि में आज भी इंसानियत जिंदा है। इन्होंने देवभूमि में अतिथि देवों भवा शब्द को भी सार्थक कर दिया। राजेश द्धिवेदी पिछले एक वर्ष से ऐसी स्थिती में भटकते रहे। इस स्थिती में उनकी मदद करना तो दूर उनके नजदीक जाना भी बड़ा मुशिकल हो चुका था। पिछले एक वर्ष से न नहाने के कारण दूर - दूर तक इनके शरीर से दुर्गांध आती रही। ऐसे में कोई भी इनके नजदीक जाने को तैयार नही था। राजेंद्र वर्मा ने इस इंसान की मदद के लिए कदम बढ़ाया और अपने घर पर राजेश को स्नान करवाकर उसे साफ कपड़े पहनाए। इस दौरान इसकी बाजू में रायबरेली का टेटू देखकर राजेंद्र वर्मा ने पुलिस से मदद के लिए संपर्क किया। थाना दाड़लाघाट के मुंशी खेमसिंह ने भी पूरी निष्ठा से कार्य करते हुए राजेश के परिजनों से सपंर्क साधा और उन्हें दाड़लाघाट बुला लिया। अपने बड़े भाई से पूरे एक साल बिछड़ चुके उनके छोटे भाई ने जब राजेश को देखा तो यह समय सभी को भावुक कर देना वाला बन गया। आंखों में आंसू और रूंधे गले से छोटा भाई इस फ़रिश्ते सहित उनकी धर्मपत्नी मीनाक्षी वर्मा का आभार व्यक्त करने लगा। हालांकि राजेंद्र वर्मा ने इस पूरे मानवता कार्य के लिए दाड़लाघाट पुलिस की भी खूब सराहना की।