डॉ. एमएल भारद्वाज बने नौणी विवि के औदयानिकी महाविद्याल के डीन
डॉ. एमएल भारद्वाज ने डॉ वाईएस परमार औदयनिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के औदयानिकी महाविद्यालय के डीन का कार्यभार संभाल लिया है। इससे पहले डॉ. भारद्वाज कांगड़ा ज़िला के जाछ में विश्वविदयाल के क्षेत्रीय औदयानिकी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र के एसोसिएट डायरेक्टर के रूप में अपनी सेवाएँ दे रहें थे। इस मौके पर डॉ. भारद्वाजने विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ परविंदर कौशल का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकताएं बेहतर शैक्षणिक और अनुसंधान के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शोध के लिए सुविधाओं को मजबूत करना होगा ताकि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छात्र बेहतर प्रदर्शन कर सकें। उनके अनुसार कौशल विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा ताकि छात्रों को बेहतर रोजगार अवसर सुनिश्चित किए जा सकें।
डॉ. भारद्वाज बिलासपुर के नागियार गाँव सेसंबंध रखतें हैं और कृषि महाविद्यालय सोलन के पूर्व छात्र हैं। अनुसंधान, शिक्षण और विस्तार के क्षेत्र में उनका 30 वर्षों से अधिक का विशिष्ट कैरियर रहा है। डॉ. भारद्वाज ने 1989 में जाछ केंद्र से वनस्पति विज्ञान के सहायक वैज्ञानिक के रूप में अपना करियर शुरू कियाथा जहां उन्होंने उपोष्णकटिबंधीय सब्जी फसलों पर काम किया और राज्य के निचले क्षेत्रों के लिए विभिन्न सब्जियों के लिए उत्पादन तकनीकों का मानकीकरण किया। फसलों के जैविक उत्पादन पर काम करने के अलावाडॉ भारद्वाज ने राज्य के निचले क्षेत्रों के लिए विभिन्न किस्मों की सब्जी पर भी शोधकार्य किया।
डॉ. भारद्वाज 2001-2009 के बीच कृषि विज्ञान केंद्र चंबा के कार्यक्रम समन्वयक और 2011 से 2014 तक वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर और विभाग अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न फसलों की उच्च उपज देने वाली किस्मों के प्रजनन पर जोर दिया। डॉ. भारद्वाज सोलन रचना (गाजर), सोलन गिरिगंगा (अदरक), सोलन कृति (लेट्यूस) और सोलन श्रीजन (ककड़ी) जैसी किस्मों के विकास से भी जुड़े रहे हैं। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में 150 से अधिक प्रकाशन उनके नाम है।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति,वरिष्ठ अधिकारियों और संकाय ने उन्हें बधाई दी।