आधुनिक शिक्षा के साथ नैतिक मूल्यों एवं संस्कारों की शिक्षा प्रदान किया जाना आवश्यक- डाॅ.सैजल
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने कहा कि वर्तमान समय में युवाओं को आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ नैतिक मूल्यों एवं संस्कारों की शिक्षा प्रदान किया जाना आवश्यक है ताकि वे भविष्य में देश के समर्पित एवं उत्तरदाई नागरिक बन सकें। डाॅ. सैजल आज सोलन जिला के दून विधानसभा क्षेत्र के कुठाड़ में टैगोर वन स्थली विद्यालय के 12वें पारितोषिक वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। डाॅ. सैजल ने कहा कि आधुनिक शिक्षा तभी सार्थक है जब युवा अपने क्षेत्र की परंपराओं और अपनी समृद्ध संस्कृति के बारे में ज्ञान रखते होंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में शिक्षा के हर क्षेत्र का ज्ञान आवश्यक बताया गया है। प्राचीन समय में गुरुकुल परंपरा में शिष्यों को गुरु सभी प्रकार का ज्ञान व्यवहारिक रूप से प्रदान करते थे ताकि शिष्य भविष्य में किसी भी चुनौती का सामना सफलतापूर्वक कर सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में भी हमें प्राचीन और नवीन शिक्षा प्रणाली को समन्वित रूप में अपनाना होगा ताकि युवा न केवल अपनी सकारात्मक ऊर्जा का बेहतर प्रयोग कर सकें अपितु देश एवं प्रदेश के निर्माण में सक्रिय योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में वर्तमान प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ नैतिक मूल्यों की जानकारी देने पर भी बल दे रही है। प्रयास किया जा रहा है कि विद्यालय स्तर पर युवाओं को संस्कृत का श्रेष्ठ ज्ञान प्रदान किया जा सके ताकि वे प्राचीन संस्कृति को बेहतर तरीके से आत्मसात कर सकें।
डाॅ. सैजल ने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष में प्रदेश सरकार शिक्षा क्षेत्र पर 7598 करोड रूपए खर्च कर रही है। सभी विद्यालयों में छात्रों को आधुनिक शिक्षा पद्धति के माध्यम से रोजगार परक शिक्षा प्रदान करने पर बल दिया जा रहा है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने छात्रों से आग्रह किया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर स्वच्छता अभियान को समग्र रूप से अपनाएं। उन्होंने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता आवश्यक है और इस दिशा में युवा बेहतरीन कार्य कर सकते हैं। युवाओं को न केवल स्वच्छता दूत बनना होगा बल्कि अपने आसपास के परिवेश में सभी को यह समझाना होगा कि स्वच्छता स्वास्थ्य एवं विकास के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हिमाचल जैसे पर्यटन राज्य में स्वच्छता का मूल्य कहीं अधिक है। डाॅ. सैजल ने कहा कि अब युवाओं को नशे के विरूद्ध प्रदेश सरकार के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर चलना होगा ताकि समाज से सभी प्रकार के नशों को समाप्त किया जा सके। उन्होंने इस अवसर पर विद्यालय के मेेधावी छात्रों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। विद्यालय की प्रधानाचार्य कमलप्रीत कौर ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा विद्यालय की गतिविधियों की जानकारी प्रदान की। दून के विधायक परमजीत सिंह पम्मी, पूर्व जिला परिषद सदस्य अरूण सेन, ग्राम पंचायत कृष्णगढ़ के प्रधान रामनाथ वशिष्ठ, उप प्रधान पवन कुमार, भाजयुमो दून के महासचिव नरेन्द्र शर्मा, भाजपा तथा भाजयुमोे के अन्य पदाधिकारी, विद्यालय के निदेशक प्रशासन जसवीर सिंह मान, जिला के विभिन्न विभागों के अधिकारी, अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा छात्र अभिभावक इस अवसर पर उपस्थित थे।