जल संरक्षण के लिए ईमानदार प्रयासों की जरूरत
जल संरक्षण की दिशा में ईमानदार प्रयास करने की जरुरत है ताकि कृषि और अन्य गतिविधियों के लिए आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। डॉ. वाईएस परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय,नौणी और कृषि विज्ञान केंद्र सोलन द्वारा नालागढ़ ब्लॉक की दीगल पंचायत में एक दिवसीय किसान मेले और किसान वैज्ञानिक परिचर्चा के दौरान विशेषज्ञों द्वारा व्यक्त किए गए कई विचारों में से एक यह रहा। जल संरक्षण और जल के विवेकपूर्ण उपयोग के बारे में जागरूकता लाने के लिए केंद्र सरकार के जल शक्ति अभियान के तहत इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नौणी विवि के कुलपति डॉ. परविंदर कौशल मुख्य अतिथि जबकि एडीएम सोलन विवेक चंदेल विशिष्ट अतिथि रहे। डॉ. राकेश गुप्ता, विश्वविद्यालय के निदेशक विस्तार शिक्षा, राज कुमार, खंड विकास अधिकारी नालागढ़, डॉ. राजेन्द्र शर्मा, उप-निदेशक बागवानी, डॉ पीसी सैनी, उप-निदेशक कृषि और दिग्गल और आसपास की पंचायतों के 850 से अधिक किसानों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। आयोजन के दौरान बागवानी और कृषि विभागों के लाइन अधिकारियों के अलावा, केवीके सोलन और विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के वैज्ञानिक भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर डॉ कौशल ने कहा कि जल संरक्षण के लिए हर व्यक्ति के योगदान की आवश्यकता है और इसके न्यूनीकरण के लिए प्रयास समय की मांग है। उन्होंने इस मुद्दे पर जागरूकता पैदा करने और सभी की भागीदारी सुनिश्चित करने में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया। उन्होंने किसानों से प्रति बूंद अधिक फसल सुनिश्चित करने के लिए वैज्ञानिक तरीकों और आधुनिक सटीक कृषि तकनीकों को अपनाने का आग्रह किया। डॉ कौशल ने कहा कि राज्य की निचली पहाड़ियों में बागवानी की अपार संभावनाएं है और विश्वविद्यालय नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रमों और गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री के माध्यम से इसके प्रचार के लिए प्रयास करेगा। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण और खाद्य उत्पादन के विपणन में स्वयं सहायता समूहों की भूमिका पर विशेष जोर दिया। एडीएम विवेक चंदेल ने किसानों को पर्यावरण के संरक्षण में सक्रिय योगदान देने के लिए प्रेरित किया। उनका विचार था कि सार्वजनिक महत्व के मुद्दों पर वैज्ञानिक जानकारी के प्रसार के लिए ग्राम सभाओं का उपयोग किया जा सकता है। डॉ राकेश गुप्ता ने विश्वविद्यालय द्वारा किए गए विभिन्न विस्तार गतिविधियों के बारे में बताया। इससे पहले, मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए केवीके सोलन के प्रभारी डॉ डीपी शर्मा ने कहा कि किसान मेले का उद्देश्य लोगों के जीवन में पानी के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना और विभिन्न संरक्षण
तकनीकों के बारे में उन्हें अवगत कराना है। आयोजन के दौरान, प्रतिभागियों को जल संरक्षण के लिए कृषि और बागवानी विभाग की विभिन्न योजनाओं से अवगत कराया गया। निचले क्षेत्रों के लिए जल संरक्षण, सटीक सिंचाई और भावी फलों की खेती के लिए रणनीतियों और तरीकों पर कई तकनीकी व्याख्यान दिए गए। फलों,सब्जियों और फूलों, मिट्टी और जल संरक्षण, खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी, वन उत्पाद, कीट विज्ञान और पादप रोग पर एक प्रदर्शनी लगाई गई। प्रदर्शनी में किसानों द्वारा उगाए गए विभिन्न फलों, फूलों, सब्जियों के नमूनों की एक अलग प्रदर्शनी लगाई गई और किसानों को सम्मानित किया गया। इस आयोजन में एक किसान वैज्ञानिक परिचर्चा भी आयोजित की गई जहाँ वैज्ञानिकों ने किसानों की समस्याओं का समाधान किया। पिछले सप्ताह केवीके सोलन द्वारा विभिन्न स्कूलों में जल संरक्षण विषय पर निबंध और नारा लेखन और चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को भी कार्यक्रम के दौरान पुरस्कृत किया गया।