सीटू जिला कमेटी की बैठक में जबरदस्त प्रदर्शन का ऐलान
सीटू जिला कमेटी की बैठक शनिवार दिनांक 2 नवम्बर को सीटू कार्यालय चितकारा पार्क में जिला अध्यक्ष कुलदीप डोगरा की अध्यक्षता में सम्पन हुई। बैठक में सीटू राज्याध्यक्ष विजेंदर मेहरा मुख्य रूप से शामिल हुए और उन्होंने देश मे आज की राजनीतिक परिस्थिति व उसका मज़दूर वर्ग पर उसके प्रभाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज मोदी 2 सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के चलते मजदूर वर्ग पर हमले और तिव्र हुए है।मोदी 2 सरकार देश मे 44 श्रम कानूनो को बदलकर 4 कोड बनाना चाहती है और उन्हें पुंजिपतियो के पक्ष में कर रही है। 1 नवम्बर को सभी ट्रेड यूनियनों व विभिन्न फेडरेशनों की संयुक्त अधिवेशन हुआ। इसमें 08 जनवरी 2020 की संयुक्त राष्ट्रव्यापी हड़ताल को हिमाचल प्रदेश में सफल बनाने का निर्णय लिया गया। जिला कमेटी शिमला ने भी यह निर्णय लिया है कि शिमला जिला में भी इस हड़ताल को सफल बनाया जाएगा। सभी मजदूरो तक मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों को ले जाया जाएगा। इस दिन पूरे शिमला जिला में चक्का जाम किया जाएगा। इसको लेकर शिमला में क्षेत्रीय स्तर पर भी अधिवेशन का निर्णय लिया गया है। जिला महासचिव अजय दुलटा ने बैठक में संगठनात्मक रिपोर्ट रखी और उपस्थित सभी जिला कमेटी सदस्यों ने इस पर चर्चा की।हिमाचल प्रदेश सीटू राज्य कमेटी ने शिमला में तहबाजारी को उजाड़ने की नगर निगम शिमला की मुहिम का कड़ा विरोध किया है। सीटू ने ऐलान किया है कि नगर निगम शिमला के इस तहबाजारी विरोधी रवैये के खिलाफ 6 नवम्बर को नगर निगम शिमला के बाहर जबरदस्त प्रदर्शन होगा। इसमें शिमला शहर के सैंकड़ों तहबाजारी सड़कों पर उतरकर नगर निगम शिमला की कार्रवाई का विरोध करेंगे।
सीटू राज्याध्यक्ष व हिमाचल प्रदेश रेहड़ी फड़ी तहबाजारी यूनियन के राज्य प्रभारी विजेंद्र मेहरा, यूनियन अध्यक्ष सुरेंद्र बिट्टू व महासचिव सुरेंद्र कुमार ने कहा है कि रामबाजार, संजौली, लोअर बाजार, सब्जी मंडी आदि में नगर निगम शिमला की कार्रवाई कानून विरोधी है। उन्होंने कहा है कि नगर निगम शिमला के अधिकारी तहबाजारी को उजाड़ने की मुहिम चलाई हुए है। इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नगर निगम शिमला की यह कार्रवाई स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 व वर्ष 2007 की सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन्स के खिलाफ है व उसकी पूर्ण अवहेलना है। इस कानून व गाइडलाइन्स के अनुसार किसी भी तहबाजारी को उजाड़ा नहीं जा सकता है बल्कि उन्हें उचित स्ट्रीट वेंडिंग पॉलिसी बनाकर टाउन वेंडिंग कमेटी बनाकर वेंडिंग ज़ोन बनाकर बसाना अनिवार्य है। परन्तु इन सारे दिशानिर्देशों व कानून की अवहेलना से स्पष्ट हो गया है कि नगर निगम शिमला सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रहा है। उन्होंने चेताया है कि अगर नगर निगम शिमला ने अपनी जनविरोधी कार्रवाई बन्द न की तो नगर निगम के खिलाफ निर्णायक लड़ाई होगी।