संत निरंकारी भवन दाड़लाघाट में सत्संग का आयोजन
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संत निरंकारी सत्संग भवन दाड़लाघाट में रविवार को सत्संग का आयोजन किया गया। मंच पर विराजमान सयोंजक महात्मा शंकर दास निरंकारी ने कहा कि परमात्मा चौतन्य है, असीम है, सर्वत्र व्यापक है। शरीर सीमित है, मन, बुद्धि सीमित है। आत्मा किसी एक शरीर से बंधी नहीं है। यह सारी भिन्नता शरीरगत है, मानसिक है। राजा जनक को जब सतगुरु ब्रड्डवेता अष्टावक्र से ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति हुई तो अष्टावक्र ने कहा कि तू शरीर नहीं है, व्यापक आत्मा है। इस मौके पर काफी संख्या में निरंकारी समुदाय के अनुयायियों ने भाग लिया।अंत मे लंगर का भी आयोजन किया गया।