जो भक्त ईश्वर का चिंतन करता है, वह स्वतः ही चिंता से मुक्त हो जाता है
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा राजा पदम सिंह मैमोरियल स्टेडियम कुनिहार में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस की कथा का शुभारंभ विधिवत पूजन से हुआ। इसमें दिनेश गुप्ता(सपाटू),मनीष गुप्ता, श्यामलाल ठाकुर, नरेन्द्र ठाकुर ने परिवार सहित हिस्सा लिया। कथा में आशुतोष महाराज की शिष्या कथा व्यास साध्वी भद्रा भारती ने ध्रुव प्रसंग की व्याख्या करते हुए कहा की मुश्किल की घड़ी में भक्त घबराता नहीं धैर्य नहीं छोड़ता क्योंकि भक्त चिंता नहीं सदा चिंतन करता है। जो भक्त ईश्वर का चिंतन करता है, वह स्वतः ही चिंता से मुक्त हो जाता है। परंतु ईश्वर का चिंतन तभी होगा जब हमारे अंदर उनके प्रति भाव होंगे। हमने ईश्वर को देखा नहीं, जाना नहीं, उनकी शरणागति प्राप्त नहीं की इसलिए हमारा प्रेम ईश्वर से नहीं हो पाया है। यदि हम चाहते हैं कि ध्रुव की तरह भक्ति भाव हमारे जीवन में भी आ जाएं तो हमें किसी तत्वदर्शी ज्ञानी महापुरुष की शरण में जाकर उनकी कृपा से ईश्वर के वास्तविक स्वरूप का दर्शन करना होगा। तब हम भी उन भक्तों के समान प्रभु के प्रिय बन जाएंगे। कथा का समापन प्रभु की पावन आरती से हुआ। इसमें आशा परिहार (अर्की),राम रतन, रतन लाल शर्मा(बातल) ने विशेष रूप से हिस्सा लिया।