तहबाजारियों को दुकानदारों की तर्ज पर काम करने की दी जाए इजाजत : सीटू
रेहड़ी-फड़ी तहबाजारी सम्बंधित सीटू का प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त से मिला व उन्हें ज्ञापन सौंपा।
विजेंद्र मेहरा ने नगर निगम शिमला के आयुक्त से मांग की है कि शिमला नगर निगम के दायरे में कार्यरत सभी तहबाजारियों को दुकानदारों की तर्ज़ पर कार्य करने की इजाज़त दी जाए। आयुक्त ने आश्वासन दिया है कि वह इस संदर्भ में उपायुक्त शिमला को प्रस्ताव भेज कर उचित कदम उठाने का आग्रह करेंगे। उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी के चलते सभी समुदायों का रोजगार किसी न किसी रूप में प्रभावित हुआ है। इसमें विशेष तौर पर रेहड़ी फड़ी तहबाजारी के रोजगार में लगे लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। ये लोग रोज़ कमाकर परिवार को पालन-पोषण करने वाले लोग हैं। प्रदेश सरकार व प्रशासन ने दुकानों को वैकल्पिक दिनों में खोलने की इजाज़त दी है जोकि स्वागत योग्य कदम है। परन्तु सबसे गरीब लोग रेहड़ी फड़ी तहबाजारी का कार्य करते हैं व उन्हें अपना कार्य करने की इजाज़त नहीं दी गई है। ये लोग लोग सबसे गरीब शहरी लोग हैं।
बाबू राम ने कहा है कि भारत सरकार ने माननीय उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों पर मार्च 2014 में स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट बनाया था। इस कानून के तहत रेहड़ी फड़ी तहबाजारी का कार्य करने वाले लोगों को संविधान के अनुच्छेद 21 के जीने के अधिकार व अनुच्छेद 14 के समानता के अधिकार के तहत जीविका अर्जित करने का अधिकार दिया गया है। कोरोना के कारण पिछले डेढ़ महीनों में इस कार्य में लगे लोगों का रोजगार पूरी तरह खत्म हो गया है व परिवार के लिए भोजन की व्यवस्था करना भी मुश्किल हो गया है इसलिए रेहड़ी फड़ी तहबाजारी को भी कारोबारियों की तर्ज़ पर कार्य करने की इजाज़त दी जाए। अगर प्रशासन यह व्यवस्था नहीं करता है तो फिर नगर निगम शिमला के पास जिन भी लोगों ने स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट के अनुसार पंजीकृत होने के लिए सर्टिफिकेट ऑफ वैंडिंग व आई कार्ड देने के लिए आवेदन किया है उन्हें राज्य सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन के अनुसार 8250 रुपये की प्रति महीना आर्थिक मदद अप्रैल और मई महीनों के लिए जारी की जाए।