संस्कृत भारती जगा रही संस्कृत की अलख

संस्कृत भारती के तत्वावधान में गांव गांव में संस्कृत का प्रचार प्रसार निरंतर हो रहा है।अर्की संस्कृत भारती के अध्यक्ष मस्तराम शास्त्री के मार्गदर्शन में संस्कृत भारती द्वारा निरंतर संस्कृत का प्रचार प्रसार छोटे-छोटे बच्चों के माध्यम से किया जा रहा है।इसी क्रम में घणागुघाट पंचायत के बैहली गांव में 10 दिवसीय संस्कृत संभाषण शिविर लगाया जा रहा है। इसका शुभारंभ गांव के ही संस्कृत प्रेमी रामलाल द्वारा किया गया। संस्कृत भारती की ओर से किशोरी शास्त्री तथा संस्कृत विस्तारिका रितु शर्मा इस शिविर में 20 नन्हें विद्यार्थियों को 10 दिनों तक संस्कृत भाषा के महत्व तथा व्यवहारिक बोलचाल हेतु उनका मार्गदर्शन करेंगी। रितु शर्मा ने बताया कि बच्चे जैसे-जैसे संस्कृत बोलना सीख रहे हैं वैसे वैसे उनकी रुचि संस्कृत की और अधिक बढ़ रही है जो संस्कृत भारती के प्रयासों को साकार करने की उम्मीद जगा रही है।संस्कृत भारती के अध्यक्ष मस्तराम शर्मा ने कहा कि वह हर गांव में इसी प्रकार के शिविर लगाकर संस्कृत भाषा को प्रचारित करने का प्रयास करेंगे।इस शिविर में आरती,सुहानी,किरण,नेहा, हिना,राशि,दिशा,जागृति,अंजलि, संजना,राखी,साहिल,दीपांशु,हैप्पी, गर्व,खेमचंद,हिमांशु,सागर इत्यादि ने संस्कृत भाषा बोलने में सर्वाधिक रुचि दिखाई।