सरकार द्वारा पुरानी पेंशन बहाल न करने पर रोष
हिप्र पुलिस पेंशनर्ज वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान धनीराम तनवर,सन्तराम चन्देल,रूपराम ठाकुर,पतराम पंवर,केदारनाथ ठाकुर,जगदीश चौहान,रतीराम शर्मा,दीपराम ठाकुर,राजेन्द्र शर्मा,अमरचन्द पाल इत्यादि पेंशनरों ने अपने संयुक्त बयान में कहा है कि प्रदेश सरकार वर्ष 2003 के बाद के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने में आर्थिक कारणों से असमर्थ है। तो इंसानियत का तकाजा है कि देश व प्रदेश के मन्त्रीगण, एम पी व विधायकों चाहे वह किसी भी पार्टी का हो प्रदेश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए स्वेच्छा से अपनी पेंशन बन्द करवानी चाहिए।उन्होंने कहा कि जब सभी विभागों के कर्मचारियों को 35- 40 साल नौकरी करने के बाद भी पेंशन नही मिलेगी, तो शपथ ग्रहण करने के बाद या अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा होने पर भी यह माननीय पेंशन के कैसे हकदार हुए। पेंशनर्ज ने कहा कि जब इन्हें अपने वेतन भत्ते बढ़ाने होते हैं तो तब इन्हें देश व प्रदेश की आर्थिक स्थिति नजर नही आती। व सभी पार्टियों के नेतागण एक स्वर में भेजे थपथपा कर बिल पास कर देते हैं। पेंशनरों के लिए कई सालों से 5,10, व 15 प्रतिशत का भत्ता मूल वेतन में नही दे रहे हैं जबकि प्रत्येक पेंशनर ने अपनी जवानी के 35,40 साल देश के विकास के लिए अपना योगदान दिया है। इसी तरह पुलिस पेंशनरों की 4 साल से किसी भी मांग पर सरकार व पुलिस विभाग विचार नही कर रहा है और न लम्बे समय से पेंशनरों के मैडिकल बिलों का भुगतान हो रहा है। पेंशनरों ने कहा है कि सरकार को समझना चाहिए कि पेंशनर भी इसी देश की जनसंख्या का हिस्सा है जो सरकार बनाने में अहम रोल अदा करता है। उन्होंने सरकार से उपरोक्त मांगों को पूरा करने की दरख्वास्त की है ।