प्राचीन शिवमंदिर दाड़लाघाट में शिव महापुराण कथा का आयोजन
प्राचीन शिवमंदिर दाड़लाघाट में चल रही शिव महापुराण कथा के सातवे दिन शनिवार को आचार्य भगत राम नड्डा द्वारा शिवपुराण की कई कथाओं का वर्णन किया गया। इसमें उन्होंने शिव के वाहन नंदी के बारे में बताया कि शिव मंदिर में नंदी शिवलिंग की ओर मुख करके क्यों बैठते हैं। इसका कारण है कि नंदी हमें संदेश देते हैं कि जिस तरह वह भगवान शिव का वाहन हैं,ठीक उसी तरह हमारा शरीर आत्मा का वाहन हैं,जैसे नंदी की नजर शिव की ओर होती हैं उसी तरह हमारी नजर भी आत्मा की ओर होनी चाहिए। हर व्यक्ति को अपने मानसिक व्यवहारिक और वाणी के गुण दोषों की परख करते रहना चाहिए। मन में हमेशा मंगल और कल्याण करने वाले देवता शिव की तरह दूसरो के हित परोपकार और भलाई का भाव रखना चाहिए। नंदी का इशारा यही होता है कि शरीर का ध्यान आत्मा की ओर होने पर ही हर व्यक्ति चरित्र आचरण और व्यवहार से पवित्र हो सकता है। इसे ही मन का साफ होना कहते हैं, इस तरह अब जब मंदिर में जाएं शिव के साथ नंदी की पूजा का शिव के कल्याण भाव को मन में रख कर वापस आएं, इसी को शिव तत्व को जीवन में उतारना कहा जाता है। वहीं बाबा महन्त जयदेव गिरी महाराज ने बताया कि शिवमहापुराण कथा सुनने के लिए प्रतिदिन दूर दूर से सैंकड़ों श्रद्धालु शिव कथा का रसपान कर रहे हैं व हर रोज भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा हैं।