संतराम चब्बा की 11 वीं पुण्यतिथि मनाई
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बिलासपुर में स्थानीय मशहूर गायक, रंगमंच के कलाकार एवं कवि संतराम चब्बा की 11 वीं पुण्यतिथि पालिका क्लब में मनाई गई । इस अवसर पर उनके मित्रों तथा परिवारजनों के अलावा कई साहित्यकारों ने उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त बास्केटबॉल कोच खुशी राम गर्ग थे कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ नागरिक एवं बीएसएफ के पूर्व कमांडेंट सुरेंद्र शर्मा ने इस कार्यक्रम का आयोजन कहलूर संस्कृतिक परिषद और अखिल भारतीय सांस्कृतिक परिषद के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था इस कार्यक्रम में स्वर्गीय संतराम जब्बा के दोनों पुत्र भारत भूषण चब्बा और कुलभूषण चब्बा भी उपस्थित रहे।
वरिष्ठ नागरिक रवीन्द्र भट्टा ने कहा कि संतराम चब्बा अपनी प्रकार के एक ही लोक प्रिय और जनप्रिय कलाकार थे, जिंहोने अपने मधुर और धारा प्रवाह वाणी के आधार पर हर मंच को हजारों लोगों की उपस्थिती में हर्ष एवं करतल ध्वनि के साथ लूटा ।
प्रदीप गुप्ता ने संतराम चब्बा की मंच कला का विवरण प्रस्तुत किया जबकि सेवा निवृत सयुक्त शिक्षा निदेशक रहे सुशील पुंडीर ने रामलीला के राम के नाम से उनके मंच पर प्रस्तुत किए गए हर वर्ष के रामलीला नाटकों का स्मरण करवाया । कुलदीप चंदेल ने बिलासपुर क्यूँ डूबा –रानी का शाप था या समय की पुकार , सुरेन्द्र गुप्ता ने पंडित दीना नाथ की कविता , नरेंद्र गुप्ता ने बड़ा अद्भुत था एक शहर पुराना , जीतराम सुमन ने डूबी जाँदा सांडू मेरा , रतन चंद निर्झर ने गिरती दीवार , डाक्टर एआर सांख्यायन ने जब जलमग्न हुआ कहलूर और प्रतिभा शर्मा ने कितना भोला था मोहणा कवितायें गा कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया ।
इस अवसर पर रामपाल डोगरा ,डाक्टर अनीता शर्मा , तरुण टाडू ,गुरविन्द्रसिंह , रोशनदीन , ओंकार कपिल ,संजय शर्मा ,कर्ण चंदेल ,रविंदर , शिवपाल गर्ग ,कर्नल कर्ण चंदेल और एस आर आजाद भी उपस्थित थे , जिंहोने भी चब्बा की समृति में अपनी- अपनी कवितायें पढ़ी।