पर्यटन उद्योग को पटरी पर लाने के लिए कमेटी गठित
हिमाचल प्रदेश के पर्यटन उद्योग पर कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा असर पड़ा है। यदि हम अन्य पर्यटन राज्यों की बात करें तो गोवा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, इन राज्यों के पर्यटक स्थलों में मार्च से लेकर नवंबर तक ऑफ सीजन रहता है, परंतु हिमाचल का मुख्य सीजन अप्रैल-मई तथा जून में होता है। इस दौरान सभी पर्यटन कारोबारियों का सारे वर्ष की लगभग 60% से भी अधिक रेवेन्यू अप्रैल मई और जून के दौरान ही एकत्रित किया जाता है जिससे पर्यटन इकाइयों को सारे वर्ष के लिए फिक्स्ड खर्चों को वहन करने में मदद मिलती है। अप्रैल तथा मई का महीना हमारे हाथों से खिसक चुका है। पर्यटन से जुड़े लोग उम्मीद कर रहे थे कि शायद पंजाब हरियाणा तथा चंडीगढ़ ग्रीन जोन में आ गए तो हमारा जून के महीने से कुछ व्यापार चल पड़ेगा परंतु इन सभी राज्यों में कोविड के केस बढ़ रहे हैं जिसके कारण इन राज्यों के बॉर्डर खुलने की उम्मीद नहीं की जा सकती।
इस प्रकार होटल यदि दोबारा से संचालित करने हो तो उसके लिए कम से कम 2 से 3 महीने का टाइम लग सकता है क्योंकि दोबारा से होटल मेंटेनेंस करवाने तथा अन्य इंतजाम करने होटल को नई गाइडलाइंस के मुताबिक सारे सेफ्टी मैजर्स का प्रावधान करने में समय लगेगा। इसी तरह टूरिस्टो की आमद सितंबर तथा अक्टूबर में बढ़ती है, जब बंगाल तथा गुजरात से अधिकतर पर्यटक हिमाचल घूमने आते हैं, परंतु यह दोनों राज्य के कारण बहुत अधिक प्रभावित है। यही कारण है कि हिमाचल में पर्यटन शुरू होने में कम से कम 1 वर्ष का समय लग सकता है। इतन लंबा समय सरकार की मदद के बिना काटना असंभव है। इस कारण टूरिस्ट इंडस्ट्री पर काले बादल मंडराने लगे हैं। सभी पर्यटन से जुड़े स्टेक होल्डर इस बात से बहुत चिंतित है।
पर्यटन एक ऐसा उद्योग है जो कि अन्य उद्योगों या दुकानों की तरह खुलते ही शुरू हो जाए ऐसा नहीं है। इस को पटरी पर लाने में समय लगता है। यह भी निश्चित है कि जब तक कोविड 19 की कोई वैक्सीन नहीं आ जाती तब तक पर्यटक घूमने से परहेज करेंगे। समय रहते इसका समाधान न किया गया तो पर्यटन उद्योग को बचाना नामुमकिन हो जाएगा। यदि हम माने की हालत सुधरते ही यह सब कुछ खुल जाए तो भी सरकार को टूरिज्म इंडस्ट्री को आने वाली 1 वर्ष के लिए कई तरह की रियायत देनी पड़ेगी ताकि पर्यटन उद्योग दोबारा से अपने पैरों पर खड़ा हो सके।
इन्हीं सब बिंदुओं को नजर में रखते हुए TOURISM INDUSTRY STAKE HOLDERS ASSOCIATION ने 9 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है जो कि सरकार को इस मौजूदा हालात में पर्यटन उद्योग को कैसे पटरी पर लाए, टूरिज्म यूनिट के खुलने के बाद आने वाली परिस्थितियों का क्या उपाय किया जाए, सरकार की तरफ से क्या मदद की आवश्यकता पड़ेगी तथा सरकार द्वारा क्या कदम उठाए जाएं ताकि डोमेस्टिक टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा सके, इन सभी बिंदुओं को लेकर रिपोर्ट तैयार कर दो हफ्तों के भीतर सरकार को सबमिट करेगी ताकि पर्यटन उद्योग को जीवित रखा जा सके। इस 9 सदस्यी कमेटी में होटल चैप्टर, रेस्टोरेंट्स चैप्टर, एडवेंचर स्पोर्ट्स तथा रूरल टूरिज्म चैप्टर से विभिन्न सदस्यों को शामिल किया गया है तथा इसके अलावा दो एडवाइजर भी बनाए गए है। इस कमेटी में अनिल भारद्वाज, यात्रा अध्याय; राज चौहान, यात्रा अध्याय; नीरज गुप्ता, होटल cgcape; पार्टप चौहान, ग्रामीण पर्यटन अध्याय; अनिल सकिया साहसिक अध्याय; आदित्य पाल सिंह रेस्तरां अध्याय; राहुल चावला होटल चैप्टर; पानी बरसाती पानी के खेल और साहसिक अध्याय व निशांत नाग एडवेंचर चैप्टर को सदस्य चुना गया है। साथ ही अनिल वालिया होटल अध्याय व मोहिंदर सेठ प्रेजिडेंट Tourism Industry Stake holders Association को सलाहकार के रूप में चुना गया है। इसी तरह मोहिंदर सेठ एसोसिएशन ऑफ हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म के संयोजक ने सभी 19 एसोसिएशन को भी सूचित किया है वह भी इस प्रकार की कमेटियों का गठन कर सुझाव दें ताकि सरकार की समक्ष एक विस्तृत रिपोर्ट सभी एसोसिएशन की तरफ से स्टेट फोरम द्वारा सबमिट की जा सके।