आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए ‘समर्थ-2019’ आरंभ
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सोलन द्वारा आज यहां आपदा जोखिम न्यूनीकरण के संदर्भ में मॉकड्रिल आयोजित की गई। यह मॉकड्रिल जन जागरूकता एवं क्षमता निर्माण ‘समर्थ-2019’ के अंतर्गत आयोजित की गई।मॉकड्रिल औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सोलन में आयोजित की गई। इस अवसर पर उपमंडलाधिकारी सोलन रोहित राठौर ने सभी को आपदा, आपदा से बचाव एवं आपदा न्यूनीकरण के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की। मॉकड्रिल में विशेष रूप से अग्नि सुरक्षा उपायों के साथ-साथ आपदाओं से बचाव की जानकारी दी गई। रोहित राठौर ने कहा कि हमारा प्रदेश विशेष रूप से भूकंप की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि सभी को आपदा से बचाव के विषय में जागरूक बनाने के लिए प्रदेश सरकार जिला प्रशासन के सहयोग से आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम आयोजित करती है। इनके माध्यम से जहां सभी को आपदा के समय अपनाए जाने वाले उपायों की विस्तृत जानकारी प्रदान की जाती है वहीं यह भी सुनिश्चित बनाया जाता है कि लोग आपदा को कम करने के विषय में जान पाएं। उन्होंने कहा कि ‘समर्थ-2019’ के नाम से आपदा जोखिम न्यूनीकरण के विषय में राज्य स्तरीय जागरूकता एवं क्षमता विकास अभियान कार्यान्वित किया जा रहा है। यह अभियान आज से 23 अक्तूबर, 2019 तक आयोजित किया जाएगा। सोलन जिला में भी जिला मुख्यालय सहित सभी उपमंडलों में यह जागरूकता अभियान आरंभ किया गया है। रोहित राठौर ने कहा कि विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक एवं मानव निर्मित आपदाओं के आने का कोई समय नहीं होता। सत्त तैयारी, अभ्यास एवं जागरूकता से ही आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि आपदा न्यूनीकरण के उपायों को बारीकि से समझें ताकि आवश्यकता पड़ने पर इनकी सहायता से व्यापक स्तर पर लोगों को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि विभिन्न आपदाताओं से समुचित प्रकार से निपटने के लिए उचित जानकारी एवं प्रशिक्षण आवश्यक है। सभी को आपदा न्यूनीकरण के संबंध में जागरूक बनाने और सत्त तैयारी के लिए ही यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
रोहित राठौर ने कहा कि आपदा प्रबंधन के अंतर्गत भौगोलिक संरचना के अनुरूप होने वाली संभावित आपदाओं से निपटने के लिए आवश्यक तैयारी का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का सर्वेक्षण, इनसे होने वाले नुकसान का आकलन, आपदा प्रभावितों का बचाव एवं सुरक्षा, उन्हें भोजन, पेयजल एवं चिकित्सा आदि उपलब्ध करवाना और आवश्यकता अनुसार पुनर्निर्माण सुनिश्चित बनाना आपदा प्रबंधन का मुख्य कार्य है। उन्होंने कहा कि आपदा के समय स्थानीय निवासी ही सर्वप्रथम बचाव कार्य के लिए उपस्थित होते हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि सभी नागरिकों को आपदा से बचाव के लिए मूलभूत प्रशिक्षण व जानकारी प्रदान की जाए ताकि आपदा के पीडि़तों को उचित सहायता प्रदान की जा सके।
इस अवसर पर गृह रक्षकों व अग्निशमन विभाग के जवानों द्वारा भूकंप, अग्नि, रसायन लीकेज व सूखा सहित अन्य आपदाओं से बचाव की जानकारी प्रदान की गई। छात्रों को बताया गया कि प्राकृतिक व मानव निर्मित आपदा से बचने के लिए सतर्कता के साथ एहतियाती उपाय भी जरूरी है। आपदा प्रभावितों को सर्वप्रथम सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना और चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवाना अनिवार्य है। मॉकड्रिल में छात्र-छात्राओं ने अग्निशमन विभाग के कर्मियों की उपस्थिति में आग बुझाने के तरीके सीखे तथा खोज व बचाव अभियान सहित अन्य पूर्वाभ्यास किए। ‘समर्थ-2019’ के अंतर्गत जिला के सभी उपमंडलों में भी आपदा के संबंध में जागरूकता अभियान आरंभ कर दिए गए है। इस अवसर पर 11वीं गृह रक्षा वाहिनी सोलन के समादेशक हरिस्वरूप शर्मा, वाहिनी के प्रशासनिक अधिकारी टीआर शर्मा, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सोलन के प्रधानाचार्य सीएल तनवर, खंड विकास अधिकारी सोलन ललित दुल्टा, जिला आपदा प्रबंधन के समन्वयक अपूर्वा मोर्या तथा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रशिक्षक उपस्थित थे।