किन्नौर में बादल फटने से हुआ नुक्सान, 4 जल विद्युत परियोजनाएं ठप
हिमाचल प्रदेश के ज़िला किन्नौर में लगभग चार स्थानों पर बादल फटने और बाढ़ आने से 4 जल विद्युत परियोजनाओं से 3212 मेगावॉट बिजली उत्पादन ठप हो गया है। जब कि नेशनल हाइवे-5 दो स्थानों पर अवरुद्ध है। पूर्वनि को जोड़ने वाला तांगलिंग पुल भी बह गया है। वहीं कानम में बाढ़ की चपेट में आने से एक पिकअप बह गई। शुक्रवार को किन्नौर ज़िला के ऊपरी क्षेत्र कानम, मूरँग नाला, तंगलिंग और सांगला घाटी के टोंगतोंगचे नाला में बादल फटने के बाद बनी बाढ़ की स्थिति से जल विद्युत परियोजनाओं को बन्द करना पड़ा है। सतलुज नदी में अधिक सिल्ट के कारण एक हजार मैगावट की करछम वांगतू, बास्पा नदी में बनी 300 मेगावाट की बास्पा चरण दो, सतलुज नदी में बनी 1500 मेगावाट की नाथपा झाकड़ी और 412 मेगावाट की रामपुर हाइड्रो परियोजना से बिजली उत्पादन बन्द कर दिया गया है। सिल्ट अधिक होने के कारण करछम और नाथपा बांध के द्वार खोल दिए गए है। इससे सतलुज नदी का जलस्तर ऊंचा उठ गया है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सतलुज तट में लोगों को न जाने की सलाह दी है और तट क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सचेत रहने के लिए कहा गया है। रिब्बा नाला और रूंग नाला में जलस्तर बढ़ गया है। ऊपरी क्षेत्र में बारिश लगातार जारी है। कुछ स्थानों पर बाढ़ के कारण लोगों के सेब बागों को भी क्षति पहुँची है। हालांकि स्थिति नियंत्रण में है। किन्नौर और रामपुर पुलिस ने नदी तट के लोगों को सावधानी बरतने के लिए कहा है।