चीड़ पत्ती आधारित उद्योग के लिए पूंजी लागत पर 50 प्रतिशत निवेश उपदान
हिमाचल प्रदेश सरकार वन सम्पदा के वैज्ञानिक एवं लाभप्रद दोहन के लिए योजनाबद्ध कार्य कर रही है। यह जानकारी गत दिवस यहां प्रधान मुख्य अरण्यपाल अजय कुमार ने वन भूमि से चीड़ की पत्तियां एकत्र करने एवं इन पर आधारित उद्योग स्थापित करने के सम्बन्ध में राज्य की नीति पर सारगर्भित चर्चा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदान की। अजय कुमार ने कहा कि हिमाचल के वनों में चीड़ के पेड़ बहुतायत में पाए जाते है। चीड़ की पत्तियों से बने उत्पाद अपनी सुन्दरता एवं टिकाऊपन के लिए जाने जाते है। उन्होंने कहा कि यदि चीड़ की पत्तियों पर आधरित उद्योग स्थापित किए जाएं तो ये जहां अतिरिक्त आय के स्त्रोत बन सकते हैं वहीं वनों से नियमित आधार पर चीड़ की पत्तियां उठाने से विशेष रूप से चीड़ के वनों में दावानल के खतरे कम करने में भी सहायक हैं। इनके माध्यम से रोजगार एवं स्वरोेजगार के अवसर भी सृजित होंगे। प्रधान मुख्य अरण्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में चीड़ की पत्तियों पर आधारित उद्योग स्थापित करने पर पूंजी लागत पर 50 प्रतिशत निवेश उपदान प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि चीड़ की पत्तियों से जैविक ईंधन, ईंट, चीड़ की पत्तियों के मिश्रित बोर्ड, कागज तथा अन्य उत्पाद बनाए जा सकते है। वन विभाग द्वारा चीड़ की पत्तियों पर आधारित उद्योग स्थापित करने वाले उद्यमियों को कच्चा माल उपलब्ध करवाने के लिए हर सम्भव सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देश पर ऐसे उद्यमियों को उत्पादों के विपणन में भी सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने उद्यमियों को आश्वस्त किया कि चीड़ की पत्तियों से निर्मित जैविक ईंधन के एक प्रतिशत को सीमेंट उद्योग अपने बाॅयलरों में प्रयोग के लिए तैयार है। उन्होंने उद्यमियों से आग्रह किया कि वे चीड़ पत्ती पर आधारित उद्योग सथापित करें।
बैठक में उद्यमियों को चीड़ की पत्तियों पर आधारित उद्योग स्थापित करने के सम्बन्ध में प्रदेश सरकार की नीति, उद्योग स्थापित करने के उद्देश्य तथा अन्य सम्पूर्ण जानकारियां प्रदान की गई। वन वृत सोलन के मुख्य अरण्यपाल हर्षवर्द्धन कथूरिया ने बैठक में चीड़ की पत्तियों पर आधारित उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की। बैठक में बताया गया कि प्रदेश सरकार उद्यम स्थापित करने के लिए उद्यमियों को नियमानुसार हर सम्भव सहायता प्रदान कर रही है। उद्यमियों को एकल खिड़की स्वीकृति प्रणाली के माध्यम से त्वरित स्वीकृतियां उपलब्ध करवाई जा रही है। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेेश में चीड़ की पत्तियों पर आधारित उद्योग स्थापित करने के 27 मामलों में अभी तक निवेश उपदान के लिए सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें से 05 मामले वन वृत सोलन से सम्बन्धित है। वन मण्डलाधिकारी सोलन पवन कुमार अचल ने धन्यावाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। बैठक में अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल पी.एल. चैहान, मुख्य परियोजना निदेशक अजय श्रीवास्तव, सोलन, हमीरपुर एवं नाहन वन वृतों के सभी अधिकारी, जिला उद्योग निगम के अधिकारी तथा चीड़ पत्ती पर आधारित उद्योग स्थापित करने के इच्छुक उद्यमी उपस्थित थे।