अतिरिक्त उपायुक्त ने बाल संरक्षण अधिकारी को दिए निर्देश
मंडी। अतिरिक्त उपायुक्त जतिन लाल ने मंडी जिला में बाल मजदूरी, बाल विवाह और बाल भीख के मामलों की रोकथाम के लिए ऐसे मामलों में दोषियों के विरूद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने बाल संरक्षण अधिकारी को निर्देश दिए कि वह दोषियों के खिलाफ पुलिस की बाल संरक्षण यूनिट, जिला बाल कल्याण समिति तथा चाईल्ड लाईन में मामले दर्ज करवाएं तथा आगामी बैठक में समिति के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
अतिरिक्त उपायुक्त जिला बाल संरक्षण समिति की त्रैमासिक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में बाल हित व संरक्षण से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को बाल संरक्षण से जुड़ी योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने को कहा। नगर परिषद मुख्यालयों एवं अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर में डिसप्ले स्क्रीन के माध्यम से योजनाओं का प्रसार करें।
जिला में 4 शिुशु पालना स्वागत केन्द्र स्थापित
बैठक के उपरांत अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि जिला बाल संरक्षण मंडी इकाई ने अस्पताल प्रबन्धन की सहायता से क्षेत्रीय अस्पताल मंडी, नागरिक चिकित्सालय सुन्दरनगर, जंजैहली तथा सरकाघाट में शिुशु पालना स्वागत केन्द्र स्थापित किए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य अनचाहे नवजात बच्चों को संरक्षण प्रदान करना है। अभी तक पालना शिशु स्वागत केन्द्रों की सहायता से तीन नवजात बच्चों को संरक्षण प्रदान किया जा चुका है।
जतिन लाल ने करसोग व जोगिन्दरनगर नागरिक अस्पताल में भी शिशु पालना केन्द्र खोलने के निर्देश दिए।
बच्चों के लिए देखभाल व संरक्षण से जुड़ा कार्य प्रभावी ढंग से कर रही जिला बाल संरक्षण इकाई
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा 18 वर्ष तक के बच्चांे के लिए देखभाल व संरक्षण सम्बन्धित कार्य कर रही है। जिला में 8 बाल-बालिका गृह चलाए जा रहे हैं, जोकि किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के तहत पंजीकृत हैं। इन बाल-बालिका गृहांे में 398 बच्चों को संरक्षण दिया जा रहा है।
मुक्त आश्रय गृह में लावारिस अवस्था में मिले बच्चे, घर से भागे हुए इत्यादि बच्चों को अल्पावधि तक रहने की सुविधा प्रदान की जाती है। बाल-बालिका गृह में रह रहे बच्चों को जो 10वीं व 12वीं कक्षा उर्त्तीण कर चुके हैं और 18 वर्ष की आयु पूर्ण नहीं की हुई है, ऐसे बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने हेतु व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
आफ्टर केयर योजना के तहत 11 बच्चों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। बाल-बालिका सुरक्षा योजना के अन्तर्गत धातृ देख-रेख योजना चल रही है।
बाल-बालिका सुरक्षा योजना में 163 बच्चों की मदद
जतिन लाल ने कहा कि बाल-बालिका सुरक्षा योजना के अन्तर्गत अनाथ असहाय बाल-बालिकाओं को पारिवारिक वातावरण में पालने हेतु रखा जाता है, ताकि उन्हें बाल-बालिका आश्रमों में प्रवेश हेतु बाध्य न होना पड़े। इस योजना के अन्तर्गत मंडी जिला में 163 बच्चों को प्रत्येक को 2500 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जा रहे हैं। इस योजना के अन्तर्गत छः माह में 26 लाख 13 हजार 199 रूपये व्यय किए जा रहे हैं।
पुनर्वास स्कीम के तहत खर्चे जा रहे 10.69 लाख
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि यौन अपराधों से पीड़ित 16 वर्ष से कम आयु वर्ग के बाल-बालिकाओं को विभाग द्वारा पुनर्वास स्कीम के तहत वर्ष 2019 से आजीविका एवं सहायता राशि प्रदान की जा रही है। योजना के अन्तर्गत 19 बालक-बालिकाओं को सहायता राशि दी जा रहा है। इस योजना के तहत पीड़ित को 7500 रुपये प्रतिमाह दिया जा रहा है, जिस पर 10 लाख 69 हजार 500 रूपये व्यय किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त अनाथ बच्चों की पैतृक भूमि का सर्वे करके जायदाद सम्बन्धी अधिकारों का भी संरक्षण किया जा रहा है।
इस अवसर पर जिला परिषद अध्यक्ष सरला ठाकुर, जिला बाल संरक्षण अधिकारी डीआर नायक, बाल संरक्षण समिति अध्यक्ष दुनी चन्द ठाकुर, चाईल्ड हैल्पलाईन मंडी की वीना देवी, रैडक्रॉस सोसायटी सचिव ओपी भाटिया सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।