अखिल भारतीय राष्ट्रीय शिक्षक महासंघ ज़िला सिरमौर ने 4% डीए के लिए सरकार का व्यक्त किया आभार
** अनुबंध और एसएमसी शिक्षकों की दिवाली फीकी
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने सरकारी कर्मचारीयों को 4% डीए देकर जहां एक अहम मुद्दे को शांत कर दिया है, वहीं शिक्षकों के कुछ तबके ऐसे भी हैं जो सरकार पर राहत के लिए निगाहें गढ़ाए बैठे हैं। हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारीयों ने एकजुट होकर एक उम्मीद से सुक्खू सरकार को भरपूर समर्थन दिया था कि उनके सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर सुक्खू सरकार सहानुभूति पूर्वक निर्णय लेगी लेकिन दो वर्ष पूर्ण होने पर भी कर्मचारीयों की आकांक्षाएं ज्यों की त्यों बरकरार है। जहां अनुबंध कर्मचारियों को वर्ष में दो बार नियमित किया जाना था, सुक्खू सरकार ने उन्हें वर्ष में एक बार ही नियमित करने का निर्णय लिया है, जिससे अनुबंध शिक्षकों को खासी निराशा हाथ लगी है और दो साल पूर्ण होने पर भी प्रदेश सरकार पर राहत के लिए नजरें गढ़ाए बैठे हैं ।वहीं एसएमसी शिक्षकों के लिए भी कोई ठोस नीति नहीं बन पाई है। प्रदेश के अति दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे बहुत से एसएमसी शिक्षक लगभग 12 वर्षों की लंबी अवधि पूर्ण करने पर भी कोई नीति न बनने से हताश बैठें हैं। इन वर्गों को तो अपने भविष्य की ही चिंता सताए जा रही है। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ जिला सिरमौर ईकाई के अध्यक्ष कपिल मोहन ठाकुर, जिला महामंत्री दीपक त्रिपाठी, ज़िला संगठन मंत्री श्यामलाल भटनागर, प्रदेश उपाध्यक्ष विजय कंवर, ऋषिपाल शर्मा, मामराज चौधरी, शिवानी शर्मा, राधेश्याम शास्त्री, बलदेव सिंह आदि ने एक प्रैस विज्ञप्ति में कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारीयों को 4% डीए देकर इस महंगाई के दौर में एक राहत प्रदान की है। उन्होंने कहा कि सरकार को इसका 21 माह का 1-1-2023 से लंबित एरियर भी इस माह के वेतन के साथ ही एकमुश्त दे देना चाहिए। नियमित शिक्षकों के साथ - साथ शिक्षकों का एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो अभाव और असुरक्षा में अपनी गुजर वसर कर रहा है। दिवाली और त्योहारों पर दिए जाने वाले भत्ते और आर्थिक लाभों से कोसों दूर है। अनुबंध शिक्षक जो 2 वर्ष पूर्ण कर नियमितीकरण की आस में बैठे हैं, उन्हें पहले की भांति ही वर्ष में दो बार नियमित करने पर सरकार सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए एसएमसी शिक्षकों का एक बड़ा वर्ग प्रदेश सरकार से नियमितीकरण की आस लगाए बैठा है,अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ जिला सिरमौर हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार से निवदेन करता है, कि शिक्षा प्रदेश की बुनियाद है और समाज के सशक्तिकरण में अहम भूमिका अदा करती है।अतः सरकार को प्रदेश की शिक्षा प्रणाली को दुरस्त और मजबूत करने के लिए प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को आर्थिक और समाजिक सुरक्षा प्रदान करनी होगी।