राष्ट्रीय बालिका दिवस 2025 के अवसर पर सरकाघाट में जागरूकता शिविर आयोजित

सरकाघाट/डिंपल: राष्ट्रीय बालिका दिवस 2025 के अवसर पर बाल विकास परियोजना गोपालपुर, सरकाघाट द्वारा विभिन्न पर्यवेक्षक वृतों में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस वर्ष की थीम ‘सुनहरे भविष्य के लिए बच्चियों का सशक्तीकरण’ पर आधारित थी। राष्ट्रीय बालिका दिवस का मुख्य उद्देश्य समाज में लड़कियों के प्रति व्याप्त भेदभाव को समाप्त करना और उन्हें समान अवसर प्रदान करना है। इस दिन का आयोजन लड़कियों की शिक्षा के महत्व को रेखांकित करने, कन्या भ्रूण हत्या को रोकने, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों को प्रोत्साहित करने और महिलाओं को सशक्त तथा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करने के लिए किया जाता है। यह दिन समाज में लड़कियों के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा देता है।
भारत में हर वर्ष 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2008 में हुई थी। इस दिन को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री, इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के अवसर से जोड़ा जाता है, जो 24 जनवरी 1966 को हुआ था। उनके नेतृत्व में एक बेटी ने देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होने के कारण इस दिन को बेटियों के नाम समर्पित किया गया। इस अवसर पर विभिन्न पर्यवेक्षकों ने बालिका दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला और उपस्थित लोगों को जागरूक किया। उन्होंने बताया कि आजकल बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं और अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। हालांकि, बेटों की तुलना में बेटियों को अक्सर कम सम्मान मिलता है और उन्हें अवसरों की समानता नहीं मिल पाती। लेकिन इन विषम परिस्थितियों में भी, बेटियां हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं और अपना परचम लहरा रही हैं।
राष्ट्रीय बालिका दिवस लड़कियों के सशक्तिकरण और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह हमें यह याद दिलाता है कि समाज में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने और लड़कियों को समान अवसर देने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए। इसका उद्देश्य बालिकाओं को महत्व देने वाले एक सकारात्मक वातावरण के निर्माण में पूरे राष्ट्र को शामिल करना है। राष्ट्रीय बालिका दिवस, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित, खेल, कला और सामाजिक सेवा में महिला सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, जो आगामी पीढ़ियों को एक विकसित भारत के लिए प्रेरित करता है। इस अवसर पर, बाल विकास परियोजना सरकाघाट के तहत विभिन्न पर्यवेक्षक वृतों के आंगनवाड़ी केंद्रों में पैदा हुई बालिकाओं को सम्मानित किया गया। उन्होंने राष्ट्रीय बालिका दिवस की बधाई दी और कहा कि सरकार ने बेटियों के विवाह की आयु 21 वर्ष निर्धारित की है, जिससे उनकी सुरक्षा और अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने लड़कियों के हितों और अधिकारों को और मजबूत बनाने पर जोर दिया। कार्यक्रम के दौरान लोक संगीत के माध्यम से "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" का संदेश भी दिया गया।