बिलासपुर: डॉ. निधि पटेल ने कहा, नशामुक्त अभियान में आमजन का सहयोग आवश्यक
बिलासपुर/सुनील: जिला बिलासपुर में नशे के दुष्प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाने की आवश्यकता है। नशे की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा, युवा सेवाएं एवं खेल विभाग, नेहरू युवा केंद्र, पंचायत, सामाजिक एवं अधिकारिता विभाग तथा अन्य संबंधित सरकारी विभागों सहित क्षेत्र में कार्य कर रहीं गैर सरकारी संस्थाओं और आम जन को संगठित रूप में काम करने की आवश्यकता है। अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. निधि पटेल ने कहा कि मादक पदार्थों के सेवन के दुष्प्रभावों के विषय में लोगों को जागरूक कर जन-जन को नशामुक्त अभियान के साथ जोड़ना ही इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है, ताकि जिला बिलासपुर को नशा मुक्ति बनाया जा सके। डॉ. निधि पटेल शुक्रवार को बचत भवन में जिला कल्याण अधिकारी बिलासपुर के सौजन्य से नशामुक्त अभियान के तहत मास्टर वॉलिंटियर्स के लिए आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारम्भ करने के उपरान्त उपस्थित मास्टर वॉलिंटियर्स को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि नशा आज एक सामाजिक बुराई बन चुका है। हम सभी को एकजुट होकर नशे के उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे, ताकि इस बुराई से ग्रसित युवाओं को उचित उपचार के माध्यम से सही दिशा प्रदान कर राष्ट्र निर्माण में उनकी सहभागिता सुनिश्चित बनाई जा सके। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए जिला के प्रत्येक नागरिक को एक साथ मिलकर काम करना होगा। इस सामाजिक कुरीति से समाज को बचाने के लिए सभी विभागों और संगठनों का बेहतर तालमेल आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति बिलासपुर अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए बिलासपुर जिला से 50 मास्टर वॉलिंटियर्स को चयनित किया गया है। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि बिलासपुर जिला को नशा मुक्त बनाने के लिए हमें उन संवेदनशील क्षेत्रों, संस्थानों की पहचान करनी होगी, जहां नशे का सेवन अधिक होता है। ऐसे स्थानों पर इन मास्टर वॉलिंटियर्स के माध्यम से नशे के विरुद्ध जागरूकता लाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत नशीले पदार्थों के सेवन की रोकथाम, जन शिक्षा, शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी और नशे से बचाव के लिए उपचार, पुनर्वास और परामर्श सुविधाओं को भी सुनिश्चित किया जाएगा।
डॉ. निधि पटेल ने कहा कि शिक्षण संस्थानों, कॉलेजों, और स्कूलों में विशेष ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। नशे की चपेट से युवाओं को बचाने के लिए इन संस्थानों में सभी स्तरों पर विद्यार्थियों, अध्यापकों, एवं अन्य लोगों को जागरूक करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नशे की चपेट में आए लोगों का सही तरीके से उपचार और मार्गदर्शन सुनिश्चित बनाना इस अभियान का मुख्य हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने मास्टर ट्रेनर से कहा कि शिक्षण संस्थानों में जाकर भाषण देने तक ही सीमित न रहें, अपितु समाज में ऐसे रोल मॉडल ढूंढें जो नशे की गिरफ्त में फंसे थे और सही मार्गदर्शन से बाहर निकलकर समाज के लिए प्रेरणा बने। शिक्षण संस्थानों में बच्चों के साथ काउंसलिंग भी करें और उन्हें नशे से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करें। प्रशिक्षण कार्यशाला में गैर सरकारी संगठन 'गुंजन' के निर्देशक विजय कुमार, परियोजना समन्वयक समाक्षी, फील्ड ऑफिसर सचिन तथा जिला कांगड़ा कॉलेज से आए प्रधानाचार्य निखिल शर्मा एवं शक्ति प्रसाद ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से नशा मुक्त अभियान विषय पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर जिला कल्याण अधिकारी रमेश बंसल, बाल संरक्षण अधिकारी शैली गुलेरिया, तहसील कल्याण अधिकारी घुमारवीं रमेश नडा, तहसील कल्याण अधिकारी झंडुता कमलकांत शर्मा, तहसील कल्याण अधिकारी बिलासपुर वनिता बंसल तथा तहसील कल्याण अधिकारी नैना देवी सुरेंद्र कुमार के अतिरिक्त पुलिस विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहे।