बिलासपुर: पर्यटन विभाग ने बाहौट-कसोल में किया कार्यशाला का आयोजन
बिलासपुर/सुनील: बिलासपुर के कोलडैम के पास स्थित बाहौट- कसोल को जिला प्रशासन विलेज टूरिज्म के रूप में डेवलप कर रही है, जिसके लिए पर्यटन विभाग द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें होमस्टे उपलब्ध करवाने के लिए लोगों को प्रशिक्षण दिया गया। यह जानकारी पर्यटन अधिकारी मनोज कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक के निर्देशों पर पंचायत घर हरनोडा और बाहौट- कसोल गांव में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के पश्चात अब तक छह लोगों ने होमस्टे के लिए अप्लाई किया है। उन्होंने कहा कि विलेज टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पहली प्राथमिकता उस क्षेत्र में पर्यटकों की ठहरने की सुविधा अवश्य होनी चाहिए, जिसके चलते इस क्षेत्र में होमस्टे की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है और लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जिसके पास अच्छी रहने की सुविधा हो एक से लेकर चार कमरों तक का घर हो वह व्यक्ति होमस्टे के लिए पर्यटन विभाग के पास अप्लाई कर सकता है। उन्होंने कहा कि उपायुक्त बिलासपुर के मार्गदर्शन में यह हिमाचल का पहला टूरिज्म विलेज डिपेल्प होगा। इस महत्वाकांक्षी योजना को धरातल पर उतारने के लिए कसरत शुरू हो गई है। बाहौट-कसोल गांव को पर्यटन गांव के रूप में विकसित करने की योजना का खाका तैयार किया है और अगली कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। गन्ने और शक्कर के उत्पादन के लिए मशहूर लगभग एक हजार की आबादी वाला बाहौट-कसोल गांव कोलडैम के प्रभावित एरिया में शामिल है।