किन्नौर के लिए वैकल्पिक मार्गों पर कार्य करे सीमा सड़क संगठन: विक्रमादित्य
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लोक निर्माण मंत्री ने की प्रदेश में जारी सड़कों के बहाली कार्यों की समीक्षा
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह की अध्यक्षता में गत दिवस यहां प्रदेश में भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों की बहाली के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी कार्यों की समीक्षा के लिए एक वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। इसमें विभाग के सभी जोन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में भारी बरसात से सड़कों को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि अभी तक प्रदेश में 600 से अधिक सड़क मार्ग बाधित हैं और इन्हें खोलने के लिए दैनिक आधार पर तय लक्ष्यों के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी तीन दिनों में लगभग 550 सड़कों की बहाली का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि तय समय अवधि में यह सड़कें बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करें।
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि वे साप्ताहिक आधार पर सभी चार जोन की बारी-बारी से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई भारी बारिश से सड़कों को बड़े स्तर पर हुए नुकसान का एक कारण समुचित ड्रेनेज सुविधा का अभाव भी रहा है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में सभी सड़कों पर ड्रेनेज, क्रॉस ड्रेनेज सहित बाधित कलवर्ट खोलने को प्राथमिकता प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि इस बारे में मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप विभाग पूरी गंभीरता से कार्य सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से अतिरिक्त मशीनरी की खरीद के लिए 30 करोड़ रुपये विभाग को उपलब्ध करवाए गए हैं और इसकी खरीद की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण की जाए। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने आवश्यकता के अनुसार किराए पर भी मशीनरी लगाने के निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि मंडी जिला में मंडी-कमांद-कटौला सड़क, पंडोह-चैलचौक-सुन्दरनगर सड़क पर यातायात सुचारू कर दिया गया है। कुल्लू जिला के लिए पंडोह से कैंचीमोड़ तक बीबीएमबी के सहयोग से सड़क निर्मित करने का कार्य जारी है और यहां से शीघ्र ही यातायात बहाल कर दिया जाएगा। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि कुल्लू घाटी को जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण सड़क मार्ग की निरन्तर निगरानी सुनिश्चित की जाए और यहां पर्याप्त मशीनरी एवं स्टाफ की तैनाती रखी जाए। कुल्लू से मनाली की तरफ वामतट सड़क मार्ग सभी वाहनों के लिए खोल दिया गया है।
लोक निर्माण मंत्री ने कांगड़ा जिला के जयसिंहपुर, भवारना तथा नगरोटा मंडल में क्षतिग्रस्त सड़कों की शीघ्र बहाली के भी निर्देश दिए। उन्होंने सोलन जिला के चक्की मोड़ में बार-बार मलबा गिरने के दृष्टिगत वैकल्पिक सम्पर्क मार्गों की बहाली एवं रख-रखाव पर विशेष ध्यान केन्द्रित करने को भी कहा। शिमला जिला के सेब बहुल क्षेत्रों में अधिकांश सड़कें 22 अगस्त तक बहाल करने के निर्देश भी दिए।
इससे पूर्व लोक निर्माण मंत्री ने सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों के साथ भी एक बैठक की, जिसमें संगठन के तहत आने वाली सड़कों के उचित रख-रखाव पर चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि बीआरओ के तहत किन्नौर तक सड़क यातायात सुचारू है। इसके अतिरिक्त मनाली-सरचू सड़क मार्ग के लिए केन्द्र से 48 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाने का आग्रह किया गया है। लोक निर्माण मंत्री ने सीमा सड़क संगठन से आग्रह किया कि किन्नौर के लिए पुराने हिन्दुस्तान-तिब्बत मार्ग सहित चार वैकल्पिक मार्गों पर भी कार्य करें ताकि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस जिला से वर्षभर सड़क सम्पर्क कायम रखा जा सके।
बैठक में प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग भरत खेड़ा, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियन्ता अजय गुप्ता, सीमा सड़क संगठन के कर्नल विशाल गुलेरिया सहित अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक के उपरान्त पत्रकार वार्ता में लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि वर्तमान में हिमाचल एक बड़ी आपदा के दौर से गुजर रहा है और इसमें लोक निर्माण विभाग को अभी तक लगभग 2,600 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रयासों से लोक निर्माण विभाग को सड़कों की बहाली के लिए मंडल स्तर तक पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 के अंतर्गत प्रदेश द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकृति प्राप्त होने के उपरान्त लगभग 2,683 किलोमीटर लम्बी ग्रामीण सड़कों के सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए बरसात के बाद युद्ध स्तर पर कार्य आरम्भ किया जाएगा तथा विभाग का प्रयास रहेगा कि यह कार्य ग्लोबल टेंडर के माध्यम से सम्पन्न किए जाएं। इससे कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित होने के साथ ही अत्याधुनिक तकनीक का भी समावेश किया जा सकेगा।