पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा लोक सेवा आयोग करवाएगा | आज सुक्खू कैबिनेट में इसको लेकर मजूरी दी गई है| हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक गुरुवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। करीब पांच घंटे चली मंत्रिमंडल की बैठक में 36 एजेंडों पर विस्तृत चर्चा हुई| पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा लोक सेवा आयोग के माध्यम से करने के निर्णय को भी मंजूरी दी है| ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व सरकार द्धारा फ्री पानी का निर्णय खत्म वित्तीय संकट से जूझ रही सुक्खू सरकार ने आज़ बिजली के बाद अब पानी की रियायत को भी खत्म कर दिया है। शिमला सचिवालय में हुई मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कैबिनेट बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व सरकार द्धारा फ्री पानी देने के निर्णय को खत्म करते हुए पानी के कनेक्शन पर 100 रुपए महीना फिक्स तय किया है। इसके पीछे जल शक्ति विभाग में घाटे का हवाला दिया गया है। जबकि 50 हजार से कम आय वाले लोगों, विकलांगो, एकल महिला को मुफ्त पानी मिलता रहेगा। आपदा प्रभावित 89 परिवारों का सारा खर्चा तीन महीने तक उठाएगी सरकार मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित राज्य कैबिनेट की बैठक में 1 अगस्त को कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में हुए बादल फटने में अपनी जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की। दुखी परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए आपदा प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जिनके घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं उन्हें क्रमशः 10,000 और 5,000 रुपये प्रति माह किराए पर देने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा 1 अगस्त, 2024 से 31 अक्टूबर, 2024 तक तीन महीने की अवधि के लिए मुफ्त राशन, एलपीजी री-फिल, बर्तन और बिस्तर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त, बादल फटने से प्रभावित परिवारों को 50,000 रुपये की तत्काल वित्तीय राहत वितरित की जाएगी एचआरटीसी की बसों में पुलिस जवानों को सरकारी कार्य के लिए ही मिलेगी मुफ्त सेवा वहीं एचआरटीसी की बसों में पुलिस जवानों को केवल सरकारी कार्य के लिए मुफ्त सेवा मिलेगी अन्यथा उसको सेवा का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा कैबिनेट ने आबकारी एवम काराधान विभाग दो विंग में विभाजित करने को मंजूरी दी है। जिसमें एक विंग जीएसटी और दूसरा काराधन विभाग होगा।
हिमाचल प्रदेश की कुछ जगहों पर आज मौसम विभाग ने भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया हैं। शिमला शहर में भारी बारिश से पेड़ गिरने से गाडिय़ों को नुकसान पहुंचा है। कई इलाकों में भूस्खलन का खतरा मंडरा गया है। सांगटी, कृष्णानगर व संजौली में बहुमंजिला भवन खतरे की जद में हैं। वहीं, जोगिंद्रनगर उपमंडल में बुधवार को भारी बारिश ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी। भूस्खलन के कारण सियुरी से छपरोट सडक़ बंद हो गई है। मौसम विभाग के ऑरेंज अलर्ट के बीच हिमाचल प्रदेश के कई भागों में भारी बारिश दर्ज की गई है। करसोग उपमंडल में भारी बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं। कई मार्गों पर आवाजाही ठप है। खराब मौसम के कारण विभिन्न स्थानों पर उत्पन्न स्थितियों और बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत उपमंडल के सभी सरकारी और गैर-सरकारी शिक्षण संस्थानों में गुरुवार को एक दिन की छुट्टी घोषित की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के कई भागों में दस अगस्त तक बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। आठ और नौ तथा 11 से 13 अगस्त के लिए यलो अलर्ट जारी हुआ है। प्रदेश भर में बीते 24 घंटे के दौरान हुई बारिश में 748 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। इनमें पीडब्ल्यूडी को 312 करोड़ रुपए का नुकसान दर्ज हुआ है।
** मंडी-कुल्लू-शिमला में बाढ़ में बहे लोगों की तलाश में सर्च आपरेशन जारी बादल फटने की घटना के सात दिन बाद शिमला के सुन्नी में दो शव बरामद हुए हैं। अब तक तीनों जिलों में 21 शव बरामद किए जा चुके हैं। बुधवार को शिमला में मिले दोनों शव महिलाओं के हैं और दोनों की पहचान रितिका और रचना के रूप में हुई है। यह दोनों शव सुन्नी डैम से बरामद किए गए हैं। शिमला में अब तक बरामद शवों की संख्या 11 हो गई है। हालांकि इनमें से अब तक चार की ही पहचान हो सकी है। अन्य बरामद शवों को पहचान के लिए आईजीएमसी शिमला में रखा गया है, जबकि परिजनों के डीएनए सैंपल लैब में भेजे गए हैं। इसके अलावा शिमला में ही बरामद दो शवों का बुधवार को अंतिम संस्कार किया गया। रेस्क्यू अभियान में मिले शवों को शिनाख्त के बाद परिजनों को सौंप दिया था। इनकी पहचान रचना उम्र 23 वर्ष गांव सूगा नजदीक सरपारा और दूसरे शव की पहना प्रीतिका पुत्री राजकुमार पांडे झारखंड निवासी के तौर पर हुई थी। उधर, कुल्लू और मंडी में बुधवार को चलाए गए सर्च अभियान के दौरान कोई भी शव नहीं मिल पाया है। यहां सर्च अभियान को जारी रखने का फैसला किया गया है। मंडी में अब भी एक और कुल्लू में दस लोग लापता हैं। कुल्लू के तीन लोग शिमला की तरफ बहे हैं। इनकी पहचान के लिए परिजनों के डीएनए सैंपल लिए गए हैं। समेज त्रासदी को लेकर चल रहे सर्च अभियान में अभी तक दस शवों को बरामद किया जा चुका है। सभी शवों का पोस्टमार्टम करवा दिया गया है। सर्च आपरेशन के दौरान बरामद शवों को पोस्टमार्टम करवाने के बाद आईजीएमसी शिमला के शव गृह में रखा जा रहा है। जिन शवों की पहचान नहीं हो पा रही है उनके डीएनए मैच किए जा रहें। शिमला में मंगलवार को मिले एक युवक के शव को लेकर दोबारा संशय बन गया है। इस शव को पहले कांगड़ा के युवक का बताया जा रहा था। हालांकि युवक के अभिभावकों ने शव को पहचानने से इनकार कर दिया है। इसके बाद युवक का शव परिजनों को नहीं सौंपा है। हालांकि पहचान के लिए युवक के परिजनों का डीएनए सैंपल लिया गया है। इसके मिलान के बाद ही पहचान हो पाएगी। गौरतलब है कि शिमला से 33 लोग लापता हो गए थे। इनमें से ज्यादातर बेहद खराब हालत में बरामद हो रहे हैं। इन शवों को पहचानने के लिए डीएनए की मदद ली जा रही है। अब गुरुवार को नौंवे दिन भी शिमला, मंडी और कुल्लू से लापता लोगों की तलाश की जाएगी।
**दिखाने होंगे ये ज़रूरी दस्तावेज, तभी होगा बदलाव ! अब आधार कार्ड में जन्मतिथि और नाम बदलवाना आसान नहीं रहा। अब पहले की तरह आधार कार्ड में डेट ऑफ़ बर्थ या नाम नहीं बदला जाएगा। अब UIDAI यानी यूनीक आईडेंटिटीफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने अब नियमो में कई बलाव किए है। अब आधार कार्ड में डेट ऑफ़ बर्थ चेंज करवाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र और हाई स्कूल की मार्कशीट दिखाना ज़रूरी हो गया है। बिना जन्म प्रमाणपत्र के आधार कार्ड में डेट ऑफ़ बर्थ और नाम में कोई भी बदलाव नहीं किए जा सकेंगे। इसके साथ ही जन्मतिथि में बदलाव करने के लिए एक व नाम में कोई बदलाव करने के लिए सिर्फ दो बार ही मौका दिया जाएगा। वही हाईस्कूल पास न करने वाली महिलाएं व पुरुषों के लिए जन्म प्रमाण पत्र दिखाना जरूरी है तभी आपके आधार कार्ड में डेट ऑफ़ बर्थ और नाम में बदलाव किया जा सकेगा।
हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की बैठक आज मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में होगी। इस बैठक में कई अहम फैसले होंगे। विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों को भरने की कैबिनेट में मंजूरी मिल सकती है। इसमें मानसून के दौरान बादल फटने से हुई घटनाओं के बाद राहत और पुनर्वास कार्यों से संबंधित चर्चा भी हो सकती है। आपदा में हुए नुकसान को लेकर राहत पैकेज पर सरकार निर्णय ले सकती है।पिछले साल आई आपदा के बाद एक तय अवधि के लिए सरकार ने अपने स्तर पर विशेष पैकेज दिया था। इस बार भी पीड़ितों को आवास सुविधा देने जैसे निर्णय हो सकते हैं। इसके अलावा हिमकेयर योजना में पाई गई अनियमितताओं पर चर्चा और स्वास्थ्य विभाग में ऐसी योजनाओं में विभिन्न सुधारों के लिए मंत्रिमंडलीय उपसमिति की रिपोर्ट भी राज्य कैबिनेट की बैठक में रखी जा सकती है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि शिक्षा में सुधार वर्तमान राज्य सरकार की प्राथमिकता है। हिमाचल प्रदेश की साक्षरता दर सात से 83 प्रतिशत पहुंच गई है। प्रदेश के अस्तित्व में आने के समय लगभग 300 शिक्षण संस्थान थे, जो आज बढ़कर 16 हजार से ज्यादा हो गए हैं। सरकार मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने पर विशेष ध्यान दे रही है। इसको लेकर शिक्षा विभाग में 7,000 खाली पद भरे जा रहे हैं। राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ शिमला में मंगलवार को अमर उजाला के मेधावी छात्र सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी शिक्षण संस्थानों में आधारभूत ढांचा मजबूत किया जा रहा है, ताकि विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिले। इसके लिए शिक्षा में क्लस्टर सिस्टम लागू किया है। इससे स्कूलों की तस्वीर बदल रही है। बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ी है। संसाधनों का उचित उपयोग हो रहा है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में भी बेहतर शिक्षा के लिए प्रयास कर रही है। वर्तमान सरकार ने अध्यापकों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भ्रमण कराया है। विदेशों की अच्छी शिक्षा प्रणाली समझकर प्रदेश में लागू करने के प्रयास हो रहे हैं। शिक्षा ढांचा मजबूत करने के लिए विद्यार्थियों की शून्य संख्या वाले 99 स्कूल बंद करने का फैसला लिया है। पांच और पांच से कम विद्यार्थी संख्या वाले स्कूल मर्ज कर रहे हैं। दो से तीन किलोमीटर के दायरे में स्कूलों को मर्ज किया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश में 31 जुलाई को आधी रात में आई त्रासदी को 5 दिन बीत गए हैं। मगर इस तबाही में लापता हुई जिंदगियों की तलाश अभी भी जारी है। मंडी के तेरंग से लेकर रामपुर के समेज तक, आज 6ठे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। समेज गांव में 5 दिन बीत जाने के बाद भी लापता लोगों का कोई सुराग नहीं मिला है। समेज में लापता लोगों के परिजनों के डीएनए सैंपल लिए गए हैं, ताकि शव मिलने पर उसकी पहचान की जा सके। वहीं, मंडी के तेरंग में भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। यहां लापता 10 लोगों में से 8 के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि बाकि 2 की तलाश जारी है। मंडी के चौहार घाटी राजबन गांव में सर्च ऑपरेशन के छठे दिन 9वां शव बरामद हुआ है। गौरतलब है कि 31 जुलाई की रात को पद्धर उपमंडल के इस इलाके में बादल फटने के बाद तबाही मच गई थी, जिसमें 10 लोग लापता हो गए थे। मंगलवार को 46 साल की खुडी देवी का शव बरामद हुआ है जबकि 30 वर्षीय हरदेव की तलाश जारी है। सर्च ऑपरेशन में एनडीआरएफ से लेकर एसडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड के 100 जवान लगे हुए हैं। सर्च ऑपरेशन के लिए मशीन भी पहुंच गई है। कुल्लू, रामपुर और मंडी में बादल फटने और फ्लैश फ्लड के बाद मची तबाही के बाद ऑपरेशन लगातार जारी है। छठे दिन भी राहत और बचाव टीमें तीनों स्थानों पर लापता लोगों की तलाश कर रही हैं। मानसून के सीजन में हिमाचल में बारिश हर साल तबाही मचाती है जिसमें जान और माल का काफी नुकसान होता है। हिमाचल प्रदेश में 27 जून से शुरू हुए मानसून में अब तक 37 बादल फटने या फिर फ्लैश फ्लड की घटनाएं हुई हैं, जिसमें 11 लोगों की मौत हुई हैं जबकि 46 लोग लापता हैं। ये सभी लोग 31 जुलाई की रात और एक अगस्त की सुबह कुल्लू, मंडी और शिमला के रामपुर में बादल फटने के बाद से लापता हैं। अब तक के मानसून सीजन में 83 मकान, 14 दुकान और 23 गौशालाएं तबाह हो गई हैं। वहीं 38 घरों को नुकसान पहुंचा है और 56 मवेशियों की भी मौत हुई है। हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक इस बार के मानसून सीजन में 18 लैंडस्लाइड की घटनाएं हुई हैं।
**पोस्टमार्टम के लिए सीएचसी भेजा समेज त्रासदी के बाद से चल रहे सर्च ऑपरेशन के छठे दिन आज सुबह सुन्नी डैम के करीब डोगरी में एक शव बरामद हुआ है। यह शव पुरुष का है। यह जानकारी अतिरित उपायुक्त अभिषेक वर्मा ने दी। उन्होंने कहा कि पुरुष का शव सही हालात में है। शव को पोस्टमार्टम के लिए सी एच सी सुन्नी के लिए भेज दिया गया है। कुल्लू प्रशासन को भी इसके बारे में सूचना दे दी गई है। उन्होंने कहा सर्च ऑपरेशन तीव्र गति से चला हुआ है। अभी तक छह शव सर्च ऑपरेशन के दौरान बरामद किए जा चुके है।
हिमाचल प्रदेश में कई दिनों की भारी बारिश के कारण जल प्रलय की स्थिति पैदा हो गई है। प्रदेश में जगह-जगह अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के चलते मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग और 87 अन्य सड़कें बंद हो गई हैं। हिमाचल पुलिस ने बताया कि भारी बारिश के चलते चंद्रभाग नदी का जल स्तर बढ़ गया है। लाहौल और स्पीति जिले में दो जगहों पर अचानक बाढ़ आ गई और जिंग जिंगबार के पास मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग 3 पर पानी और मलबा आ गया। वहीं, अगले तीन दिन मूसलाधार बारिश होने का अनुमान है और मौसम विभाग ने सात और आठ अगस्त के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं, उत्तराखंड में केदारनाथ धाम और उसके रास्ते में फंसे लोगों को मौसम साफ होने के बाद सुरक्षित निकालने के काम में तेजी आई है। हिमाचल प्रदेश पुलिस ने बताया कि भारी बारिश के चलते चंद्रभाग नदी का जल स्तर बढ़ गया है। लाहौल और स्पीति जिले में दो जगहों पर अचानक बाढ़ आ गई और जिंग जिंगबार के पास मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग 3 पर पानी और मलबा आ गया। इसके चलते दारचा और सरचू पुलिस चेक पोस्ट पर अगले आदेश तक यातायात रोक दिया गया। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) राजमार्ग से मलबा हटाने में जुटा है। मौसम विभाग ने पूर प्रदेश, विशेषतौर पर कांगड़ा, हमीरपुर और चांबा जिलों में भारी बारिश के चेतावनी दी है और खराब मौसम को लेकर दो दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। राज्य के अन्य भागों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। केदारनाथ पैदल मार्ग पर अतिवृष्टि के बाद अलग-अलग स्थानों पर फंसे यात्रियों और स्थानीय लोगों का रेस्क्यू पांचवें दिन भी जारी रहा। सोमवार को 1,401 लोगों का रेस्क्यू किया गया। एमआई-17, चिनूक सहित अन्य हेलिकॉप्टर से 645, पैदल मार्ग से 584, भीमबली-लिनचोली-चौमासी मार्ग से 172 यात्री व स्थानीय लोगों को निकाला गया। पांच दिन में 11,775 यात्रियों का रेस्क्यू किया जा चुका है।
शिमला: प्रदेश में फिलहाल मानसून सामान्य चल रहा है आने वाले 7 और 8 अगस्त को प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है शिमला मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश के तीन जिला चंबा, कांगड़ा और मंडी में कुछ चुनिंदा इलाकों में भारी बारिश हो सकती है. वहीं बीते 24 घंटों में प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में मॉनसून सामान्य रहा है| बीते 24 घंटे के दौरान हिमाचल प्रदेश में सामान्य बारिश रिकार्ड की गई है | इस दौरान बारिश का प्रभाव प्रदेश के उत्तर क्षेत्र में अधिक देखने को मिला है. खास तौर पर लाहौल स्पीति, किन्नौर और कल्लू ज़िला के ऊंचाई वाले इलाकों में अधिक बारिश दर्ज की गई है| उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में भी प्रदेश कि ज्यादातर हिस्सों में सामान्य बारिश होने का अनुमान है. मगर 7 और 8 अगस्त की रात प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है| इस दौरान जिला चंबा, कांगड़ा और मंडी के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है|
शिमला: सुन्नी के डैम क्षेत्र में चल रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान रविवार सुबह एक शव बरामद किया गया है। सुबह सात बजे स्थानीय लोगों को डैम के एक किनारे पर एक शव दिखाई था। इसकी सूचना सर्च ऑपरेशन में लगी टीम को दी गई। इसके बाद टीम ने शव को पानी से बाहर निकाला। शव एक महिला का है, जिसकी उम्र 20 से 25 वर्ष के करीब है। महिला की एक टांग शरीर के हिस्से के साथ नहीं थी। इसके साथ ही सिर का ऊपरी हिस्सा भी नहीं है। चेहरे पर काफी चोटें लगी हैं। महिला के कानों में टॉप्स है। रेस्क्यू टीम ने शव को सीएचसी सुन्नी में पोस्टमाटर्म के लिए भेज दिया है। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि एक शव सुन्नी में चल रहे सर्च अभियान में बरामद हुआ है। अभी इसकी पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन प्रथम दृष्टया से यह शव हाल ही का लगता है। अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है। शव की पहचान का काम तीव्र गति से चला हुआ है। इसके साथ ही कुल्लू प्रशासन को भी शव की पहचान के लिए सूचित कर दिया गया है। गौरतलब है कि रामपुर में 31 जुलाई को बादल फटने के बाद 36 लोग लापता हैं उनका अभी तक कोई पता नहीं चला है। बता दें कि समेज गांव में बादल फटने की घटना के बाद कुछ लोगों सतलुज नदी में बहने की संभावना है। ऐसे में इनकी तलाश के लिए समेज से करीब 120 किलोमीटर दूर सुन्नी-तत्तापानी में सर्च ऑपरेशन चलाया गया है, क्योंकि बादल फटने और बाढ़ आने से जैसी घटना होने पर 90 फीसदी शव कोल डैम साइट में शिमला-मंडी जिले की सीमा पर स्थित दोगरी गांव के आसपास ही मिलते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए गुरुवार दोपहर से पुलिस और प्रशासन की टीमें यहां सर्च ऑपरेशन में जुटी हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू 15 अगस्त को देहरा में राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। उनके अलावा जिलास्तरीय कार्यक्रमों में भी मंत्रियों की ड्यूटी तय की गई है। जिला स्तरीय कार्यक्रमों में राज्य विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया सोलन, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री शिमला, कर्नल धनीराम शांडिल हमीरपुर, चंद्र कुमार ऊना, हर्षवर्धन चौहान लाहौल स्पीति के केलांग, जगत सिंह नेगी किन्नौर के रिकांगपिओ, रोहित ठाकुर चंबा, अनिरुद्ध सिंह नाहन, विक्रमादित्य सिंह कुल्लू, राजेश धर्माणी मंडी और यादविंद्र गोमा बिलासपुर में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। उधर, उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने बताया कि 15 अगस्त को सुबह 11 बजे देहरा के शहीद भुवनेश डोगरा स्टेडियम में राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह की शुरुआत होगी। इस दौरान मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल और किशोरी लाल भी समारोह में शिरकत करेंगे। समारोह के लिए पुलिस विभाग, लोक निर्माण विभाग, जलशक्ति विभाग, भाषा विभाग, नगर परिषद देहरा सहित अन्य सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर उनकी भूमिका से अवगत करवा दिया गया है। राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियों को लेकर देहरा में एसडीएम शिल्पी बेक्टा की अध्यक्षता में बैठक हुई। उपमंडल स्तर के अधिकारियों और नगर परिषद के प्रतिनिधियों के साथ हुई इस बैठक में एसडीएम ने व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखने के लिए सबको जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि देहरा में राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए परेड का पूर्वाभ्यास 12, 13, 14 अगस्त को किया जाएगा।
जवाली विधानसभा क्षेत्र की पंचायत ढोल के दुराना गांव के शुभम धीमान 26 साल की उम्र में शहीद हो गए हैं। शुभम धीमान पुत्र स्वर्गीय रूमाल सिंह जो कि 14 डोगरा रेजीमेंट में थे व वर्तमान में लेह में अपनी सेवाएं दे रहे थे वह शुक्रवार शाम को लेह में अपनी ड्यूटी करते हुए गाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण शहीद हो गए। शुभम धीमान अभी अविवाहित थे। वह अपने पीछे माता संतोष देवी उम्र 53 साल और बड़ा भाई पंकज कुमार को छोड़ गए हैं। शुभम धीमान का बड़ा भाई पंकज धीमान लखनऊ में प्राईवेट नौकरी करता है। शुभम धीमान के पिता भी आर्मी से रिटार्यड हुए थे व डेढ़ साल पहले ही उनका देहांत हुआ है। इस परिवार के ज्यादातर सदस्य आर्मी की पृष्ठभूमि से संबंधित रहे हैं। शुभम धीमान डेढ़ महिना पहले ही छुट्टी काट कर गया था। उसके चाचा कैप्टन सतीश धीमान व दूसरे चाचा सूबेदार मेजर रिटायर्ड जोगिंद्र धीमान ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले कल रात को सेना की तरफ से दुर्घटना के बारे जानकारी दी थी, लेकिन शनिवार सुबह बेटे के शहीद होने की सूचना दी गई। सेना की तरफ से बताया है कि पार्थिव शरीर रविवार को दोपहर 2 बजे तक गांव में पहुंच जाएगा। वहीं, पंचायत प्रधान शालू, मेजर पीसी आजाद, उपप्रधान साधू राम राणा, कैप्टन दूनी सिंह, सूबेदार मेजर अवतार सिंह पठानिया, रक्षपाल शास्त्री, कैप्टन पवन सिंह, कैप्टन हरवंस सिंह राणा, कैप्टन जगदीश राणा, कैप्टन बलदेव सिंह राणा सहित दुराना गांव के लोगों ने छोटी उम्र में वीर जवान शुभम के इस तरह से जाने पर गहरा दुख प्रकट किया।
रामपुर: शिमला जिले के उपमंडल रामपुर में समेज त्रासदी के तीसरे दिन सर्च ऑपरेशन खत्म होने के बाद देर रात को डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने बड़ी समीक्षा बैठक बुलाई। ये बैठक मोनाल कॉन्फ्रेंस हॉल एसजेवीएनएल रामपुर में आयोजित की गई, जिसमें ये फैसला लिया गया कि रविवार यानी आज से समेज में सर्च ऑपरेशन के लिए 6 एलएनटी मशीनों की मदद ली जाएगी। इसके साथ ही तैनात रेस्क्यू टीम में भी वृद्धि की जाएगी। डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने कहा कि लोक निर्माण विभाग को प्रभावित सभी सड़कों को जल्द से जल्द बहाल करने के निर्देश दिए गए हैं। जल शक्ति विभाग को सभी प्रभावित पेयजल आपूर्ति की लाइनें जल्द बिछाने के निर्देश दिए हैं। विद्युत विभाग को तीन दिनों में प्रभावित क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बहाल करने के निर्देश दिए गए हैं। खाद्य आपूर्ति विभाग को 37 प्रभावित परिवारों को एक महीने का मुफ्त राशन मुहैया करवाने के निर्देश दिए गए हैं। वन विभाग को टीडी नियमों के मुताबिक प्रभावितों को लकड़ी उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। डीसी शिमला ने बताया कि समेज में सर्च ऑपरेशन के दौरान एक मेडिकल टीम नियुक्ति की जाएगी। रविवार से रेस्क्यू और मेडिकल टीम सुबह से लेकर शाम तक घटनास्थल पर ही सक्रिय रहेगी। बैठक के दौरान अभी तक के सर्च ऑपरेशन और रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। एसपी शिमला संजीव गांधी ने बैठक को संबोधित किया। इस दौरान आर्मी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड, सीआईएसएफ, अग्निशमन के अधिकारी मौजूद रहे। सभी अधिकारियों ने सर्च ऑपरेशन के दौरान जमीनी स्तर पर आ रही चुनौतियों के बारे में चर्चा की। बैठक में सर्च ऑपरेशन को लेकर आगामी रणनीति भी तैयार की गई। गौरतलब है कि 31 जुलाई की रात को रामपुर में भारी बारिश हुई और समेज गांव की पहाड़ियों में बादल फट गया। जिसके चलते गांव के साथ बहते नाले में बाढ़ आ गई। बादल फटने के चलते फ्लैश फ्लड आया, जिसमें भारी मात्रा में मलबा और बड़ी-बड़ी चट्टानें थी। लोग घरों में सो रहे थे जब ये सैलाब आया और सबको बहा ले गया। 1 अगस्त की सुबह तक समेज गांव का अस्तित्व ही मिट गया। जहां कभी एक भरा-पूरा गांव हुआ करता था, अब वहां हर ओर सिर्फ मलबा ही मलबा है। इस त्रासदी में 36 लोग लापता हैं, जिनका अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। आज समेज में रेस्क्यू ऑपरेशन का चौथा दिन है, लेकिन किसी का कोई नामोनिशान नहीं है।
हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में पीटीए, पीरियड, एसएमसी और वर्क लोड आधार पर शिक्षकों और गैर शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है। इस बाबत उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों को आदेश जारी कर दिए हैं। पत्र में स्पष्ट किया है कि ऐसी नियुक्तियों के लिए सरकार से वित्तीय मदद नहीं दी जाएगी। भविष्य में कानूनी अड़चनें पड़ने पर संबंधित शिक्षण संस्थान प्रमुख ही जिम्मेवार होंगे। ऐसे मामले सामने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरकार के पास लगातार इस प्रकार की नियुक्तियां किए जाने की शिकायतें आई हैं। ऐसी नियुक्तियां होने के बाद संबंधित शिक्षक या गैर शिक्षक की ओर से स्थायी तौर पर रखने को लेकर कोर्ट की शरण ली जा रही है। ऐसे में सरकार ने इस बाबत सख्ती बरतते हुए स्कूल स्तर पर इस प्रकार की नियुक्तियां नहीं करने के आदेश जारी किए हैं। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि स्कूलों में अस्थायी तौर पर किसी भी शिक्षक या गैर शिक्षक को नियुक्त नहीं किया जा सकता है। जिन स्कूलों में इस प्रकार की नियुक्तियां दी गई हैं, वहां की रिपोर्ट तलब की गई है। सरकार की ओर से इन नियुक्तियों के लिए वित्तीय मदद नहीं दी जाएगी।
** चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रदान की जाएंगी विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज डॉ. राजेंद्र प्रसाद चिकित्सा महाविद्यालय टांडा, जिला कांगड़ा तथा इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों को सशक्त करने के लिए साधन और संसाधनों को व्यापक स्तर पर सृजित और सुदृढ़ करेगी। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों में विशेषज्ञ चिकित्सकों और पर्याप्त स्टाफ की समुचित तैनाती सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों को भविष्य की जरूरतों और तकनीक के आधार पर सुदृढ़ करने तथा संसाधन सृजन पर बल दिया। उन्होंने चिकित्सा महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर विषयों की सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कमियों को चिन्हित कर उनका उचित समाधान सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गुणात्मक चिकित्सा देखभाल के लिए छह मरीजों के अनुपात पर एक स्टाफ नर्स तैनात की जाएगी। मुख्यमंत्री ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद चिकित्सा महाविद्यालय टांडा की कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए कहा कि अस्पताल में चिकित्सकों से परामर्श के लिए प्रतीक्षा अवधि कम की जाएगी और परामर्श अवधि बढ़ाई जाएगी, जिसके लिए पर्याप्त संख्या में चिकित्सक तैनात किए जाएंगे। मरीजों के पंजीकरण के लिए पंजीकरण कांउटर की संख्या भी बढ़ाई जाएगी ताकि लोगों को चिकित्सक से परामर्श के लिए अधिक इंतजार न करना पड़े। बैठक में बताया गया कि टांडा चिकित्सा महाविद्यालय में वर्ष 2023 में मेडिसिन विभाग में 72,069 मरीजों, ऑर्थोपेडिक्स में 56,124, जनरल सर्जरी में 25,856 मरीजों सहित सभी विभागों में कुुल 6,05,489 मरीजों ने चिकित्सा सुविधा का लाभ उठाया। मुख्यमंत्री ने टांडा महाविद्यालय में विभिन्न परियोजनाओं के निर्माण कार्य की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में 100 बिस्तर क्षमता का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन मेंटल हेल्थ विकसित किया जा रहा है जिसे शीघ्र ही कार्यशील कर दिया जाएगा तथा बीएससी नर्सिंग कक्षाएं भी शुरू की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने महाविद्यालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों, पैरा मेडिकल तथा अन्य श्रेणियों के विभिन्न पदों को भरने की स्वीकृति भी दी। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला की समीक्षा करते हुए इसमें विभिन्न श्रेणियों के पदों के सृजन और लोगों को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों से संबंधित सभी निर्णय व्यापक स्तर पर जन कल्याण भावना के दृष्टिकोण से लिए जाएं। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में विभिन्न भवनों की मरम्मत के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2023 में इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के मेडिसिन विभाग में 1,43,291 मरीजों, आर्थोपेडिक्स विभाग में 85,161, जनरल सर्जरी विभाग में 77,012 मरीजों सहित सभी विभागों में 8,72,829 मरीजों ने चिकित्सा सुविधा का लाभ उठाया। सुक्खू ने कहा कि अटल सुपर स्पेशिएलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान चमियाणा को भी निरंतर सुदृढ़ किया जा रहा है। बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, उपाध्यक्ष राज्य योजना बोर्ड भवानी सिंह पठानिया, विधायक संजय रतन, मलेंद्र राजन व हरीश जनारथा, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, सचिव स्वास्थ्य एम. सुधा देवी, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. राकेश शर्मा, टांडा व शिमला चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य व चिकित्सा अधीक्षक और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री ने किया समेज घटनास्थल का निरीक्षण लोक निर्माण एंव शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शनिवार को समेज घटना स्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान प्रभावित लोगों और पीड़ितों से भी मिले। घटना स्थल पर स्थानीय लोगों ने घटना के बारे में कैबिनेट मंत्री को बताया।कैबिनेट मंत्री ने कहा कि समेज गांव में दो वैली ब्रिज स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए शिमला से वैली ब्रिज का सामान मंगवा लिया गया है। कुछ ही दिनों में वैली ब्रिज सुचारू हो जाएंगे ताकि स्थानीय लोगों को आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि यहां पर अतिरिक्त मशीनरी की तैनाती की जा रही है ताकि खोज एवं बचाव कार्य को और तीव्रता मिल सके। इस बारे में संबंधित विभाग को निर्देश दे दिए गए है। कैबिनेट ने कहा कि यह त्रासदी झकझोरने वाली है। हम पूरी तरह लोगों के साथ खड़े है। प्रदेश सरकार हर संभव सहायता कर रही है। इस हादसे में लापता लोगों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चला हुआ है। लेकिन भारी मलबा होना के कारण सर्च ऑपरेशन में कई चुनौतियां पेश आ रही है। उन्होंने कहा कि 85 किलोमीटर के क्षेत्र में सर्च अभियान चलाया जा रहा है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आर्मी, पैरा मिलिट्री फोर्स, पुलिस, होमगार्ड, अग्निशमन विभाग के सदस्य रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गत दिवस समेज दौरे के दौरान आपदा प्रभावितों को 50 हजार रुपए की फौरी राहत राशि और किराए पर मकान के लिए 5000 रुपये देने की घोषणा की है, जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश को आपदा से निपटने के लिए दिल खोल कर आर्थिक सहायता प्रदान करने का भी आग्रह किया। उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने इस दौरान कैबिनेट मंत्री को खोज एवं बचाव कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान 7वें राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष एवं विधायक रामपुर नंद लाल, पूर्व सांसद एवं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह, जिला परिषद अध्यक्ष चंद्र प्रभा नेगी, पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव कुमार गांधी, उपमंडल दण्डाधिकारी रामपुर निशांत तोमर सहित कई विभागों के अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग मौजूद रहे।
हिमाचल प्रदेश विवि (एचपीयू) ने स्नातकोत्तर डिग्री कोर्स की खाली सीटों को भरने के लिए इस बार प्रवेश प्रक्रिया में ही बदलाव कर दिया है। पहली बार बदली प्रवेश प्रक्रिया के तहत एचपीयू पीजी की खाली सीटों को भरने के लिए कुछ शर्तें लगाकर छात्र-छात्राओं को आवेदन का मौका देने वाला है। इतना ही नहीं, एचपीयू सब्सिडाइज्ड और नॉन सब्सिडाइज्ड श्रेणी की सीटें भरने को प्रवेश परीक्षा आधारित कोर्स में प्रवेश के लिए आवेदन और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 700, मेरिट आधारित कोर्स के लिए 500 रुपये फीस भी वसूल करेगा। फिर चाहे छात्र ने एडमिशन के लिए पहले ही आवेदन फीस चुका ली हो। हालांकि, यह परोक्षरूप से छात्र-छात्राओं पर अतिरिक्त फीस थोपी गई है। एचपीयू के अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. बीके शिवराम ने सभी शैक्षणिक विभागों को कार्यालय आदेश जारी किए हैं। आदेशों में तय प्रक्रिया के अनुसार ही विभाग खाली सीटों के लिए फिर से आवेदन आमंत्रित करेंगे। अधिष्ठाता अध्ययन ने विभागों से तीन अगस्त तक खाली सीटों का ब्योरा और सीट भरने के लिए आवेदन मंगवाने से संबंधित जानकारी मांगी है। इसी के आधार पर एचपीयू पीजी कोर्स में प्रवेश के लिए आवेदन करने को एडमिशन पोर्टल खोलेगा। बता दें कि यह पहला मौका होगा जब विवि खाली सीटें भरने के लिए फीस की वसूली करेगा। पहले खाली सीटों पर वीसी की मंजूरी पर प्रवेश दिया जाता था। डीएस कार्यालय के सर्कुलर के मुताबिक प्रवेश, आवेदन और सीट आवंटन के लिए तीन नियमों के अनुसार सीटें भरी जानी हैं।
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने हिमकेयर योजना को संशोधित किया है। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार सभी सरकारी सेवारत, सेवानिवृत्त अधिकारियों/कर्मचारियों को मुख्यमंत्री हिमाचल स्वास्थ्य देखभाल योजना (हिमकेयर) से तत्काल प्रभाव से बाहर कर दिया है। इसके साथ ही निजी अस्पतालों का इंपेनलमेंट 1 सितंबर 2024 से वापस लेने का निर्णय लिया गया है। अब इन अस्पतालों में हिमकेयर योजना के तहत इलाज नहीं होगा। इस संबंध में सचिव स्वास्थ्य एम सुधा देवी की ओर से अधिसूचना जारी की गई है। बीते दिनों स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने सोलन में कहा था कि बहुत से लोग निजी अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए जाते हैं। जहां पर इलाज काफी महंगा है। जिस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रहता। कुछ निजी अस्पताल मनमर्जी के रेट भी मरीजों को लगाते हैं। बताया जा रहा है कि इसी के चलते निजी अस्पतालों में हिमकेयर योजना के तहत इलाज की सुविधा को बंद करने का फैसला लिया गया है।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के तबादलों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। कार्मिक विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार 5 अगस्त से तबादलों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद केवल सरकारी कर्मचारियों के तबादलों के ऐसे प्रस्तावों पर कार्रवाई और कार्यान्वयन किया जाएगा, जो व्यापक मार्गदर्शक सिद्धांत-2013 के पैरा 8 के तहत विशेष रूप से प्रदान की गई परिस्थितियों के अनुरूप होंगे। इस संबंध में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से सभी प्रशासनिक सचिवों, विभाध्यक्षों, मंडलायुक्तों व उपायुक्तों को इन निर्देशों की कड़ाई से अनुपालन के लिए सभी संबंधितों के ध्यान में लाने को कहा है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने 1 मार्च, 2024 को जारी पत्र के जरिये बताया था कि 1 अप्रैल, 2024 से या आदर्श आचार संहिता लागू होने की तारीख से जो भी पहले हो, कर्मचारियों के सामान्य तबादलों पर प्रतिबंध फिर से प्रभावी हो जाएगा। इसी के तहत अब तबादलों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के चलते पर्यटन कारोबार को बड़ा झटका लगा है। पर्यटन स्थल सूने हैं। हिमाचल में अब तक ढाई हजार सैलानियों ने बुकिंग रद्द या होल्ड कर दी है। इसके अलावा ट्रैकिंग ट्रिप पर जाने का कार्यक्रम भी सैलानियों ने स्थगित कर दिया है। हालांकि बरसात के चलते हिमाचल में इन दिनों ऑफ सीजन चल रहा है, लेकिन इन दिनों में भी होटलों में 30 से 40 फीसदी तक एक्यूपेंसी रहती है। लेकिन प्राकृतिक आपदा के आपदा वीकेंड पर भी ऑक्यूपेंसी 10 फीसदी से कम है। हिमाचल की राजधानी शिमला के अलावा मनाली, धर्मशाला, मैक्लोडगंज, चंबा और डलहौजी में होटलों के कमरे खाली चल रहे हैं। उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में बीते साल 2023 में प्राकृतिक आपदा के चलते पर्यटन कारोबार पूरी तरह से प्रभावित हुआ था। उस समय कारोबारियों को करोड़ों की चपत लगी थी। आपदा के चलते कुल्लू-मंडी और मनाली में तबाही के डर से सैलानी पर्यटन नगरी धर्मशाला-मैक्लोडंगज आने से भी कतरा रहे हैं। वीकेंड पर एक आध कमरे की ही बुकिंग हो रही है। धर्मशाला का पर्यटन स्थल मैक्लोडगंज और भागसूनाग भी वीकेंड पर सूना है। हालांकि पर्यटन कारोबारियों को 15 अगस्त की छुट्टियों के दौरान तीन-चार दिन के लिए अच्छे कारोबार की उम्मीद है। होटल एसोसिएशन धर्मशाला के अध्यक्ष अश्विनी बांबा का कहना है कि बरसात में होटलों में एक-दो कमरे ही लग पा रहे हैं। ऑफ सीजन में सैलानियों को होटलों में 30 फीसदी तक छूट भी दी जा रही है, लेकिन फिर भी वीकेंड पर ऑक्यूपेंसी 15 फीसदी भी नहीं पहुंच रही। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के एजीएम नवदीप थापा ने बताया कि बरसात के मौसम में प्रदेश में हो रही तबाही के कारण सैलानियों में डर का माहौल है। पर्यटन कारोबार काफी कम हो गया है। निगम के होटलों में सैलानी बुकिंग रद्द करवा रहे हैं। सैलानी हिमाचल आने से डर रहे हैं। टूरिस्टों ने ट्रैकिंग ट्रिप होल्ड कर दिए हैं। अगर भारी बारिश का क्रम थम जाता है तो करीब 15 दिन बाद स्थिति सुधरने की उम्मीद है।
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने कहर बरपाया है। बादल फटने से नालों में आई बाढ़ से कई लोग लापता हुए हैं। वहीं, भारी बारिश के साथ आए तेज तूफान ने किसानों और बागवानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। प्रदेश में सेब की फसल तैयार है। इस बीच तेज तूफान के कारण पेड़ों से झड़ कर सेब के खेतों में ढेर लग गए हैं। ऐसे में सरकार ने बागवानों की पीड़ा को समझते हुए उन्हें राहत पहुंचाने का फैसला लिया है। इसके लिए एपीएमसी ने निर्धारित समय से पहले झड़े हुए सेब को खरीदने का फैसला लिया है, ताकि बागवानों का नुकसान होने से बचाया जा सके। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि दो दिन पहले मौसम बिगड़ने की वजह से सेब की फसल को नुकसान हुआ है। ऐसे में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में एचपीएमसी को बागवानों से सेब की खरीद करने को कहा गया है, जिसके लिए बागवानी को एचपीएमसी के केंद्र प्रभारियों से लिखित में आवेदन करना होगा। एचपीएमसी ने शुरुआती तौर पर अभी 20 केंद्रों पर सेब की खरीद शुरू कर दी है। इसके अलावा अगले कुछ दिनों में आपदा प्रभावित क्षेत्रों सहित कम ऊंचाई वाले सेब बहुल क्षेत्रों में 40 के करीब क्षेत्रों में सेब खरीद शुरू हो जाएगी।
हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटने से आई बाढ़ के बाद लापता हुए 45 से अधिक लोगों का पता लगाने के लिए बचावकर्मियों ने ड्रोन तैनात किये हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी शुक्रवार को दी। बुधवार रात तीन जिलों- कुल्लू, मंडी और शिमला में बादल फटने से अचानक बाढ़ आने के बाद मंडी के राजबन गांव से दो शव और कुल्लू के निरमंड से एक शव बरामद किया गया। जानकारी के अनुसार तीन शवों की बरामदगी के साथ, कुल्लू, मंडी पधर और शिमला के रामपुर उपमंडल के निरमंड, सैंज और मलाणा क्षेत्रों में अचानक आई बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या आठ हो गई है। 45 लोग अभी लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने शिमला और कुल्लू जिले की सीमा पर स्थित समेज जाकर हालात का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि लापता लोगों में 17-18 महिलाएं और 8-9 बच्चे शामिल हैं। उन्होंने पीड़ितों के लिए 50 हजार रुपये की तत्काल राहत और अगले तीन महीने तक 5,000 रुपये प्रति माह किराया देने की भी घोषणा की। इसके अलावा, गैस, खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक सामग्री भी मुहैया कराई जाएगी।
बादल फटने और बाढ़ आने से प्रदेश में 17 पुल ढहे और क्षतिग्रस्त हुए है। प्रदेश सरकार ने जरूरत के मुताबिक इन जगहों पर बेली ब्रिज लगाने के निर्देश दिए हैं। सेब बहुल क्षेत्रों की सड़कें दुरुस्त करने को कहा है। जिन सड़कों को ज्यादा नुकसान हुआ है और समय रहते ठीक नहीं हो सकती हैं, उन क्षेत्रों के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाने के निर्देश दिए हैं। प्रभावित क्षेत्रों के लिए डोजर और जेसीबी लगाए गए हैं। प्रदेश सरकार ने विभाग से प्रतिदिन रिपोर्ट मांगी है। बीते साल आई आपदा से सबक लेते हुए सरकार ने पहले ही बेली ब्रिज खरीद रखे थे। जोन स्तर पर इन ब्रिजों को रखा गया था। अब इन वेली ब्रिज को जिला शिमला, मंडी, कुल्लू के लिए भेजा जाएगा। हालांकि इससे पहले लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर क्षतिग्रस्त पुलों का निरीक्षण करेंगे। अगर कोई पुल रिपेयर करने योग्य होगा तो उसकी मरम्मत होगी। जो पुल ढह गया है, वहां तुरंत बेली ब्रिज लगाने का काम शुरू हो जाएगा। लोक निर्माण विभाग का दावा है कि जिला कुल्लू के निरमंड में सबसे ज्यादा 9 पुल ढहे व क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के चलते 455 सड़कें यातायात के लिए प्रभावित हुई हैं। कई सड़कें ऐसी हैं, जिनका नामोनिशान मिट गया है। हालांकि विभाग का दावा है कि 100 से ज्यादा सड़कें यातायात के लिए बहाल की गई हैं। वहीं, लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ नरेंद्र पॉल ने कहा कि विभाग का हर कर्मचारी मुस्तैदी के साथ सड़कों को बहाल करने में डटा है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के चलते विभाग को अब तक 300 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। सड़कें और पुुल टूटने से लोगों की परेशानी बढ़ी है। ऐसे में जहां जहां पुल ढह गए हैं, वहां बेली ब्रिज लगाए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश में बारिश के बाद आई भारी तबाही ने सभी को चौंका कर रख दिया। गुरूवार देर रात आई बारिश ने किसी को आपनो से दूर किया तो किसी के आशियानों की उजाड़ कर रख दिया लेकिन बारिश का ये कर्म अभी यही नहीं रखने वाला। मौसम विभाग केंद्र शिमला ने आगामी पांच दिनों के लिए भी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 2 से 7 अगस्त तक कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना ज़ाहिर की है। जिसमें मंडी , शिमला , सिरमौर ,कांगड़ा, बिलासपुर और हमीरपुर शामिल है। मौसम विभाग ने लोगों को नदी नालो से दूर रहने की भी अपील की है। मौसम विभाग के इस पूर्वानुमान के बाद प्रदेश के लोगों डर भी बैठ गया है। अगस्त महीने की शुरुआत के साथ ही प्रदेशभर से ऐसी ऐसी खबरे सामने आई कि लोग अभी भी डरे और सहमे हुए है।
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिले लाहौल स्पीति में 24 घंटे के भीतर दूसरी बार हिली धरती। रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.2 मापी गई। जमीन के अंदर इसकी गहराई 5 किलोमीटर रही। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक, वीरवार सुबह 9 बजकर 49 बजे तीन से चार बार धरती कांपी। बुधवार रात में भी यहां लाहौल स्पीति में 3.2 तीव्रता का भूकंप आया था। हिमाचल में आपदा के बीच बार-बार भूकंप के झटकों से लोग डरे व सहमे हुए है। हालांकि तीव्रता कम होने के कारण किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है। लाहौल स्पीति जिला जोन 5 में आता है, जो भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है।
**प्रदेश में अभी जारी रहेगा बारिश का दौर हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान अधिकांश क्षेत्रों में बारिश हुई है, जिसमें कुछ स्थानों पर भारी बारिश से तबाही का मंजर देखने को मिला है। मौसम विभाग ने आज प्रदेश के कुछ भागों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के विज्ञानिक संदीप कुमार ने बताया कि बीते 24 घंटे के दौरान प्रदेश में अधिकांश क्षेत्रों में बारिश हुई है, कुछ जिलों में भारी बारिश रिकॉर्ड की गई है। चंबा, कांगड़ा, बिलासपुर हमीरपुर, सोलन शिमला में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई है। आज चंबा कांगड़ा कुल्लू मंडी में एक दो स्थानों पर भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी है। 2 से 6 अगस्त तक कुछ स्थानों में भारी बारिश का येलो अलर्ट है। इस दौरान ऊना, बिलासपुर, सोलन, मंडी, सिरमौर, शिमला, चंबा, कांगड़ा में एक दो स्थानों पर भारी बारिश की संभावना हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में लोगो को नदी नालों के नजदीक न जाने की सलाह है क्योंकि भारी बारिश के बाद फ्लैश फ्लड की स्थिति बन सकती है।
हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान भारी बारिश से तबाही हुई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भारी बारिश से हुई तबाही को लेकर सचिवालय में आपात बैठक की और सभी जिलों से नुकसान की रिपोर्ट लेने के साथ सभी संबंधित जिलों के उपायुक्तों को रेस्क्यू में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। अभी तक की जानकारी के मुताबिक शिमला, कुल्लू और मंडी में 50 लोग बादल फटने की घटनाओं से लापता हैं, जबकि तीन लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं और 3 लोग सुरक्षित निकाले गए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भारी बारिश से तीन जिलों ने नुकसान हुआ है। रामपुर के झाखड़ी समेज खड्ड में 36 लोग लापता हैं जिसमें दो लोगों के शव बरामद हो गए हैं, जबकि दो लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। इसी तरह मंडी पधर में 9 लोग लापता हैं एक शव बरामद हो गया है एक व्यक्ति को जख्मी हालत में बाहर निकाल लिया है। कुल्लू के मलाणा में पॉवर प्रॉजेक्ट के डैम को भी भारी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री ख़ुद मौके के लिए रवाना हो रहे हैं। मौके पर राहत बचाव कार्य के लिए NDRF,SDRF, ITBP सहित स्थानीय प्रशासन जुटा हुआ है और रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्मी को भी अलर्ट पर रहने को कहा गया है। केन्द्र सरकार में मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा से फोन पर बात हुई और हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया है।
रामपुर: श्रीखंड महादेव यात्रा के रास्ते में बीती रात के समय बादल फटने की घटना सामने आई है। बीती रात करीब एक बजे कुर्पन खड्ड में बादल फटने से फ्लैश फ्लड आ गया और खड्ड का जलस्तर बढ़ गया, जिससे श्रीखंड महादेव यात्रा के पहले पड़ाव बेस कैंप सिंह गाड में दर्जनों दुकानें चपेट में आने की सूचना है। वहीं, बागीपुल में बस स्टेंड, करीब 10 मकान और 20 गाड़ियां बाढ़ में बह गई हैं, जबकि केदस और ढरोपा तक जगह-जगह पुल बहने से लोगों के आवागमन का संपर्क पूरी तरह से कट गया है। तहसीलदार निरमंड जय गोपाल शर्मा ने बताया कि बीती रात को श्रीखंड महादेव यात्रा मार्ग पर कुर्पन खड्ड में बदल फटने से बेस कैंप सिंह गाड में भरी नुकसान हुआ है। वहीं, बागीपुल में निरमंड और बागीपुल को जोड़ने वाला पुल भी बह गया है और नया पुल भी बह गया है। बाढ़ में छोटे बड़े मकान बह गए हैं। इसमें होटल दुकानें, पटवारखाना भी बह गया है और 7 से 10 लोगों के लापता होने की सूचना है ,जिसमें एक परिवार के 5 लोगों और एक बुजुर्ग महिला, दो नेपाली मूल के लोगों के लापता होने की सूचना है। तहसीलदार जय गोपाल शर्मा ने बताया कि केदस में एक मकान बाढ़ की चपेट में आया है और केदस पुल भी बह गया है। वहीं, कोयल पुल के बहने से निथर का रामपुर निरमंड से संपर्क कट गया है। तहसीलदार ने बताया कि राहत और बचाव कार्य के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और रेस्क्यू टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी है।
**अब तक 11 अभ्यर्थियों की बिगड़ी तबियत **1 को हुआ डेंगू सिस्टम के आगे बेबस हो गए है और दो वक्त की रोटी के मोहताज हो गए है, यह कहना है JOA IT पोस्ट कोड 817 के उन अभियर्थियों का जो परिणाम घोषित होने का इंतज़ार कर रहे है और धरने पर बैठे है। इन अभियर्थीओं का कहना है कि उनकी आस अब ख़त्म हो रही है, अभियर्थी बीमार हो रहे है। आपको बता दे कि धरने पर बैठे इन अभ्यर्थियों में से अभी तक 11 अभ्यर्थी बीमार हो चुके हैं, जिनमे से एक अभ्यर्थी तो डेंगू का शिक्कार हो गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि 2020 में विज्ञापित पदों पर JOA IT पोस्ट कोड 817 का अभी तक अंतिम परिणाम जारी नहीं हो पाया। आयोग से बीते सालों से तमाम कानूनी लडाई लड़ने के बाद भी अभ्यर्थी सड़को पर बैठने के लिए मजबूर है। पहले 36 दिन तक कड़ी ठण्ड में शिमला के चौड़ा मैदान में बैठे रहे अब फिर से जब चयन आयोग हमीरपुर ने तारीख पर तारीख दी तो बच्चो को मजबूरी में इस बरसात के मौसम में आयोग के बाहर बैठने के लिए मजबूर कर दिया। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर हम में से किसी को भी कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ सरकार होगी।
हिमाचल प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक अच्छी खबर है। प्रदेशभर में अगस्त में आने वाले बिजली के बिल पहले की ही तरह आएगें यानी अगर आपने 125 यूनिट से काम बिजली खर्च की है तो आपके बिजली के बिल इस बार भी पिछले महीनो की तरह ही जीरो आने वाले है और अगर आपने 125 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च की है तो आपको सब्सिडाइज्ड रेट पर ही बिल आएगा। हाल में ही कैबिनेट की बैठक में ये निर्णय लिया गया था कि प्रदेश में मिल रही मुफ्त बिजली का लाभ अब सभी को नहीं मिलेगा, बल्कि इसके लिए कुछ शर्ते राखी गई है लेकिन इसको लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है की आखिर कौन-कौन इसके दायरे में आएगें। सरकार मुफ्त बिजली योजना में कुछ अमेंडमेंट करने पर विचार कर रही है। इसको लेकर लाभार्थियों के लिए कुछ शर्ते में लागू होनी है, लेकिन वो शर्ते क्या होगी और कब से शुरू होगी इसको लेकर अभी कोई आदेश जारी नहीं हुए है। उम्मीद जताई जा रही है मॉनसून सत्र के बाद इसमें कोई बड़ा बदलाव हो सकता है। फिलहाल निश्चिंत रहिए इस महीने भी आपको योजना के पुराने शर्तों के आधार पर ही बिल आएंगें।
** डीएफओ को 25 पेड़ कटवाने की पॉवर हिमाचल में अब जंगलों में गल-सड़ रहे सूखे पेड़ों को आसानी से काटा जा सकेगा। सरकार ने सूखे पेड़ों पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है। इसके तहत अब वन रक्षक अपने स्तर पर दो पेड़ और वन मंडल अधिकारी 25 पेड़ काटने की अनुमति दे सकता है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को इस संबंध में एसओपी जारी की है। हालांकि राज्य सरकार ने पिछले साल ही जंगलों में सूख रहे पेड़ों को काटने संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए थे। इस अवधि के दौरान वन विभाग और निगम ने बीते वर्ष 15 हजार क्षतिग्रस्त पेड़ों को प्रसंस्कृत किया। इससे लकड़ी की बिक्री से राजस्व प्राप्त हुआ। इसके परिणामस्वरूप राज्य सरकार की रॉयल्टी आय मात्र डेढ़ वर्ष में 35 से बढक़र 70 करोड़ रुपए हो गई। प्रदेश सरकार ने एक रणनीतिक फैसला लेते हुए वन विभाग की निर्माण शाखा को बंद करने का निर्णय लिया। इसे वानिकी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए। इसके अलावा वन बीट से सर्किल तक योजना में बेहतर काम करने पर वन विभाग के कर्मचारियों को नवाजा जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी विभागों में बड़े बदलाव के फैसले लिए हैं। इनमें वन विभाग भी शामिल है। अब डीएफओ जंगलों में गले-सड़ेे पेड़ों को बेचने और काटने की अनुमति दे सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि एफसीए में स्टेज वन की अनुमति प्राप्त होने के बाद वन मंडल अधिकारी वनों को काटने की अनुमति दे सकता है। इसका बड़ा फायदा फोरलेन के प्रोजेक्ट में मिलेगा। वन विभाग खुद पेड़ों को काटने की प्रक्रिया शुरू कर पाएगा और इसे ठिकाने भी लगाएगा।
** मुख्यमंत्री बोले, बच्चों में देशभक्ति की भावना जगाने का रहेगा प्रयास प्रदेश सरकार विद्यार्थियों का समग्र एवं समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। विद्यार्थियों में राष्ट्रीयता और देशभक्ति की भावना जागृत करने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों में राष्ट्रगान के साथ प्रात:कालीन प्रार्थना सभा आयोजित का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त सभी उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में प्रतिदिन अनिवार्य रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराने का भी निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों से युवा पीढ़ी में एकता और देशभक्ति की भावना जागृत हो। इससे विद्यार्थी भविष्य में राष्ट्र के जिम्मेदार नागरिक बनेंगे। प्रदेश सरकार ने कार्यभार ग्रहण करने के उपरांत शिक्षा प्रणाली में विभिन्न सुधारात्मक कदम उठाए हैं और शिक्षा प्रणाली में इन निर्णयों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुधार राज्य सरकार की समग्र शिक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हैं। प्रदेश सरकार की पहल से विद्यार्थियों को शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाने और उनमें आदर्श नागरिक की जिम्मेदारियां पैदा करने में सहायता मिलेगी। सरकार का लक्ष्य बच्चों में राष्ट्रीयता की भावना जागृत कर अखंड भारत के निर्माण के लिए तैयार करना है। प्रदेश सरकार ने विद्यार्थियों का शारीरिक विकास सुनिश्चित करने के लिए शारीरिक शिक्षा और योग को पाठ्यक्रम में अनिवार्य विषय बनाने का निर्णय लिया है। इससे सभी स्कूलों में विद्यार्थी प्रतिदिन कम से कम 15 मिनट शारीरिक व्यायाम करेंगे। इस दौरान शारीरिक शिक्षक एवं अन्य अध्यापक विद्यार्थियों को व्यायाम करवाना सुनिश्चित करेंगे। सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य एवं आयुष विभाग के सहयोग से विद्यार्थियों को सीपीआर एवं प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों को जीवन रक्षक कौशल का ज्ञान मिलेगा।
** ट्रांसप्लांट और अंगदान के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण उपलब्धि पर किया जाएगा सम्मानित डा. राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय टांडा अस्पताल को उभरते राष्ट्रीय प्रत्यारोपण और अंग पुनप्र्राप्ति केंद्र पुरस्कार(इमर्जिंग नेशनल ट्रांसप्लांट एंड ऑर्गन रेट्रीवाल सेंटर अवार्ड) के लिए पूरे भारत में श्रेष्ठ पुरस्कार से नवाजा जाएगा। राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) की ओर से 14 वें भारतीय अंगदान दिवस के अवसर पर भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव गणपतराव जाधव और अनुप्रिया पटेल द्वारा टांडा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल को तीन अगस्त को नई दिल्ली में पुरस्कार से नवाजा जाएगा। इस तरह पूरे भारत में श्रेष्ठ रहने पर डा. राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय टांडा अस्पताल के नाम एक और कीर्तिमान स्थापित हो जाएगा। राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन के निदेशक डा. अनिल कुमार की ओर से टीएमसी को इस समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है। टीएमसी के प्रधानाचार्य डा. मिलाप शर्मा शनिवार को दिल्ली में भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा के हाथों से यह पुरस्कार प्राप्त करेंगे। यह हिमाचल प्रदेश के लिए गौरव के क्षण होंगे। यह सब टांडा मेडिकल कालेज व अस्पताल के प्रधानाचार्य डा. मिलाप शर्मा के बेहतरीन निर्देशन व नेफ्रोलॉजी विभाग के एचओडी विभागाध्यक्ष डा. अभिनव राणा, विषेशज्ञ किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डा. अमित शर्मा के अथक प्रयासों से संभव हो पाया हैै।
हिमाचल प्रदेश में बैचवाइज आधार पर चयनित 221 टीजीटी के स्कूल बदल दिए गए हैं। बुधवार को ही इन शिक्षकों को स्कूलों में पद ग्रहण करना होगा। बीते सप्ताह प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने विद्यार्थियों के कम दाखिलों वाले स्कूलों में कई शिक्षकों को नियुक्तियां दे दी थीं। एक ही स्कूल भी दो-दो नवनियुक्त शिक्षकों को आवंटित कर दिए गए। इन गलतियों के सामने आने के बाद निदेशालय ने कुछ नियुक्तियों को रोक लगाई और मंगलवार को इस बाबत संशोधित अधिसूचना जारी की गई। टीजीटी आर्ट्स में 127, मेडिकल में 37 और नॉन मेडिकल में 57 शिक्षकों को अब नए स्कूलों में तैनाती दी गई है। 23 जुलाई को प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने अधिसूचनाएं जारी कर कई शिक्षकों के स्कूलों में बदलाव किए थे। 24 जुलाई की सुबह इन संशोधित आदेशों को रोक दिया गया। स्कूल आवंटित करने की प्रक्रिया में कई खामियां रहने के चलते यह राेक लगाई गई थी। कुछ शिक्षकों को ऐसे स्कूलों में भी भेज दिया गया जहां पहले से पर्याप्त संख्या में टीजीटी नियुक्त थे। मामला ध्यान में आते ही निदेशालय ने नवनियुक्त शिक्षकों के संशोधित नियुक्ति निर्देशों को आगामी फैसले तक रोक दिया था। अब इन शिक्षकों को नए सिरे से स्कूल आवंटित कर दिए गए हैं। शिक्षा विभाग ने बीते दिनों 1049 टीजीटी का बैचवाइज आधार पर चयन किया है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों को पत्र जारी कर पांच से अधिक विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूलों में ही बैचवाइज आधार पर चयनित जेबीटी को नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को अतिरिक्त निदेशक की ओर से जारी पत्र में कहा गया कि जिन स्कूलाें में विद्यार्थियों की संख्या 20 से अधिक है और वहां प्रतिनियुक्ति पर शिक्षक हैं तो ही नियुक्ति की जाए। जिन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या अधिक है और शिक्षकों की तैनाती कम है, वहां भी शिक्षकों को नियुक्तियां देने में प्राथमिकता दी जाए। शिक्षकों को ऐसे स्कूलों में नियुक्त न किया जाए जहां विद्यार्थियों की संख्या पांच से कम हो। ऐसे स्कूलों को जल्द ही नजदीकी स्कूलों में मर्ज किया जाना है। प्रदेश में शिक्षकों का युक्तिकरण करने के साथ ही अब गैर शिक्षकों के युक्तिकरण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों से उनके कार्यालयों सहित स्कूलों में आवश्कता से अधिक तैनात गैर शिक्षकों का ब्योरा तलब किया है। इसके लिए एक परफार्मा भी जारी किया गया। स्कूल में कितने विद्यार्थियों के दाखिले हैं, गैर शिक्षकों के कितने पद सृजित हैं, कितने पदों पर नियुक्तियां हैं, कितने पद रिक्त हैं, गैर शिक्षक यहां पर कितने समय से कार्यरत है। इसकी जानकारी निदेशालय को देने के लिए कहा गया है।
राज्य सरकार के प्रयासों से विद्यार्थियों में जागृत होगी देशभक्ति की भावनाः मुख्यमंत्री प्रदेश सरकार विद्यार्थियों का समग्र एवं समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। विद्यार्थियों में राष्ट्रीयता और देशभक्ति की भावना जागृत करने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों में राष्ट्रगान के साथ प्रातःकालीन प्रार्थना सभा आयोजित का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, सभी उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में प्रतिदिन अनिवार्य रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराने का भी निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों से युवा पीढ़ी में एकता और देशभक्ति की भावना जागृत हो। इससे विद्यार्थी भविष्य में राष्ट्र के जिम्मेदार नागरिक बनेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने कार्यभार ग्रहण करने के उपरांत शिक्षा प्रणाली में विभिन्न सुधारात्मक कदम उठाए हैं और शिक्षा प्रणाली में इन निर्णयों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। प्रदेश सरकार ने विद्यार्थियों का शारीरिक विकास सुनिश्चित करने के लिए शारीरिक शिक्षा और योग को पाठ्यक्रम में अनिवार्य विषय बनाने का निर्णय लिया है। इससे सभी स्कूलों में विद्यार्थी प्रतिदिन कम से कम 15 मिनट शारीरिक व्यायाम करेंगे। इस दौरान शारीरिक शिक्षक एवं अन्य अध्यापक विद्यार्थियों को व्यायाम करवाना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं आयुष विभाग के सहयोग से विद्यार्थियों को सीपीआर एवं प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों कोे जीवन रक्षक कौशल का ज्ञान मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुधार राज्य सरकार की समग्र शिक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हैं। प्रदेश सरकार की पहल से विद्यार्थियों को शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाने और उनमें आदर्श नागरिक की जिम्मेदारियां पैदा करने में सहायता मिलेगी। सरकार का लक्ष्य विद्यार्थियों की दिनचर्या में इन गतिविधियों को शामिल कर उनमें राष्ट्रीयता की भावना जागृत कर अखंड भारत के निर्माण के लिए तैयार करना है।
घुमारवीं में इंटक से संबंधित ऑल हिमाचल पीडब्ल्यूडी-आईपीएच एंड कांट्रैक्चुअल वर्कर्ज यूनियन की राज्य स्तरीय कार्यकारणी की बैठक प्रदेशाध्यक्ष दीप धीमान की अध्यक्षता मे हुई। इसमें जल शक्ति विभाग और लोक निर्माण विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की मांगों पर चर्चा की गई। बैठक में वाटर गार्ड संघ के प्रधान भूपेंद्र चंदेल ने कहा कि वाटर गार्डों को प्रत्येक माह उनका मासिक वेतन नहीं मिल रहा है और उन्हे रेगलुर के बाद बकाया राशि का भुगतान अभी तक नहीं किया है। इंटक महासचिव जगतार सिंह बैंस ने कहा कि यूनियन जलशक्ति विभाग और लोक निर्माण विभाग के प्रत्येक अनुभाग में कर्मचारियों को सदस्य बनाएगी और उनकी समस्याओं का निवारण करवाने का प्रयास करेगी। हिमाचल प्रदेश के सभी निर्माण प्रोजेक्टों मे भी कामगारों को युनियन का सदस्य बनाकर उन्हें हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण श्रम कल्याण बोर्ड से मिलने वाली सुविधाओं को दिलाएगी। उन्होंने कहा कि हर वर्ष में चार बार यूनियन की राज्य कार्यकारणी की चार बैठके होंगी।
बेरोजगार कला अध्यापक संघ ने कड़ा ऐतराज करते हुए कहा है कि हिमाचल प्रदेश सरकार उन गरीब बच्चों और गरीब अभिभावकों के साथ भदा मजाक कर रही है, जिस सरकार ने बेरोजगारों को बड़े-बड़े सपने दिखाए थे कि हम सत्ता में आते ही ऐसे काम करेंगे जो पूर्व सरकार ने नहीं किए थे। लेकिन उसके विपरीत सरकार कर रही है। संघ के अध्यक्ष बलवंत सिंह ने कहा है कि सरकार स्कूलों को बंद कर रही है और कुछ मर्ज कर रही है। संघ के पदाधिकारी ने कहा है कि स्कूल में बच्चे ना होने का कारण टीचरों की भर्ती न होना है । हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में लगभग 17000 से ज्यादा पद खाली चल रहे हैं। और जिन स्कूलों में टीचर नहीं थे उसमें अभिभावक बहुत बार अपना विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं और कई जिलों में उपयुक्त के मध्य और एसडीएम के मध्य से मांग पत्र दे चुके हैं। और मंत्री विधायकों के द्वारा भी अपने मांग पत्र दे चुके हैं। एसएमसी कमेटीयां भी टीचर भर्ती को लेकर धरना-प्रदर्शन और चका जाम तक कर चुकी हैं। तथा टीचर रखने को लेकर कई स्कूलों के बच्चे अपना विरोध कर चुके हैं और स्कूल में टीचर ना होने पर सोशल मीडिया प्रींट मिडिया में भी कभी बार दिखाया गया है, लेकिन सरकार ने उन स्कूलों में टीचर रखने के बजाय स्कूलों को बंद करने तथा मर्ज करने का फैसला लिया है। जो निंदनीय है राज्य कार्यकारिणी संघ के अध्यक्ष बलवंत, उपाध्यक्ष जगदीश ठाकुर, महासचिव विजय चौहान, सहसचिव पाल सिंह, कोषाध्यक्ष शक्ति प्रसाद , संगठनमंत्री संतोष नांटा मुख्य सलाहकार सुखराम मिडिया प्रभारी अशोक कुमार और सीमा कुमारी और समस्त सदस्यों तथा जिला के समस्त अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा सदस्यों ने माननीय मुख्यमंत्री, माननीय शिक्षा मंत्री तथा शिक्षा विभाग के अधिकारियों से आग्रह किया है कि स्कूल बंद करने की बजाय स्कूलों में टीचर तथा अन्य स्टाफ रखने पर बल दें। न कि स्कूलों को बंद करने का निर्णय लें संघ ने कहा है कि सरकार को 2 साल का कार्यकाल खत्म होने पर है लेकिन रोजगार देने की बजाय बेरोजगारों को मानसिक तनाव में डाला जा रहा है। संघ ने कहा है कि अभी तक जो भी रिजल्ट घोषित नहीं हुए हैं उनको जल्द से जल्द घोषित किया जाए और नई भर्तियों को जल्द से जल्द भरा जाए। संघ ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश के बेरोजगारों ने सरकार बनाने में अपनी एहम भुमिका निभाई है। क्योंकि बेरोजगार दवका पूर्व सरकार से तंग आ चुका था और उनको उम्मीद थी कि कांग्रेस सरकार आते ही बेरोजगार युवाओं के साथ न्याय करेगी, लेकिन वर्तमान सरकार ने तो पूर्व सरकार की तरह राह पकड़ रखी है संघ के पदाधिकारी ने मुख्यमंत्री से और शिक्षा मंत्री से अनुरोध किया है कि हिमाचल प्रदेश के जितने भी सरकारी स्कूलों में कर्मचारी हैं उनको निर्देश करें कि वह अपने बच्चे सरकारी स्कूलों में डालें अन्यथा उनको किसी भी तरह का सरकारी लाभ नहीं दिया जाएगा। संघ ने कहा है कि जब सरकार सरकारी नौकरी वाले टीचरों को इतनी बड़ी सैलरी दे रही है तो क्यूं ना सरकार ऐक्शन ले कि वो अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाए। खुद सरकारी नौकरी पर लगे हैं और खुद के बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाए जा रहे हैं। जब मुख्यमंत्री जी इतने बड़े पैमाने पर फैसले ले रहे हैं तो फिर ऐसा फैसला लेने में देरी क्यूं । संघ ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में सभी कर्मचारियों पर सरकार को निर्देश करना चाहिए। क्योंकि सरकार कर्मचारियों की हर एक बात को पुरा करने पर बचनबद्ध है। संघ ने कहा है कि इस बात को सभी एजुकेशन संगठनों को सरकार से उठाना चाहिए। कि सरकारी स्कूलों को बंद ना करे। बल्कि टीचर भर्ती करें। संघ के पदाधिकारी ने कहा है कि चार-पांच साल पहले सरकारी स्कूलों में अच्छी एनरोलमेंट थी लेकिन जैसे-जैसे स्कूलों में टीचरों की संख्या कम होती गई वैसे-वैसे स्कूलों में पढ़ाने के लिए कोई भी टीचर नहीं रहा तो मजबूरी में लोगों को प्राइवेट स्कूलों का रुख करना पड़ा, लेकिन हिमाचल प्रदेश के लोगों के पास इतनी बड़ी इनकम नहीं है कि वह भारी भरकम फीस प्राइवेट स्कूलों में भरकर अपने बच्चों को शिक्षा दें। हिमाचल प्रदेश के अभी भी ऐसे कई स्कूल हैं जहां पर अभिभावक अपने पैसे देकर और उन सरकारी स्कूलों में अपनी तरफ से टीचर रखकर बच्चों को शिक्षा ग्रहण करवा रहे हैं। संघ ने कहा है कि कोविड के टाइम भारी मात्रा में प्राइवेट स्कूलों से बच्चे निकाल कर सरकारी स्कूलों में डाले गए थे। लेकिन जब अभिभावकों को इस बात का पता चला कि सरकारी स्कूलों में तो टीचर ही नहीं है तो 2 साल के बाद फिर बच्चों को दोबारा से अभिभावकों को प्राइवेट स्कूलों में डालना पड़ा। बेरोजगार कलाध्यापक संघ ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री और समस्त मंत्रीयों विधायकों से निवेदन किया है कि ऐसा कदम ना उठाएं जिससे कांग्रेस सरकार को इसका नुकसान उठाना पड़े, लेकिन जैसा इलेक्शन के समय प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने बेरोजगारों से वादा किया था उस वादे के मुताबिक मुख्यमंत्री और सरकार फैसले लें। संघ ने कहा है कि मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश के सरकारी मिडिल स्कूलों में 100 की लगी शर्त को हटाने का कई बार विश्वास दे चुके हैं। लेकिन अभी तक 100 बच्चों की कंडीशन को समाप्त नहीं किया गया है। संघ मुख्यमंत्री से अनुरोध करता है कि इसकी अधिसूचना जारी करें और कला अध्यापकों की 1600 पोस्टें प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में खाली चल रही है उन्हें जल्द से जल्द भरे।
पटवारियों और कानूनगो के हड़ताल पर होने से प्रदेश में लोगों के 1.30 लाख से ज्यादा ऑनलाइन आवेदन लंबित हैं, मगर आज भी ये मसला हल नहीं हो पाया। दरअसल आज हिमाचल के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और पटवारी-कानूनगो के बीच सचिवालय में हड़ताल से सम्भंदित एक महत्वपूर्ण बैठक हुई मगर इस बैठक में दोनों के बीच सहमति नहीं बन पाई। पटवारी-कानूनगो जिला से बाहर ट्रांसफर के लिए तैयार नहीं है, जबकि सरकार ने इसी मंशा से इन्हें स्टेट कैडर बनाया है। मीटिंग में सहमति नहीं बनने के बाद हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी संघ ने अपना विरोध जारी रखने का ऐलान कर दिया है। इनकी हड़ताल से प्रदेश के लोग परेशान हैं। पटवारी-कानूनगो राज्य कैडर बनाए जाने के विरोध में 15 दिनों से ऑनलाइन काम नहीं कर रहे। इन्होंने सरकारी ऑफिशियल व्हाट्सएप ग्रुप से भी एग्जिट कर रखा है। यही नहीं एडिशनल चार्ज वाले पटवारी-कानूनगो सर्किल दफ्तर की चाबियां भी ये लोग संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को सौंप चुके हैं। इनकी हड़ताल के कारण बोनाफाइड सर्टिफिकेट, चरित्र प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र, ओबीसी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, कृषि प्रमाण पत्र, बेरोजगारी प्रमाण पत्र, भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र और पीएम किसान सम्मान निधि योजना की ऑनलाइन रिपोर्टिंग जैसे काम 15 दिन से नहीं हो पा रहे। बीते 6 दिन से एडिशनल चार्ज वाले दफ्तरों में भी काम ठप हो गया है। इससे लोगों के राजस्व संबंधी महत्वपूर्ण काम नहीं हो पा रहे हैं।वहीं इस मसले पर राजस्व मंत्री जगत नेगी का कहना है कि सरकार ने जनहित को देखते हुए इन्हें स्टेट कैडर बनाया है और पटवारी-कानूनगो इसके विरोध की सही वजह नहीं बता पा रहे है। ऐसे में अब नियमों के तहत इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड ने टेट परीक्षा की फीस में बढ़ोतरी की है, जिस पर प्रदेश के जेबीटी वा बी एड प्रशिक्षु काफी नाराज है ,फीस बढ़ोतरी पर जेबीटी / डी एल एड प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश परयाल ने बताया कि इस प्रकार अचानक टेट की फीस दुगनी करना छात्र हित में नही हैं ,जहाँ उन्हें पहले 500 या 800 फीस देनी पड़ती थी वही अब 1000 ओर 1600 कर दी गई है, जिस से प्रदेश के प्रशिक्षु आर्थिक रूप के साथ-साथ मानसिक रूप से भी परेशान हैं । उन्होंने कहा कि आज कल का दौर प्रदेश के युवाओं के लिए बहुत मानसिक तनाव भरा है, क्योंकि 4,5 वर्षो से जेबीटी भर्ती कमिश्नन के माध्यम से नहीं हुई है । पिछली बार 2019 में ही जेबीटी कमिश्नन हुआ है ,उसके बाद कोई भर्ती कमिश्नन के माध्यम से नही हुई, जिसकी वजह से प्रदेश के युवा मानसिक रूप से बहुत परेशान हैं , उस पर यह अचानक टेट फीस में बढ़ोतरी करना उनके जले पर नमक छिड़कने जैसा हो गया है। जगदीश परयाल ने बताया कि प्रदेश सरकार अब पूर्ण बहुमत की सरकार बन चुकी है प्रदेश के युवाओं ने जब सरकार मुश्किल में थी तो उन्हें समझा है और उनका साथ दिया है ,अब मुख्यमंत्री को प्रदेश के युवाओं की ओर भी अपना ध्यान देने की जरूरत है ,उन्होंने कहा कि अगर सरकार आर्थिक रूप से कमजोर है तो इसका बोझ प्रदेश के बेरोजगारो के कंधों पर ना डाले, इसका समाधान निकाले ओर जल्द ही कमिश्नन के माध्यम से भर्ती करवाना शुरू करें । प्रदेश के 12 लाख से अधिक बेरोजगार युवाओ को मुख्यमंत्री से बहुत उम्मीदें है मुख्यमंत्री इनके बारे में भी कुछ सोचे क्योंकि भर्ती की अधिसूचना सिर्फ अखबारों तक ही सीमित रह गईं है आए दिन सरकार की तरफ से खबर आती है भर्तियों की परन्तुं अभी तक कोई भी भर्ती कमीशन के माध्यम से शुरू नहीं हुईं है। साथ ही उन्होंने कहा कि जेबीटी लगभग 9 महीनों से लंबित बैच वाइज भर्ती का परिणाम जल्द से घोषित किया जाए ,जिसके लिए लोग 15-15 सालों से नोकरी लगने का इंतजार कर रहे हैं । सरकार अगर समय पर भर्ती कराती है तभी प्रदेश की शिक्षा में गुणवत्ता आएगी । उन्होंने कहा कि शिक्षा बोर्ड धर्मशाला अपने टेट की फीस बढ़ोतरी पर पुनः विचार करे और जो फीस पहले ली जाती थी वही फीस ली जाए अन्यथा प्रदेश के युवाओं को मजबूरन सड़को पर उतरना पड़ेगा ।
ऊना मुख्यालय के साथ लगते लालसिंगी में पास लेने को लेकर पंजाब रोडवेज के बस चालक व परिचालक ने पिकअप चालक के साथ मारपीट की है। यहीं नहीं, मारपीट के दौरान पिकअप का शीशा तक तोड़ दिया। पुलिस ने पीडि़त सुरेंद्र सिंह निवासी बरनोह की शिकायत पर पंजाब रोडवेज बस के चालक शमशेर सिंह व परिचालक हैप्पी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दी शिकायत में सुरेंद्र सिंह ने बताया कि वह अपनी गाड़ी में कुल्लू से सामान लेकर जालंधर गया था। जालंधर में सामान उतारकर अपने घर बरनोह आ रहा था तो पंडोगा में एक रोडवेज की बस से पास लेने की कोशिश की, ड्राइवर पास नहीं दे रहा था। ईसपुर मोड़ के पास बड़ी बस से पास ले लिया। इसके बाद वह बार-बार हॉर्न मारकर इसे परेशान करने लगा। लालसिंगी के पास पहुंचा तो उपरोक्त बस के ड्राइवर ने बस पिकअप के आगे लगा दी और कंडक्टर ने लोहे की रॉड से हमला कर गाड़ी का फ्रंट का शीशा तोड़ दिया। इस दौरान मेरी जेब से 17 हजार रुपए किराया कहीं गिर गया। एसपी राकेश सिंह ने बताया कि पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
**पंजाब के अफसरों के साथ चर्चा कर संशोधित किए जाएंगे रूट पंजाब सरकार के परिवहन विभाग के अधिकारी शिमला पहुंच गए हैं। वहां के परिवहन सचिव और परिवहन आयुक्त के साथ शिमला में सोमवार को बैठक होगी, जिसमें इंटर स्टेट बस रूट परमिट को लेकर समीक्षा की जाएगी। इसमें पंजाब की ओर से कुछ आपत्तियां हैं, जिनको दूर करने का प्रयास होगा। रूट परमिट की निर्धारित सीमा से ज्यादा पंजाब की सडक़ों पर हिमाचल के प्राइवेट बस ऑपरेटर चल रहे हैं, जिनको लेकर पंजाब सरकार शिकायत कर रही है। जो समझौता हिमाचल और पंजाब के बीच में हुआ है उसके तहत पांच हजार किलोमीटर एरिया तक रूट परमिट वैद्य हैं, लेकिन यहां पंजाब की सीमा से सटे क्षेत्रों से प्राइवेट बसें दूसरी ओर जा रही हैं और वो लगातार सरकार के साथ हुए समझौते का उल्लंघन कर रही हैं। ऐसे में पंजाब के परिवहन अधिकारी इस मामले पर चर्चा करने और रूट परमिट को रिवाइज करने की बात कर रहे हैं, जिसे लेकर आज बैठक हैं । हिमाचल की तरफ से प्रदेश के प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम इस बैठक में हिस्सा लेंगे, जिनके साथ निदेशक डीसी नेगी व अन्य अधिकारी मौजूद होंगे। रूट परमिट की वर्तमान लिमिट से पंजाब को नुकसान हो रहा है ऐसा पंजाब सरकार का मानना है। लिहाजा इसे संशोधित करने की मांग हो रही है और देखना होगा कि इसमें हिमाचल क्या कहता है। पंजाब के अधिकारी अपने आंकड़े रखेंगे जिन पर हिमाचल के अधिकारी सहमत होते हैं, तो बात आगे बढ़ेगी। प्रधान सचिव परिवहन इस बैठक से पहले रविवार शाम को शिमला पहुंचे। उन्होंंने कहा कि यह बैठक दोनों राज्यों के रूट परमिट से जुड़े मसले को लेकर अहम है और आपस में मिलकर हम समाधान निकालेंगे।
सरकारी खर्च पर नियंत्रण और वित्तीय प्रबंधन में सुधार के लिए हिमाचल प्रदेश के वित्त विभाग ने सभी विभागों को निर्देश जारी किए हैं। विभागों को 31 अक्तूबर तक विस्तृत व्यय रिपोर्ट वित्त विभाग को प्रस्तुत करनी होगी। इसमें बचतों और निर्धारित से अधिक बजट व्यय का ब्योरा देना होगा। वित्तीय वर्ष की पहली छमाही के लिए वास्तविक खर्च और शेष महीनों के लिए अनुमानित खर्च की रूपरेखा देनी होगी। दूसरी आधिक्य एवं बचत विवरणिका में आठ महीनों यानी 30 नवंबर तक का वास्तविक व्यय और शेष चार महीनों के संभावित व्यय की जानकारी देनी होगी। अनुपूरक बजट अनुरोध इस जानकारी पर आधारित होंगे। वित्त विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार ने सभी प्रशासनिक सचिवों को इन आदेशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों के अनुसार सरकार ने देखा है कि हाल के वर्षों में कई विभाग जरूरत से ज्यादा खर्च कर रहे हैं और संभावित बचत का आकलन कम कर रहे हैं। वे आधिक्य और बचत के भी अनुमानित आंकड़े दे रहे हैं। इससे गलत वित्तीय योजना और अनावश्यक बजट अनुरोध सामने आए हैं। इस विषय के समाधान के लिए विभागों को अब किसी भी अधिक खर्च या बचत के लिए स्पष्ट और उचित कारण बताने होंगे। वित्त विभाग ने सटीक वित्तीय आंकड़ों के महत्व पर जोर दिया है। किसी भी विसंगति को जांचा जाएगा। इन निर्देशों के अनुसार प्रथम आधिक्य एवं अभ्यर्पण विवरणिकाएं 31 अक्तूबर तक वित्त विभाग को उपलब्ध हो जाना चाहिए। इसके अंतर्गत चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों यानी 30 सितंबर तक के वास्तविक व्यय और बकाया महीनों के संभावित व्यय के आंकड़े दर्शाए जाने चाहिए। इसी जिन लेखा शीर्षों और मानकों में बचतें दर्शाई जा रही हैं, उनमें विभागध्यक्ष डीडीओ से पहले ही सरेंडर लेना सुनिश्चित किया जाए। वित्त विभाग को इन बचतों को ई-बजट सॉफ्टवेयर में लेना होता है। इन निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करने को कहा गया है।
**भारी बारिश की आशंका को देखते हुए मौसम विभाग ने 31 जुलाई तक जारी किया अलर्ट हिमाचल प्रदेश में मानसून की शुरुआत से लेकर अब तक बारिश के कारण हुई दुर्घटनाओं में 56 लोगों की मौ*त हो चुकी है। आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार 27 जून को मानसून ने हिमाचल में दस्तक देने से लेकर अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 56 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, इस मानसून सीजन में अब तक राज्य को ₹410 करोड़ का नुकसान हुआ है। वहीं, एक बार फिर से मौसम विभाग ने 31 जुलाई तक 8 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, 21 लोगों की मौ*त ऊंचाई से गिरने से, 18 की डूबने से, 8 लोगों की सांप काटने और आठ लोगों की बिजली के झटके लगने से मौ*त हुई है, जबकि एक व्यक्ति की मौ*त अचानक आई बाढ़ में हुई है, जबकि भूस्खलन या बादल फटने से किसी की मौ*त नहीं हुई है। आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार इ, मानसून सीजन में अब तक करीब 100 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। वहीं, लोक निर्माण विभाग को सबसे ज्यादा ₹172 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसके बाद बागवानी विभाग को ₹139 करोड़ का नुकसान हुआ है। शिमला मौसम विभाग ने 31 जुलाई तक राज्य के आठ जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। मौसम विभाग ने प्रदेश में भारी बारिश होने की आशंका को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया है । प्रदेश में 2 अगस्त तक बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है। मौसम विभाग ने तेज हवाओं के कारण बागानों, खड़ी फसलों, कमजोर संरचनाओं और कच्चे घरों को नुकसान पहुंचने और निचले इलाकों में जलभराव की चेतावनी दी है । राज्य के कुछ हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश जारी रही। सिरमौर जिले के धौला कुआं में 123 मिमी बारिश हुई, जबकि नाहन में 74.5 मिमी, कटौला में 40.2 मिमी, पालमपुर में 32 मिमी, पांवटा साहिब में 31.2 मिमी, धर्मशाला में 27.6 मिमी, सुंदरनगर में 26.8 मिमी और बैजनाथ में 25 मिमी बारिश हुई। राज्य में 1 जून से 27 जुलाई तक 40 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है, जिसमें औसत 321.2 मिमी के मुकाबले 194 मिमी बारिश हुई है। इस बीच अकेले जुलाई महीने में बारिश की कमी 33 प्रतिशत रही। क्योंकि राज्य में 1 से 27 जुलाई तक 220.1 मिमी की सामान्य बारिश के मुकाबले 147.5 मिमी बारिश हुई।
आज सोमवार को एक बार फिर से सोने के भाव में गिरावट आई है। सावन महीने के दूसरे सोमवार को सोना सस्ता हुआ है। बता दें कि देश के ज्यादातर राज्यों में पिछले एक हफ्ते के अंदर सोना 6000 रुपये तक सस्ता हुआ है। 29 जुलाई को भारत में सोने की कीमतें 70,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास है। इस रेट में हाई प्योरिटी वाले सोने के लिए प्रीमियम शामिल है, जिसमें 24 कैरेट सोने की कीमत 68,990 रुपये प्रति 10 ग्राम है। 22 कैरेट सोना की कीमत 63,240 रुपये प्रति 10 ग्राम है। इस बीच, चांदी की कीमत 84,400 रुपये प्रति किलोग्राम रही। सरकार ने हाल ही में सोने और चांदी सहित विभिन्न उत्पादों पर सीमा शुल्क में कटौती की है। कीमती धातुओं के सिक्कों, सोने/चांदी की खोज और सोने और चांदी की छड़ों पर मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दिया गया। सोने और चांदी के डोर के लिए इसे 14.35 फीसदी से घटाकर 5.35 फीसदी कर दिया गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने और चांदी के भाव में तेजी देखने को मिल रही है। शनिवार को एक औंस सोने की कीमत 2387 डॉलर थी, सोमवार तक इसमें 7 डॉलर की तेजी आई और यह 2394 डॉलर पर पहुंच गई। फिलहाल एक औंस चांदी की कीमत 28.06 डॉलर है।
हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग में कांस्टेबल भर्ती के नियमों में कई बदलाव किए हैं। पहली बार उम्मीदवार को लंबाई के अतिरिक्त अंक मिलेंगे। भर्ती होने वाले अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग के बाद पहली बार कमांडो कोर्स करवाया जाएगा। प्रदेश में 1,226 पदों को लेकर जल्द भर्ती प्रकिया शुरू होने वाली है। लोकसेवा आयोग के माध्यम से यह भर्ती की जानी है। पुलिस मुख्यालय ने भर्ती नियम की शर्तें लागू की हैं। भर्ती में एक जनवरी 2024 के आधार पर अभ्यर्थियों की आयु सीमा को गिना जाएगा। भर्ती नियमों की शर्तों के अनुसार पुरुष उम्मीदवार को 5 फुट 7 इंच से कम लंबाई पर कोई अंक नहीं मिलेगा। 5 फुट 7 इंच से ज्यादा और 5 फुट 8 इंच से कम लंबाई होने पर 1 अंक, 5 फुट 8 इंच से ज्यादा और 5 फुट 9 इंच से कम लंबाई पर 2 अंक, 5 फुट 9 इंच से ज्यादा और 5 फुट 10 इंच से कम लंबाई पर 3 अंक और 5 फुट 10 इंच से ज्यादा और 5 इंच 11 इंच से कम लंबाई पर 4 अंक, 5 फुट 11 इंच से ज्यादा और 5 फुट 12 इंच से कम लंबाई के 5 और 6 या इससे अधिक इंच लंबाई होने पर 6 अंक मिलेगें। इसी तरह महिला उम्मीदवारों को 5 फुट 3 इंच से ज्यादा लेकिन 5 फुट 4 इंच से कम लंबाई पर 1 अंक, 5 फुट 4 इंच से ज्यादा लेकिन 5 फुट 5 इंच से कम लंबाई पर 2 अंक, 5 फुट 5 इंच से ज्यादा लेकिन 5 फुट 6 इंच से कम लंबाई पर 3 अंक, 5 फुट 6 इंच से ज्यादा और 5 फुट 7 इंच से कम लंबाई पर 4 अंक, 5 फुट 7 इंच से ज्यादा और 5 फुट 8 इंच से कम लंबाई पर 5 अंक और 5 फुट 8 इंच से ज्यादा लंबाई होने पर 6 अंक मिलेंगें। पुरुष उम्मीदवारों को 5 मिनट 30 सेकंड में 1,500 मीटर दौड़ और महिला उम्मीदवारों को 800 मीटर दौड़ 3 मिनट 45 सेकंड में पूरी करनी होगी। दौड़ के लिए अलग से मौका नहीं मिलेगा। इसी तरह पुरुष उम्मीदवारों को 1.35 मीटर ऊंची कूद और महिला उम्मीदवारों को 1.10 मीटर की ऊंची कूद लगानी होगी। इसके लिए तीन मौके मिलेंगे। पुरुष उम्मीदवारों को 14 सेकंड में 100 मीटर और महिला उम्मीदवारों को 17 सेकंड में दौड़ पूरी करनी होगी। इसी तरह पुरुष उम्मीदवारों को चार मीटर और महिला उम्मीदवारों को तीन मीटर लंबी छलांग लगानी होगी। इसके लिए तीन मौके दिए जाएंगे। पुलिस भर्ती के लिए 18 से 26 वर्ष की उम्र के सामान्य उम्मीदवार, 18 से 28 वर्ष के अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, गोरखा और प्रतिष्ठित खिलाड़ी और 20 से 29 वर्ष की उम्र के होमगार्ड पात्र होंगे।
**पहाड़ में सुक्षित सफर को लेकर किया जाएगा ट्रक ऑपरेटर को जागरूक बीते दिनों हिमाचल सरकार ने सेब सीजन को मद्देनज़र रखते हुए बाहर से आने वाले ट्रक ऑपरेटरों को स्पेशल टैक्स से छूट देने का फैसला किया था अब इसके साथ बाहर से आने वाले ट्रक आपरेटरों को सडक़ सुरक्षा का पाठ भी पढ़ाया जाएगा। इस बार विशेष रूप से ट्रक आपरेटरों के लिए सडक़ सुरक्षा जागरूकता अभियान प्रदेश में चलेगा, जिसके लिए बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने परिवहन विभाग के अधिकारियों एक बैठक की थी जिसमे ये निर्देश दिए गए हैं कि ट्रक चालकों को सडक़ सुरक्षा के बारे में बताएं। प्रदेश की सभी मंडियों में सडक़ सुरक्षा जागरूकता को लेकर प्रचार किया जाएगा। मंडियों में पहुंचने वाले ट्रक आपरेटरों से चर्चा की जाएगी, उनको बताया जाएगा कि पहाड़ में वह कैसे सुरक्षित सफर करें। मंडियों में विशेष रूप से प्रचार सामग्री लगाई जाएगी जहां जागरूकता को लेकर सभी तरह की जानकारियां दी जाएंगी। इसके अलावा सीजन के दौरान नेशनल हाई-वे पर भी सडक़ सुरक्षा का पाठ पढ़ाने के लिए इंतजाम किए जाएंगे।
** प्रदेश सरकार के 18 माह के कार्यकाल में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के सत्ता में आने के बाद से हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। राज्य में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2022 की पहली छमाही में राज्य ने 86.42 लाख पर्यटकों का स्वागत किया, जबकि जून 2024 के अंत तक यह संख्या बढ़कर 1,00,87,440 हो गई। प्रदेश सरकार राज्य में पर्यटन अधोसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर नवोन्मेषी प्रयास कर रही है। सरकार के प्रयासों से राज्य में पर्यटन को पंख लगे हैं। पर्यटकों की संख्या में हुई उल्लेखनीय वृद्धि का श्रेय क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा की गई सफल पहलों और प्रयासों को जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में पर्यटन उद्योग के लिए मजबूत बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करने के साथ कई कदम उठाए हैं। सड़क नेटवर्क और हवाई सम्पर्क सुविधा को सुदृढ़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तारीकरण जारी है, जबकि बेहतर हवाई संपर्क सुनिश्चित करने के लिए राज्य के हर जिला मुख्यालय में हेलीपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है। पांच हेलीपोर्ट का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। शिमला से बेहतर हवाई संपर्क सुनिश्चित करने के लिए संजौली हेलीपोर्ट को जल्द ही कार्यशील किया जाएगा। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2018 की पहली छमाही में 89 लाख पर्यटक, 2019 में 99.57 लाख, 2020 में 22.04 लाख, 2021 में 19.75 लाख और 2022 में 86.42 लाख पर्यटकों ने प्रदेश का भ्रमण किया। दिसंबर 2022 में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में पर्यटन की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए पर्यटन विकास को प्राथमिकता दी है। लाहौल-स्पीति के चंद्रताल, काजा और तांदी व किन्नौर के रकछम, नाको, चांगो और खाब में नए पर्यटन स्थलों को विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा कुफरी के समीप हसन वैली में स्काई वॉक ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का वार्षिक 5 करोड़ पर्यटकों को आकर्षित करने का लक्ष्य है, इसके लिए सरकार साहसिक पर्यटन को प्रोत्साहित कर रही है, वहीं धार्मिक और ग्रामीण पर्यटन सैलानियों के अनुभव को चिरस्मरणीय बना रहा है। वर्ष 2024-25 के बजट में मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश को अगले 10 वर्षों में समृद्ध और आत्मनिर्भर राज्य बनाने के लिए अपने दृष्टिकोण को रेखांकित किया है, जिसमें प्रदेश को एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह दृष्टिकोण एक खुशहाल, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध, स्वस्थ, सक्षम, सुदृढ़ और आत्मनिर्भर हिमाचल प्रदेश के लक्ष्य को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिले को राज्य की पर्यटन राजधानी घोषित किया गया है। पर्यटकों के अनुभव को अविस्मरणीय बनाने के लिए यहां अधोसंरचना का विकास किया जा रहा है। बिलासपुर के गोबिंद सागर और ऊना के अंदरौली में जलक्रीड़ा पर्यटन गतिविधियां शुरू की जा रही हैं। स्थानीय लोगों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए पौंग बांध में गर्म हवा के गुब्बारों से पर्यटन गतिविधियां संचालित करने की तैयारी है। पर्यटकों की आमद को ध्यान में रखते हुए, पर्यटन के चरम सीजन के दौरान दुकानों को 24 घंटे खुला रखने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज चंबा के ऐतिहासिक मिंजर मेले में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। उन्होंने मधुर कुंजड़ी-मल्हार गीतों की धुनों के बीच मिंजर ध्वज फहराकर मेले का औपचारिक शुभारम्भ किया। इस मौके पर लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया और अन्य लोग भी उपस्थित रहे। राज्यपाल ने कहा कि अपनी समृद्ध परंपराओं के लिए प्रसिद्ध मिंजर मेला हिमाचल प्रदेश की अनूठी संस्कृति को प्रदर्शित करता है और भाईचारे और बंधुत्व की भावना को बढ़ावा देता है। राज्यपाल ने मिंजर उत्सव को प्राचीन लोक परंपराओं, विश्वासों और आस्थाओं के साथ गहरे संबंधों का प्रतीक बताया। उन्होंने प्रदेश में बढ़ रही नशे की लत को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने इस बुराई के खिलाफ सामूहिक जागरूकता पर बल देते हुए कहा कि सभी को बुराई का एकजुट होकर सामना करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी सामाजिक संरचना नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे असामाजिक तत्वों का मुकाबला करने के लिए संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण बेहद महत्वपूर्ण है। राज्यपाल ने इस अवसर पर पूर्व सैनिकों को उनकी अनुकरणीय सेवाओं तथा वीर-नारियों को भी सम्मानित किया। मेला कमेटी के अध्यक्ष एवं जिला चंबा के उपायुक्त मुकेश रेप्सवाल ने आयोजन समिति की ओर से राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने मिंजर मेले के दौरान आयोजित की जाने वाली गतिविधियों और इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में भी विस्तार से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि मेले की पहली सांस्कृतिक संध्या देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों के नाम समर्पित की गई है। पुलिस अधीक्षक और मिंजर मेला खेल कमेटी के अध्यक्ष अभिषेक यादव ने भी कमेटी की ओर से राज्यपाल को सम्मानित किया। इस अवसर पर राज्यपाल और लेडी गवर्नर को मिंजर भेंट की गई। मेला कमेटी की ओर से उपायुक्त ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया और विधायक नीरज नैय्यर तथा डीएस ठाकुर को भी समानित किया। इससे पहले राज्यपाल ने प्राचीन लक्ष्मी नारायण मंदिर में मिंजर अर्पित कर माथा टेका और आशीर्वाद प्राप्त किया। राज्यपाल ने विभिन्न विभागों, बोर्डों और निगमों द्वारा सरकार की कल्याणकारी योजनाओं पर आधारित प्रदर्शनी का शुभारंभ भी किया। राज्यपाल ने मिंजर मेला खेल प्रतियोगिता के शुभारम्भ की औपचारिक घोषणा की। उन्होंने लड़कियों की टीमों के बीच खेला गया कबड्डी मैच भी देखा। उन्होंने जिला रेडक्रॉस सोसायटी के माध्यम से जरूरतमंदों को स्वास्थ्य उपकरण वितरित किए तथा रक्तदाताओं को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर भारी संख्या में लोग मौजूद थे।
**62 हजार के स्टॉक में से अब तक मात्र दस हजार बिके **मार्केट से कम दरों पर कार्टन खरीद रहे बागबान, क्वालिटी घटिया **एचपीएमसी ने सभी स्थानों पर पहुंचा दिए हैं बॉक्स हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन शुरू हो गया है और यूनिवर्सल कार्टन में ही सेब मंडियों में लाया जाने लगा है। सेब सीजन की शुरुआत में ही बागबान कार्टन खरीदकर रखते हैं, ताकि जैसे-जैसे तुड़ान शुरू हो उसे कार्टन में भरना शुरू कर दें। सरकार ने अच्छी क्वालिटी का कार्टन उपलब्ध करवाने के लिए एचपीएमसी को निर्देश दे रखे हैं, जिसने कार्टन मंगवा भी लिया और नजदीक के स्थानों तक पहुंचा भी दिया है, मगर उनसे कार्टन खरीदने के लिए कोई नहीं आ रहा। जानकारी के अनुसार एचपीएमसी ने बागबानों को यूनिवर्सल कार्टन उपलब्ध करवाने के लिए 62 हजार कार्टन जुटाए हैं। जिन कंपनियों को टेंडर के बाद एचपीएमसी ने काम दिया है उनसे कार्टन की खरीद की जा रही है और बढिय़ा क्वालिटी का कार्टन लिया है। इन कंपनियों से आने वाले कार्टन की बाकायदा टेस्टिंग करवाई जा रही है और यह टेस्टिंग बागबानी विभाग अपनी लैब में कर रहा है। टेस्टिंग के बाद पहुंच रहे कार्टन को लेने के लिए बागबान तैयार नहीं है, जिसकी जगह वह मार्केट से यूनिवर्सल कार्टन खरीद रहे हैं। बताया जाता है कि एचपीएमसी ने जो 62 हजार कार्टन मंगवाया है उसमें से केवल 10 हजार के करीब कार्टन ही बिक पाया है। इससे साफ है कि बागबान किसी भी तरह का रूझान नहीं दिखा रहे हैं। यहां तक की नजदीक के क्षेत्रों में एचपीएमसी ने कार्टन पहुंचा दिया है। मार्केट से एचपीएमसी का कार्टन डेढ़ रुपए महंगा मिल रहा है मगर इसकी गुणवत्ता की जिम्मेदारी खुद एचपीएमसी की है। मार्केट के कार्टन की गुणवत्ता को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि यदि बागबान कार्टन एचपीएमसी से लेंगे तो उसकी गुणवत्ता की जिम्मेदारी भी एचपीएमसी की होगी। अब मार्केट से किस क्वालिटी का ले रहे हैं इसमें कुछ नहीं किया जा सकता। इसे लेकर चाहे कोई जितनी भी शिकायत करे सरकार कुछ नहीं कर सकती है। सेब पेटियों की गुणवत्ता को लेकर विपक्षी दल भाजपा के नेता भी सवाल उठा रहे हैं, परंतु जब एचपीएमसी से लोग कार्टन ले ही नहीं रहे तो इसमें सरकार क्या कर सकती है। सरकार बागबानों को कार्टन मुहैया करवाने के लिए प्रयास कर रही है, लेकिन बागबान अपनी मर्जी से कार्टन ले रहे हैं। ऐसे में विपक्ष के सवाल भी सरकार गंभीरता से नहीं ले रही। बता दें कि एचपीएमसी का कार्टन 53 रुपए से लेकर 65 रुपए तक मिल रहा है। यह अलग-अलग श्रेणी का कार्टन है, जिसमें व्हाइट और ब्राउट कार्टन अलग-अलग क्वालिटी का है। इसमें एचपीएमसी डेढ़ रुपए ज्यादा वसूल रही है, लेकिन गुणवत्ता की जिम्मेदारी भी ले रही है।