जयराम से पहले मंडी के ये तीन नेता बन सकते थे सीएम
2017 में जिला मंडी में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया था और इसका इनाम भी मंडी को मिला। भाजपा के सीएम फेस प्रो प्रेम कुमार धूमल के चुनाव हारने के बाद जिला मंडी की सिराज सीट से पांचवी बार विधायक बने जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री बनाया गया। इस तरह जिला मंडी का सीएम पद का इन्तजार भी खत्म हुआ। पर इससे पहले तीन मौके ऐसे आए थे जब मंडी को सीएम पद मिलते -मिलते रह गया था। मंडी जिला से मुख्यमंत्री पद की दावेदारी सबसे पहले आई वर्ष 1962 में। उस समय चच्योट विधानसभा क्षेत्र से ही विधायक ठाकुर कर्म सिंह मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे। ठाकुर कर्म सिंह टेरिटोरियल काउंसिल के प्रथम अध्यक्ष रहे थे और माना जाता है कि अधिकांश विधायकों का समर्थन भी उनके साथ था। बावजूद इसके वे डॉ. यशवंत सिंह परमार से इस दौड़ में पिछड़ गए।
जिला मंडी को मुख्यमंत्री पद मिलने का दूसरा बड़ा मौका आया वर्ष 1993 में। 1990 की करारी हार के बाद 1993 के चुनाव में कांग्रेस की वापसी तो हुई लेकिन वीरभद्र सिंह का तीसरी बार मुख्यमंत्री बनना तब तय नहीं था। वीरभद्र सिंह को चुनौती दे रहे थे पंडित सुखराम। तब जिला मंडी की 9 सीटें कांग्रेस जीती थी और नाचन सीट कांग्रेस के बागी की झोली में गई थी। कांग्रेस प्रदेश की 53 सीटें जीती थी और कहते है तब पंडित सुखराम को 22 विधायकों का समर्थन प्राप्त था। पर मंडी जिला के ही दो बड़े नेता कौल सिंह ठाकुर और रंगीला राम राव ने वीरभद्र सिंह का साथ दिया और पंडित सुखराम मुख्यमंत्री बनते बनते रह गए।
2012 चुनाव से पहले में कौल सिंह ठाकुर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे और मुख्यमंत्री की दौड़ में आगे भी। पर चुनाव से ठीक पहले वीरभद्र सिंह प्रदेश की सियासत में वापस लौट आएं और उन्होंने सीएम पद पर फिर दावा ठोक दिया। वीरभद्र सिंह ने तेवर दिखाएं तो आलाकमान भी झुका और उन्हीं के नेतृत्व में कांग्रेस ने चुनाव लड़ा। इस तरह वीरभद्र सिंह छठी बार मुख्यमंत्री बन गए और मंडी का सपना तीसरी बार टूट गया। साठ के दशक में शुरू हुई जिला मंडी को मुख्यमंत्री का पद दिलाने की कवायद आख़िरकार 2017 में पूरी हुई। दिलचस्प बात ये है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का निर्वाचन क्षेत्र सिराज है जो 2008 के परिसीमन से पहले चच्योट के नाम से जाना जाता था। इसी चच्योट हलके के विधायक कर्म सिंह ठाकुर ने पहली बार मंडी के लिए सीएम पद की लड़ाई लड़ी थी।
क्या मंडी के पास ही रहेगा सीएम पद ?
मौजूदा चुनाव में अगर भाजपा रिपीट कर पाई तो एक बार फिर सीएम पद मंडी के पास ही रहना तय है। उधर अगर कांग्रेस भी अगर सत्ता में आती है तो भी सीएम पद मंडी को मिल सकता है। दरअसल कांग्रेस से कौल सिंह ठाकुर भी सीएम पद की दौड़ में माने जा रहे है। हालांकि प्रतिभा सिंह, सुखविंद्र सिंह सुक्खू, मुकेश अग्निहोत्री, राम लाल ठाकुर और आशा कुमारी सहित कई अन्य नेता भी इस फेहरिस्त में शामिल है।