अपने ही वोट से इस तरह सीएम बने थे शांता कुमार
1977 के विधानसभा चुनाव से पहले हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस एकछत्र राज था। 1972 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 53 सीटें जीती थी और यशवंत सिंह परमार फिर मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन 1977 आते-आते हालात बदल चुके थे। देश में लगे आपातकाल के बाद कांग्रेस को लेकर पूरे देश में गुस्सा था और हिमाचल प्रदेश भी इससे अछूता नहीं था। इंदिरा गांधी सरकार ने 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लागू किया था। 21 महीने तक लगे इस आपातकाल को 21 मार्च 1977 को खत्म किया गया था और इसके बाद हिमाचल प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव हुए। कई मायनों में साल 1977 का ये विधानसभा चुनाव खास था। दरअसल इस चुनाव के बाद पहली बार प्रदेश में गैर कांग्रेसी सरकार बनी थी और मुख्यमंत्री बने थे शांता कुमार।
शांता कुमार के सीएम पद तक पहुंचने का किस्सा भी काफी रोचक है। 1977 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में जनता पार्टी को 53 सीटें मिली थी। जबकि कांग्रेस को महज 9 सीट मिली थी। उस चुनाव में 6 निर्दलीय भी जीते थे और सभी ने जनता पार्टी को समर्थन दिया। इस तरह कुल विधायकों का आंकड़ा पहुंच गया 59। चुनाव के बाद बारी आई मुख्यमंत्री चुनने की। सीएम पद के लिए शांता कुमार का मुकाबला हमीरपुर के लोकसभा सदस्य ठाकुर रणजीत सिंह से था। सीएम पद के लिए एक गुट ने सांसद रणजीत सिंह का नाम आगे किया, तो दूसरे ने शांता कुमार के नाम का प्रस्ताव रखा। दोनों गुट सीएम पद पर समझौता करने को तैयार नहीं थे। ऐसे में वोटिंग ही इकलौता रास्ता रह गया था। शांता कुमार के अलावा कुल 58 विधायक थे और जब वोटिंग हुई तो इनमें से 29 ने शांता कुमार का समर्थन किया और 29 ने रणजीत सिंह का। इसके बाद जो हुआ वो इतिहास है। तब अपने ही वोट से शांता कुमार के समर्थक विधायकों का आंकड़ा 30 पंहुचा और इस तरह वे पहली बार मुख्यमंत्री बने।
पर 1977 में प्रचंड बहुमत के साथ बनी शांता कुमार की सरकार करीब तीन साल बाद अल्पमत में आ गई। दरअसल फरवरी 1980 में जनता पार्टी के 22 विधायकों ने कांग्रेस का दामन थाम लिया और रही सही कसर निर्दलीयों ने पूरी कर दी। तब दल-बदल कानून नहीं हुआ करता था। सो ठाकुर रामलाल की जोड़ तोड़ के आगे शांता कुमार के उसूल नहीं टिके। शांता कुमार ने भी इस्तीफा दिया और फिल्म देखने चले गए। फिल्म का नाम था जुगनू। बताते है कि अगले दिन लाल कृष्ण आडवाणी ने शांता कुमार को फ़ोन किया और पूछा कौन सी फील देखी। शांता ने जवाब दिया जुगनू, साथ ही फिल्म का रिव्यु भी दे दिया। बोले, 'बहुत अच्छी फिल्म है आप भी देखकर आइये।'