धर्मशाला : धौलाधार की पहाड़ियों में बर्फवारी होने से बढ़ी ठंड
धौलाधार की पहाड़ियों में बर्फवारी होने से बढ़ी ठंड
पूरी कांगड़ा घाटी में ठंड हुई प्रचंड
धर्मशाला(सुनील समियाल )। मौसम के करवट बदलने से धौलाधार की पहाड़ियों में हुई बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में बारिश से समूची कांगड़ा घाटी प्रचंड शीतलहर की चपेट में आ गई है। मौसम के इस मिजाज से खासकर मैक्लॉडगंज और साथ लगते क्षेत्रों धर्मकोट, नड्डी, भागसूनाग और धर्मशाला में जोरदार ठंड पड़ने से एक बार फिर से आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। धौलाधार पर्वत श्रृंखला के दो पर्यटक स्थलों त्रियुंड व बिलिंग ने एक बार फिर से बर्फ की चादर ओढ़ी है। मंगलवार सुबह से ही धौलाधार में बर्फबारी का सिलसिला शुरू है। इस दौरान कांगड़ा जिला के कई मैदानी क्षेत्रों में बारिश भी हो रही है। इससे तापमान में गिरावट आई है। सोमवार रात से खराब हुए मौसम के कारण जिला की पहाड़ियों पर बर्फबारी हुई। इस दौरान धौलाधार की पहाड़ियों सहित अंतरराष्ट्रीय ट्रैकिंग स्थल त्रियुंड, पालमपुर, छोटा बंगाल और बीड़ बिलिंग में हल्की बर्फबारी दर्ज हुई। इसके अलावा निचले क्षेत्रों में शीतलहर चलने के कारण ठंड का माहौल रहा। धौलाधार में हलकी हिमपात हुई है और हिमपात से धौलाधार चमकने लगा है। शीतलहर के कारण कंपकंपी बढ़ गई है। तापमान में आई गिरावट से ठिठुरन महसूस की जा रही है। इसके साथ स्थनीय ट्रैकर सचिन पठानिय ने बताया कि त्रियुंड में बर्फ़बारी होने के कारण वंहा घूमने गए पर्यटकों को भी सचिन द्वारा वापिस सुरक्षित लाया गया है।
इनसेट
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मौसम ख़राब होने पर त्रियुंड नहीं जा पाएंगे पर्यटक
सर्दियों की दस्तक के साथ ही ट्रेकिंग क्षेत्र त्रियुंड के लिए पुलिस प्रशासन ने नए नियम लागू कर दिए हैं। अब मौसम ख़राब होने पर किसी भी ट्रेकर या पर्यटक को त्रियुंड जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। एसपी कांगड़ा खुशाल शर्मा ने कहा कि यह आदेश लोगों की जान-माल की सुरक्षा के दृष्टिगत एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जारी किए गए हैं। त्रियुंड क्षेत्र में पर्यटकों के रास्ता भटक जाने, गिर जाने अथवा लापता हो जाने की काफी घटनाएं ध्यान में आई हैं। उन्होंने बताया कि गलू चैक पोस्ट से आगे भूगोलिक स्थिति काफी दुर्गम है, यह पहाड़ी व जंगल का क्षेत्र है, जहां पर बर्फ़बारी और बारिश के मौसम में अक्सर फिसलन रहती है । हिमपात के दौरान कई बार जंगली जानवर पहाड़ी से नीचे आकर त्रियुंड के रास्ते में आ जाते हैं, जो पर्यटकों के लिए जानलेवा हो सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ इसी तरह सर्दियों में जंगली जानवरों द्वारा त्रियुंड क्षेत्र में जगली जानवरों के हमले की अंशका बनी रहती है। हिमपात के दौरान कई बार जंगली जानवर पहाड़ी से नीचे आकर त्रियुंड के रास्ते में आ जाते हैं, जो पर्यटकों के लिए जानलेवा हो सकता है।
