धर्मशाला रोपवे को बंद करने पर पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने सरकार को घेरा
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने धर्मशाला रोपवे के आनन फ़ानन में किए गए उद्घाटन और चार दिन बाद इसे बंद कर दिए जाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब रोपवे पूरी तरह तैयार नहीं था तो उद्घाटन करवा कर मुसाफ़िरों की जान को ख़तरे में क्यूँ डाला गया। उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट होता है की रोपवे यातायात के लिए 100% फ़िट नहीं था। यह काम केपीसटी पर चल रहा था और टेस्ट फेल हो चुका था, जिसे सबसे छुपाया गया। इस बात को रोपवे (टाटा) कम्पनी जानती थी कि रोप जोआइंट ठीक करने के लिए इसे बंद करना पड़ेगा, जिस बात को उन्होंने गुप्त रखा। रोपवे के साथ करार में यह शर्त थी कि एक हज़ार व्यक्ति एक घंटे में सफ़र करेंगे पर रोपवे मात्र 650 लोगों की ही कपेसीटी रखता है। उन्होंने कहा कि इन सब बातों से पता चलता है कि जहाँ एक तरफ़ टाटा रोपवे कंपनी की लापरवाही रही है वहीं दूसरी तरफ़ सरकार ने सिर्फ़ अपना फटा लगाने के लिए इतने बड़े प्रोजेक्ट को गंभीरता से नहीं लिया, जिस वजह से कई लोगों की ज़िंदगी को दाँव पर लगाया गया है।
