आइसोलेशन पीरियड को खतम करने का सरकार का फरमान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण : डॉ पुष्पेंद्र वर्मा
हिमाचल प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ ने आज सरकार की जारी उस अधिसूचना का संज्ञान लेते हुए उस पर कड़ा अफसोस और विरोध जताया है जिसमें उनके सन्ग्रोध पीरियड को खतम किया गया है। प्रदेश महासचिव डॉ पुष्पेंद्र वर्मा ने बताया कि सरकार को इस महामारी के समय में इस तरह के फरमान जो कि दूसरे प्रदेशों में या दूसरी बड़े शहरों में जारी हो रहे हैं उनका अनुसरण करने से बचना चाहिए। यह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है और हमारे करोना वारियर्स के लिए दुखदाई है कि सरकार 10 दिन लगातार कोविड वार्ड में ड्यूटी देने के बाद 7 दिन के आइसोलेशन के पीरियड को खत्म कर रही है,जोकि इस समय बहुत ही गलत निर्णय है। चिकित्सक, स्टाफ नर्सेज अन्य पैरामेडिकल स्टाफ 10 दिन एक बहुत ही बड़े वायरल लोड के वातावरण के अंदर काम कर रहे हैं और इसलिए उसके बाद उनको आइसोलेशन पीरियड वैसे ही जारी रहना चाहिए जैसे पहले था ।सरकार का कहना है कि इनको दोनों वैक्सीन की डोज लग चुकी है , इसलिए आप तब तक काम करते रहें जब तक आप का शरीर करोना संक्रमित नहीँ हो जाता, जो कि एक बहुत ही असंवेदनशील और मानवीय मूल्यों के हितों के विरोधात्मक तर्क है। सरकार कहती है कि एम्स दिल्ली में इस तरह की व्यवस्था है, इसलिए हम भी ऐसी करेंगे, तो सरकार से हम पूछना चाहते हैं कि एम्स दिल्ली में तो और भी बहुत सारी व्यवस्थाएं हैं अपने चिकित्सकों के लिए , तो क्या वह भी आपने आज तक लागू करी है? AIIMS स्वास्थ्य संस्थान अपने हर चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ को आवासीय सुविधा परिसर में उपलब्ध करवाता है क्या हिमाचल में भी सरकार ऐसा कर रही है? और सबसे बड़ा सवाल वैक्सीन तो करोना वॉरियर्स को लगी है उनके बच्चों को या उनके घर वालों को नहीं लगी है, तो क्या करोना वारियेर्स के परिवार वालों की जान की कोई कीमत नहीं है? दूसरा सरकार को हम यह बता देना चाहते हैं कि सबसे ज्यादा जो मृत्यु दर है वह क्रोना वारियेर्स और उनकी परिवारों के सदस्यों की है। पूरे देश में आज तक 750 से ऊपर चिकित्सक और 1200 सौ से ऊपर पैरामेडिकल स्टाफ अपनी जान की आहुति इस महामारी के साथ लड़ाई में अपने प्रदेश और देश के लोगों की जान बचाने के लिए दे चुके हैं। सबसे मजेदार सवाल यह है कि क्या सरकार इस बात की गारंटी दे सकती है के कोरोना वॉरियर्स को वैक्सीन लगने के बाद वह करोना से संक्रमित नहीं होंगे और हुए तो क्या उनका और उनके परिजनों का पूरा ख्याल रखेगी? और रही ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट को अनुसरण करने की बात तो सरकार के ध्यान अर्थ हम लाना चाहते हैं के एम्स में जो भी कोरोना वॉरियर्स कोविड वार्ड में ड्यूटी दे रहे हैं वह सिर्फ 6 घंटे प्रतिदिन की ड्यूटी दे रहे हैं और 1 सप्ताह में उनको सिर्फ 5 बार ही यह ड्यूटी करनी पड़ती है और उसके बाद उनको 2 दिन का अवकाश दिया जाता है, और साथ में हम यह भी बता देते हैं कि इस समय एम्स दिल्ली में ओपीडी सर्विस बंद है केवल टेली मेडिसन सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा हर समय एक चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम हमेशा तैनात रहती है अगर ड्यूटी पर किसी भी चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ को कोई भी समस्या हो रही हो तो उसको स्थानांतरित करने के लिये। अंत में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि जितने चिकित्सक ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज दिल्ली में है उतने पूरे हिमाचल प्रदेश के अंदर नहीं है , तो इसलिए सरकार को अपने प्रदेश के हिसाब से सबको विश्वास में लेकर क्रोना वारियेर्स के बारे में कोई नीति बनानी चाहिए।हिमाचल प्रदेश मेडिकल अफसर इस अधिसूचना का विरोध करती है और इस विरोध में हमारे साथ प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजेस के रेजिडेंट डॉक्टर संघ हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। अगर इस अधिसूचना को 3 दिन के भीतर वापस नहीं लिया जाता है तो सारे प्रदेश के चिकित्सक काले बिल्ले लगाकर इसका विरोध करेंगे। यह समय महामारी का है इसलिए हम अपनी जनता को एक भी पल का कष्ट नहीं दे सकते इसलिए सरकार इस मसले पर गंभीरता पूर्वक विचार करें और इस अधिसूचना को तुरंत वापस लिया जाए ।हम माननीय मुख्यमंत्री जी और माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी से यह विशेष अनुरोध करते हैं कि इस मामले में आप खुद विशेष रूप से हस्तक्षेप कर पुनर्विचार करके इस अधिसूचना को जल्द से जल्द रद्द करवा कर करोना वारियेर्स के मनोबल को बढ़ाएं।
